राजस्थानः भाजपा का सत्ता-संगठन राजस्थानी माॅडल क्या केन्द्र में भी असफल साबित होगा?

By लोकमत समाचार ब्यूरो | Published: December 26, 2018 08:02 AM2018-12-26T08:02:23+5:302018-12-26T08:02:23+5:30

राजस्थान में उपचुनाव से लेकर विस चुनाव तक भाजपा का सत्ता-संगठन राजस्थानी माॅडल नाकामयाब रहा है, तो बड़ा सवाल यह है कि क्या केन्द्र में भी यह नाकामयाब होगा?

Rajasthan: BJP's ruling BJP-ruled Rajasthan will prove to be unsuccessful at the center too? | राजस्थानः भाजपा का सत्ता-संगठन राजस्थानी माॅडल क्या केन्द्र में भी असफल साबित होगा?

राजस्थानः भाजपा का सत्ता-संगठन राजस्थानी माॅडल क्या केन्द्र में भी असफल साबित होगा?

राजस्थान में जब वसुंधरा राजे सीएम बनी थीं तो उनके प्रमुख समर्थक अशोक परनामी भाजपा राजस्थान के प्रदेश अध्यक्ष बने थे. लेकिन, वे भाजपा अध्यक्ष के बजाय राजे के प्रतिनिधि के रूप में काम करते रहे, जिसके नतीजे में सत्ता के सामने संगठन बौना होता गया. इस एक तरफा सियासी व्यवस्था के कारण प्रदेश भाजपा के कई प्रमुख नेता और उनके समर्थक राजनीतिक तौर पर उदासीन होते गए. राजस्थान में पहले भाजपा उपचुनाव में हारी और फिर विस चुनाव में भी हार गई.

इस वक्त केन्द्र में भी भाजपा की ऐसी ही स्थिति है, जिसे भाजपा के सांसद और अभिनेता शत्रुघ्न सिंहा- वन मैन शो, टू मेन आर्मी कहते हैं. केन्द्र में नरेन्द्र मोदी प्रधानमंत्री हैं तो अमित शाह भाजपा अध्यक्ष हैं, लेकिन शाह शुरूआत से ही संपूर्ण भाजपा के बजाय केवल नरेन्द्र मोदी के लिए सक्रिय हैं.

उनके सारे प्रयास अगले आम चुनाव के बाद केन्द्र में भाजपा सरकार के लिए नहीं हैं, शाह केवल नरेन्द्र मोदी को पीएम बनाने के लिए सक्रिय हैं? किसी भी राजनीतिक दल के इस पाॅलिटिकल माॅडल से व्यक्तिवादी सियासत, दल के विचारों और सिद्धांतों पर भारी पड़ती है, जिसके कारण कई पुराने और प्रमुख नेता, समर्थक संगठन से दूर होते जाते हैं.

आज देश में भाजपा की यही सियासी तस्वीर उभर रही है. भाजपा अध्यक्ष, नरेन्द्र मोदी को अगला प्रधानमंत्री बनाने के लिए सारी सियासी गतिविधियां संचालित कर रहे हैं और आम जनता की तरह ही भाजपा के लोग भी इसमें महज दर्शक बने हुए हैं.

तीन प्रमुख राज्यों- एमपी, राजस्थान और छत्तीसगढ़ में विस चुनाव हारने के बाद केवल पीएम मोदी टीम के दम पर केन्द्र में सत्ता हांसिल करना आसान नहीं होगा, क्योंकि यदि भाजपा के बड़े नेता और समर्थक सक्रिय नहीं हुए तो कई ऐसी लोस सीटें भाजपा के हाथ से निकल जाएंगी जहां कांटे की टक्कर होगी.

इन चुनावों के नतीजों से यह साफ हो गया है कि केन्द्र में भाजपा को पूर्ण बहुमत- 272 सीटें, नहीं मिलेगा. ऐसी स्थिति में क्या सहयोगी दल भी पीएम के लिए नरेन्द्र मोदी के नाम पर सहमत होंगे?
इसीलिए प्रश्न यह भी है कि क्या समय रहते अमित शाह, पीएम के लिए केवल नरेन्द्र मोदी के बजाय, भाजपा का प्रधानमंत्री बनाने के लिए कोशिश करेंगे?

Web Title: Rajasthan: BJP's ruling BJP-ruled Rajasthan will prove to be unsuccessful at the center too?

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