राजस्थान में उपभोक्ता आंदोलन सशक्त रहा है तथा इससे जुड़ी विभिन्न गतिविधियां लंबे समय से जारी हैं. कुछ समय पहले देश के स्वैच्छिक उपभोक्ता संगठनों के भारतीय उपभोक्ता परिसंघ की राष्ट्रीय कार्यकारिणी की बैठक फुलेरा में आईकेन व सीसीआई के अध्यक्ष डॉ. अनन्त शर्मा की अध्यक्षता में आयोजित की गई, जिसमें उपभोक्ता आन्दोलनकारियों ने एक स्वर में केन्द्र सरकार द्वारा गत वर्ष बनाये गये नये उपभोक्ता कानून 2019 को देश में लागू करने की मांग की. इस बैठक में उपभोक्ता मंचों में सदस्यों की नियुक्ति के मुद्दे पर भी चर्चा हुई थी.
इधर, राजस्थान सरकार ने एक अधिसूचना जारी कर राज्य उपभोक्ता विवाद प्रतितोष आयोग में उपभोक्ता संरक्षण अधिनियम 1986 की धारा 16 उप धारा (1) खंड (ख) के अंतर्गत प्रदत्त शक्तियों का प्रयोग करते हुए न्यायिक एवं गैर न्यायिक 7 सदस्यों की नियुक्ति की है, जिसके अनुसार पूर्णकालिक सदस्य (न्यायिक) के पद पर महावीर प्रसाद शर्मा, अतुल कुमार चटर्जी एवं सुरेंद्र कुमार जैन को नियुक्त किया गया है.
इसी प्रकार पूर्णकालिक सदस्य (गैर न्यायिक) के पद पर शोभा सिंह, रामफूल गुर्जर, शैलेंद्र भट्ट एवं संजय टांक को नियुक्त किया गया है. इसी तरह जिला उपभोक्ता विवाद प्रतितोष मंच हेतु उपभोक्ता संरक्षण अधिनियम 1986 (1986 का केंद्रीय अधिनियम संख्या 68) की धारा 10 (1क) में प्रदत्त शक्तियों का प्रयोग करते हुए 17 पूर्णकालिक सदस्यों की भी नियुक्ति की गई है. जिसके तहत जिला मंच बांसवाड़ा में भावना मेहता, बाड़मेर में स्वरूप सिंह, बूंदी में संतोष भाकल, चित्तौड़गढ़ में राजेश्वरी मीणा एवं अरविंद कुमार भट्ट, चूरू में संतोष मासूम, दौसा में माया खंडेलवाल, डूंगरपुर में जय दीक्षित एवं दीप्ति पांचाल, जैसलमेर में सुभान खान, जालौर में ममता जैन, झालावाड़ में शीला मीना, जोधपुर प्रथम में अफसाना खान, करौली में चंदा शर्मा, पाली में मेहनाज सम्मा, सीकर में मोहम्मद शाकिर एवं ज्योति जोशी को जिला मंच का पूर्णकालिक सदस्य नियुक्त किया गया है.
उधर, भारतीय उपभोक्ता परिसंघ के राष्ट्रीय सचिव व अखिल राजस्थान उपभोक्ता संगठन महासंघ के प्रदेश संरक्षक निरंजन द्विवेदी ने देश में स्वर्ण बिक्री हालमार्किंग युक्त ही करने तथा इसके लिये बीआईएस रजिस्ट्रेशन की अनिवार्यता की व्यवस्था का स्वागत किया है.
क्या है हालमार्किंग?
यह पांच चिन्हों का एक ग्रुप है- बीआईएस मार्क, फाइननेस नंबर, एसेइंग ऐंड हॉलमार्किंग सेंटर्स मार्क, ज्वैलर्स आइडेंटिफिकेशन मार्क और इयर ऑफ मार्किंग. इसे जानने के लिए सबसे पहले बीआईएस मार्क देखना होगा और इसके बाद देखने होंगे सोने की शुद्धता के लिए दिए जाने वाले अंक. जहां 23 कैरट सोने के लिए जेवर पर 958 नंबर होगा, तो 22 कैरेट के लिए 916, 21 कैरेट के लिए 875 जैसे अंक होंगे.
इसके अलावा बीआईएस द्वारा मान्यता प्राप्त हालमार्किंग और एसेइंग सेन्टर का लोगो होगा, जहां शुद्धता की जांच की गई, तो किस वर्ष में हालमार्किंग की गई है यह भी जाना जा सकता है. इसके अलावा जेवर बेचने वाली शाॅप के लोगो के साथ-साथ यह भी कि ज्वैलर, बीआईएस द्वारा मान्यता प्राप्त है कि नहीं!