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Rajasthan Congress Crisis:दिल्ली में आलाकमान के सख्त होते ही हुए ठंडे बागी, प्रताप सिंह खचरियावास ने कहा, "हमें तो भाजपा के विधायकों को तोड़ना चाहिए, अपनों से क्या लड़ना"

By आशीष कुमार पाण्डेय | Updated: September 27, 2022 14:14 IST

कांग्रेस आलाकमान की सख्ती के बाद पार्टी के 90 से अधिक विधायकों की नाराजगी का दावा करने वाले मंत्री प्रताप सिंह खचरियावास के सुर नरम पड़ने लगे हैं।

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ठळक मुद्देकांग्रेस आलाकमान की नाराजगी के बाद गहलोत समर्थकप्रताप सिंह खचरियावास हुए ठंडेलेकिन सचिन पायलट पर साधा निशाना, बोले- अनुशासनात्मक कार्रवाई तो मानेसर जाने वालों पर होनी चाहिएविधायक सोनिया जी के हर फैसले को मानने को तैयार हैं लेकिन कोई मीडिया के जरिये सीएम नहीं बन सकता है

जयपुर:राजस्थानकांग्रेस संकट में आलाकमान पर दबाव बना रहे गहलोत खेमे के विधायकों के सुर अब बदलने लगे हैं। बताया जा रहा है कि कांग्रेस शीर्ष नेतृत्व की नाराजगी के बाद गहलोत समर्थक यू-टर्न लेते हुए दिल्ली दरबार को सुप्रीम बताते हुए सारे आदेश को मानने की बात कर रहे हैं।

वहीं कुछ कांग्रेसी विधायकों ने तो बगावत का नेतृत्व करने वाले गहलोत सरकार के मंत्री शांति लाल धारीवाल के खिलाफ मोर्चा भी खोल दिया है। दूसरी ओर सचिन पायलट को सभावित सीएम के ऐलान के कारण पार्टी के 90 से अधिक विधायकों की नाराजगी का दावा करने वाले मंत्री प्रताप सिंह खचरियावास के सुर भी नरम पड़ने लगे हैं।

प्रताप सिंह खचरियावास ने आलाकमान के गुस्से को ठंडा करने के लिए मल्लिकार्जुन खड़गे और अजय माकन का नाम न लेते हुए कहा, "इतना जल्दी पर्यवेक्षकों को नाराज नहीं होना चाहिए। ऐसे गुस्सा राजनीति में नहीं होता। अनुशासनात्मक कार्रवाई तो हमें भाजपा पर करनी चाहिए। हमें भाजपा के विधायकों तोड़ने चाहिए। हम अपने लोगों से नहीं लड़ना चाहते, हमें तो भाजपा से लड़ना है।"

इसके साथ ही मंत्री खचरियावास ने सचिन पायलट के घेरते हुए साथ में यह भी कहा, "अनुशासनात्मक कार्रवाई उन लोगों पर होनी चाहिए थी, जो मानेसर गए थे। विधायक सोनिया जी के हर फैसले को मानने को तैयार हैं। मीडिया के जरिए धारणा बनाकर पीएम या सीएम की कुर्सी पर कब्जा नहीं कर सकते, जनता का विश्वास जीतने के लिए संघर्ष करने पड़ते हैं।"

मालूम हो कि बीते दो दिनों से राजस्थान की सियासत में चल रही गहमागहमी के बीच कांग्रेस का शीर्ष नेतृत्व दोनों पर्यवेक्षकों की रिपोर्ट के आधार पर बागी विधायकों को कारण बताओ नोटिस जारी करने के तैयारी में है। इस खबर के जयपुर पहुंचने पर बागियों के सुर बदलने लगे और विधायकों ने आलाकमान के निष्ठा और ईमानदारी की बात करने लगे हैं।

खबरों के मुताबिक कांग्रेस प्रमुख सोनिया गांधी राजस्थान इकाई में चल रहे संकट पर बराबर निगाह बनाये हुए हैं और कहा यह भी जा रही है कि इस पूरे प्रकरण में अशोक गहलोत निशाने पर आ गये हैं और उन्हें कथिततौर से अध्यक्ष पद की रेस से बाहर कर दिया गया है।

वहीं आज मधूसूदन मिस्त्री ने भी सोनिया गांधी से राजस्थान संकट के संबंध में मुलाकात की। बताया जा रहा है कि सोनिया गांधी ने स्पष्ट कर दिया है कि कांग्रेस अध्यक्ष का चुनाव अपने निर्धारित समय पर होगा और चुनाव नामांकन तक राजस्थान में यथास्थिति बरकरार रहेगी और नामांकन के बाद बागी विधायकों के खिलाफ सख्त एक्शन लिया जाएगा। सोनिया गांधी दोनों पर्यवेक्षकों  मल्लिकार्जुन खड़गे और अजय माकन के लिखित रिपोर्ट का इंतजार कर रही हैं।

टॅग्स :सोनिया गाँधीराजस्थानअशोक गहलोतसचिन पायलटकांग्रेस
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