#Flashback: भैरोसिंह शेखावत की नजर में गठबंधन सरकार थी 'भीखू की घोड़ी'
By प्रदीप द्विवेदी | Published: November 3, 2018 07:39 AM2018-11-03T07:39:13+5:302018-11-03T07:39:13+5:30
देश में उपराष्ट्रपति पद तक पहुंचने वाले भैरोसिंह शेखावत राजस्थान के एकमात्र नेता हैं। उनका जन्म 23 अक्टूबर 1923 को हुआ था और 86 वर्ष की उम्र में 15 मई 2010 को उनका निधन हुआ।
यह बात अलग है कि भाजपा को भी गठबंधन सरकारें बनानी पड़ीं, लेकिन गठबंधन सरकारों को लेकर भाजपा शुरू से ही असहज रही है। राजस्थान में भाजपा के सबसे लोकप्रिय नेता और तीन बार मुख्यमंत्री रहे भैरोसिंह शेखावत गठबंध सरकार की तुलना-भीखू की घोड़ी से करते थे।
वे अपने चुनावी भाषण में भाजपा को पूर्ण बहुमत देने की अपील तो करते ही, साथ ही गठबंधन सरकार को लेकर भीखू की घोड़ी की कहानी सुनाते थे। जो कि इस प्रकार थी...एक गांव में भीखू की घोड़ी थी, जिस पर कभी कोई तो कभी कोई सवार हो जाता। इससे न तो भीखू को और न ही घोड़ी को कोई फायदा हुआ, यही नहीं सवारी करने वालों को भी संतोष नहीं मिला। इसलिए वोट पूर्ण बहुमत के लिए देना, गठबंधन सरकार के लिए मतदान मत करना?
हालांकि, बाद में भाजपा भी गठबंधन सरकार का हिस्सा बनी। इसके बाद घाटोल विधानसभा क्षेत्र की चुनाव सभा को संबोधित करने आए भैरोसिंह शेखावत से जब पूछा गया कि- आजकल भीखू की घोड़ी कहां है? तो वे मुस्कुराए और आगे बढ़ गए।
देश में उपराष्ट्रपति पद तक पहुंचने वाले भैरोसिंह शेखावत राजस्थान के एकमात्र नेता हैं। उनका जन्म 23 अक्टूबर 1923 को हुआ था और 86 वर्ष की उम्र में 15 मई 2010 को उनका निधन हुआ। वे 22 जून 1977 से 16 फरवरी 1980, 4 मार्च 1990 से 15 दिसंबर 1992 और 4 दिसंबर 1993 से 1 दिसंबर 1998, तीन बार राजस्थान के मुख्यमंत्री रहे। भैरोसिंह शेखावत 19 अगस्त 2002 से 21 जुलाई 2007 तक देश के उपराष्ट्रपति रहे।
इस वक्त राजस्थान विधानसभा चुनाव में यदि तीसरे मोर्चे को कामयाबी मिलती है तो राजस्थान में गठबंधन सरकार बन सकती है, क्योंकि तीसरा मोर्चा केवल उत्तरी राजस्थान में प्रभावी है, इसलिए तीसरे मोर्चे को पूर्ण बहुमत मिलने की संभावना कम ही है, अलबत्ता कांग्रेस या भाजपा जीत का शतक नहीं लगा पाए तो राजस्थान में गठबंधन सरकार बनेगी।