राजस्थान में भी गुजरात-कर्नाटक की तरह राहुल बनाम PM मोदी होगी चुनावी जंग?

By अनुभा जैन | Updated: August 14, 2018 07:31 IST2018-08-14T07:31:13+5:302018-08-14T07:31:13+5:30

राहुल के दौरे से जहां पार्टी में चल रहे मतभेद एकबारगी तो दूर हो गए, वहीं विधिवत शंखनाद होने से अब पार्टी कार्यकर्ता भी खुद को चुनावी रण में खड़ा पा रहे हैं। 

rajasthan assembly polls fight rahul gandhi vs narendra modi | राजस्थान में भी गुजरात-कर्नाटक की तरह राहुल बनाम PM मोदी होगी चुनावी जंग?

राजस्थान में भी गुजरात-कर्नाटक की तरह राहुल बनाम PM मोदी होगी चुनावी जंग?

जयपुर, 13 अगस्त:राजस्थान में कांग्रेस पार्टी के चुनाव अभियान का शंखनाद करने आए राहुल गांधी का जयपुर दौरा राजनीतिक मायनों में काफी अहम जाना जा रहा है। राहुल के इस दौरे से कांग्रेस कार्यकर्ताओं में एक नई ऊर्जा का संचार हुआ है। सीएम फेस के विवाद में कलह के दौर से गुजर रहे मायूस कार्यकर्ताओं में अब कुछ उम्मीद जगी है। इसके लिए जहां एक ओर राहुल गांधी ने सचिन पायलट और अशोक गहलोत को मंच पर गले मिलवाया। इससे यह साबित हो गया कि दोनों के बीच अब तक सब कुछ ठीक नहीं चल रहा था।
 
वहीं, दूसरी ओर राजस्थान में पार्टी की प्रवक्ता व उपाध्यक्ष अर्चना शर्मा का कहना है कि अलगाव या कांग्रेस के अशोक गहलोत व सचिन पायलट रूपी दो गुटों में बंटें होने की कोई बात ही नहीं है। बल्कि राहुल गांधी ने अशोक गहलोत और सचिन पायलट को कार्यकर्ताओं में आत्मीयता और भाईचारे का संदेश देने व साथ ही दोनों के मध्य अलगाव रूपी अनावश्यक फैल रही खबरों पर विराम लगाने के लिये भी मंच पर गले मिलवाया।

राहुल के दौरे से जहां पार्टी में चल रहे मतभेद एकबारगी तो दूर हो गए, वहीं विधिवत शंखनाद होने से अब पार्टी कार्यकर्ता भी खुद को चुनावी रण में खड़ा पा रहे हैं। 

अब तक कार्यकर्ताओं को इस बात की टीस थी कि मुख्यमंत्री राजे पूर्व में भी प्रदेश के आधे से ज्यादा जिलों में चार-चार दिन तक प्रवास कर चुनावी दृष्टिकोण से एक बार जनमानस को टटोल चुकी हैं। वहीं अब वे गौरव यात्रा के जरिये एक पूरे संभाग को कवर चुकी हैं, जबकि कांग्रेस में अभी तक 'मेरा बूथ, मेरा गौरव' अभियान के अलावा ऐसा कुछ नहीं हुआ जिसे चुनावी तैयारी कहा जा सके।
 
राहुल गांधी के रोड शो में अच्छी तादाद में भीड़ रही, लेकिन राहुल कुछ ही जगहों पर बस से उतरे। बाकी पूरे रास्ते बस में बैठकर रोड शो करते रहे। राजनीतिक विश्लेषकों का मानना है कि राहुल गांधी अगर बस की छत पर मंच पर रहकर रोड शो करते तो ज्यादा प्रभावी होता। 

रामलीला मैदान में कांग्रेस प्रतिनिधि सम्मेलन में राहुल का भाषण पूरी तरह से राष्ट्रीय मुद्दों पर केन्द्रित रहा। राहुल ने राजस्थान के स्थानीय मुद्दों को कम तव्वजो दी। इससे यह साफ हो गया है कि राजस्थान विधानसभा का चुनाव भी गुजरात और कर्नाटक की तरह राहुल बनाम मोदी हो सकता है। सभा में राहुल का पैराशूटर उम्मीदवारों को किसी भी सूरत में टिकट नहीं देने वाला बयान भी कार्यकर्ताओं के लिये काफी ऊर्जा का संचार करने वाला रहा। इससे कार्यकर्ताओं को फिर से एक उम्मीद जगी है। 

Web Title: rajasthan assembly polls fight rahul gandhi vs narendra modi

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