राजस्थान बना देश में बायोफ्यूल पॉलिसी लागू करने वाला प्रथम राज्य
By धीरेंद्र जैन | Published: August 11, 2019 02:14 AM2019-08-11T02:14:50+5:302019-08-11T02:14:50+5:30
उप मुख्यमंत्री सचिन पायलट ने कहा है कि राज्य सरकार द्वारा बायोफ्यूल के उपयोग को बढ़ावा देने की नई सोच के साथ, विश्व की बेहतरीन प्रेक्टिसेज से प्रेरित होकर राज्य बायोफ्यूल नियम-2019 जारी किए जाने के साथ ही प्रदेश मेें नई बायोफ्यूल क्रान्ति का सूत्रपात हो गया है।
उप मुख्यमंत्री सचिन पायलट ने कहा है कि राज्य सरकार द्वारा बायोफ्यूल के उपयोग को बढ़ावा देने की नई सोच के साथ, विश्व की बेहतरीन प्रेक्टिसेज से प्रेरित होकर राज्य बायोफ्यूल नियम-2019 जारी किए जाने के साथ ही प्रदेश मेें नई बायोफ्यूल क्रान्ति का सूत्रपात हो गया है।
पायलट जयपुर के शास्त्रीनगर स्थित साइंस पार्क के सभागार में विश्व जैव ईंधन दिवस के उपलक्ष्य में आयोजित राज्य स्तरीय समारोह में ‘‘राज्य बायोफ्यूल नियम-2019’’ जारी करने के अवसर पर बायोफ्यूल के उत्पाद, विपणन व संवर्द्धन से जुडे़ उद्यमियों और सम्बन्धित विभागों के अधिकारियों को सम्बोधित कर रहे थे। सचिन पायलट ने कहा कि समाज और देश की उन्नति एवं जनकल्याण के लिए जरूरी कदम उठाए जाने में देर नहीं की जानी चाहिए, इसी सोच के साथ 30 अप्रेल को भारत सरकार के नोटिफिकेशन के बाद तत्परता बरतते हुए देश में राजस्थान यह पॉलिसी लाने वाला पहला राज्य बना है।
उप मुख्यमंत्री ने कहा कि भारत में 82 प्रतिशत जीवाश्म ईंधन बाहर से आता है। हम बायोफ्यूल का उपयोग कर जीवाश्म ईंधन का जितना कम उपयोग करेंगे, उतनी ही पर्यावरण की रक्षा होगी व विदेशी मुद्रा बचेगी और रोजगार के अवसर बढ़ेंगे। उन्होंने कहा व्यवहार में बदलाव लाकर ही ईंधन के उपभोग की आदतों में बदलाव संभव है। अभी प्रदेश में 1250 करोड़ लीटर जीवाश्म ईंधन काम लिया जा रहा है इसका मात्र 5 प्रतिशत ही जैव ईंधन काम लेना हो तो प्रदेश में 62 करोड़ लीटर जैव ईंधन का उत्पादन करना होगा।
उन्होंने कहा कि हमें अब नौजवानों को नए प्रयोग कर एक मंच देना होगा। यह पॉलिसी भी ऐसा ही मंच प्रदान करती है, जिससे हजारों लोगों को रोजगार का मौका मिलेगा। नए आउटलेट खुल सकेंगे। इनका पंजीकरण होगा, इनका सर्टिफिकेशन भी होगा लेकिन इसमें ज्यादा से ज्यादा कमजोर वर्ग के लोगों, महिलाओं, सैनिकों की विधवाओं और दिव्यांगों को प्राथमिकता से मौका मिलना चाहिए।
उन्होंने कहा कि अभी डीजल में 20 प्रतिशत बायोफ्यूल मिलाया जा सकता है। राजस्थान सर्वाधिक क्षेत्रफल वाला राज्य है जहां जैव ईधन का उत्पादन बड़ी मात्रा मे संभव है। इसका उत्पादन, व्यवसाय एवं उपभोग सभी फायदेमंद है। इस पॉलिसी का सोशल मीडिया, समाचार पत्रों, विद्यार्थियों को प्रेरित कर ज्यादा से ज्यादा प्रचार किया जाना चाहिए।
परिवहन मंत्री प्रताप सिंह खाचरियावास ने कहा कि राजस्थान बायोफ्यूल प्राधिकरण ने प्रदेश में 3 करोड़ पौधे लगाए हैं जिनसे 1 लाख लीटर बायोडीजल मिलने लगा है। उन्होंने कहा कि राजस्थान राज्य पथ परिवहन निगम बड़ी मात्रा में बसों में डीजल का उपभोग करता है। रोडवेज में अधिकतम बायोडीजल के उपयोग के प्रयास किए जाएंगे।
ग्रामीण विकास एवं पंचायती राज विभाग के अतिरिक्त मुख्य सचिव राजेश्वर सिंह ने कहा कि राज्य बायोडीजल पॉलिसी 2019 के जारी होने से प्रदेश में बायोडीजल का उत्पादन, विपणन व व्यापार विधिवत रूप से संभव हो सकेगा। इति।