'सिंधिया ने दिखाई मौकापरस्ती, लोग सिखाएंगे सबक', राजस्थान CM अशोक गहलोत का तंज
By स्वाति सिंह | Updated: March 11, 2020 14:45 IST2020-03-11T14:45:22+5:302020-03-11T14:45:22+5:30
कांग्रेस को जबरदस्त झटका देते हुए पार्टी के प्रमुख युवा नेता ज्योतिरादित्य सिंधिया ने पार्टी से त्यागपत्र दे दिया। कांग्रेस छोड़ने वाले 49 वर्षीय सिंधिया केंद्र में सत्तारूढ़ भारतीय जनता पार्टी में शामिल हो सकते हैं ।

कांग्रेस को जबरदस्त झटका देते हुए पार्टी के प्रमुख युवा नेता ज्योतिरादित्य सिंधिया ने पार्टी से त्यागपत्र दे दिया।
कांग्रेस के ज्योतिरादित्य माधवराव सिंधिया के कांग्रेस से इस्तीफा देने को लेकर राजस्थान के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने निशाना साधा है। गहलोत ने कहा, 'ऐसे अवसरवादियों को पार्टी को बहुत पहले छोड़ देना चाहिए था। कांग्रेस पार्टी ने उन्हें 18 साल दिए, लेकिन मौका आने पर उन्होंने मौकापरस्ती दिखाई है। लोग उन्हें सबक सिखाएंगे।
इससे पहले भी राजस्थान सीएम ने सिंधिया को लेकर ट्वीट किया था कि ऐसे लोग जितनी जल्दी कांग्रेस पार्टी को छोड़कर चले जाएं, उतना ही बेहतर है। अशोक गहलोत ने ट्वीट किया, ''मिस्टर सिंधिया ने लोगों और विचारधारा के साथ विश्वासघात किया है। इस तरह के लोग हमेशा साबित करते हैं कि वह सत्ता के बगैर नहीं रह सकते हैं। ऐसे लोग जितनी जल्दी पार्टी छोड़ दें उतना ही अच्छा है।''
बता दें कि कांग्रेस को जबरदस्त झटका देते हुए पार्टी के प्रमुख युवा नेता ज्योतिरादित्य सिंधिया ने पार्टी से त्यागपत्र दे दिया। सिंधिया के साथ ही उनके समर्थक पार्टी के 22 विधायकों के इस्तीफे से राज्य की कमलनाथ सरकार पर संकट के बादल मंडराने लगे हैं। कांग्रेस छोड़ने वाले 49 वर्षीय सिंधिया केंद्र में सत्तारूढ़ भारतीय जनता पार्टी में शामिल हो सकते हैं । उनकी दादी दिवंगत विजय राजे सिंधिया इसी पार्टी में थीं। ऐसी अटकले हैं कि सिंधिया को राज्यसभा का टिकट दिया जा सकता है और उन्हें केंद्रीय मंत्री बनाया जा सकता है।
कांग्रेस ने पार्टी विरोधी गतिविधि के कारण पार्टी के महासचिव एवं पूर्ववर्ती ग्वालियर राजघराने के वंशज ज्योतिरादित्य सिंधिया को पार्टी से निष्कासित कर दिया । मंगलवार सुबह जब पूरा देश होली का जश्न मना रहा था, तभी सिंधिया ने भाजपा के वरिष्ठ नेता और गृह मंत्री अमित शाह से मुलाकात की। इसके बाद उन्होंने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से उनके 7, लोक कल्याण मार्ग स्थित आवास पर मुलाकात की। बैठक में क्या बातचीत हुई, इस बारे में आधिकारिक रूप से कुछ भी नहीं कहा गया है। हालांकि, भाजपा सूत्रों ने कहा कि सिंधिया से लंबी बातचीत करने का भगवा पार्टी के दोनों शीर्ष नेताओं का फैसला इस बात को दर्शाता है कि वे उन्हें (सिंधिया को) कितना महत्व देते हैं जिन्हें राहुल गांधी का बेहद करीबी माना जाता है।