राजस्थान चुनावः दिग्गजों पर ही दावं लगाएगी कांग्रेस, धन जुटाने के लिए एलान का इंतजार!
By प्रदीप द्विवेदी | Updated: November 1, 2018 07:25 IST2018-11-01T07:23:43+5:302018-11-01T07:25:13+5:30
राजस्थान के उम्मीदवारों को चुनाव के दौरान कोलकाता, मुंबई, असम, गुजरात सहित अनेक जगहों से प्रत्यक्ष-अप्रत्यक्ष आर्थिक सहयोग प्राप्त होता है।

राजस्थान में परंपरागत रूप से बीजेपी और कांग्रेस के बीच सत्ता की अदलाबदली होती रही है।
राजस्थान विधान सभा चुनाव कांग्रेस के लिए इसलिए महत्वपूर्ण हैं कि यह इस वक्त भाजपा की सबसे कमजोर कड़ी है और यदि यहां कांग्रेस ने कामयाबी का परचम लहरा दिया तो आम चुनाव 2019 के लिए संभावनाओं के द्वार खुल जाएंगे। यही वजह है कि कांग्रेस राजस्थान में उम्मीदवारों के चयन में कोई नया प्रयोग करना नहीं चाहती है और तमाम आजमाए हुए दिग्गजों पर ही दाव लगा रही है।
राजस्थान विस के लिए कांग्रेस ने लगभग आधे उम्मीदवार तय कर दिए हैं और कभी भी घोषणा हो सकती है। उम्मीदवारों को आर्थिक सहयोग हांसिल करने में दिक्कत आ रही है जब तक कि टिकट का एलान नहीं हो जाता है।
उल्लेखनीय है कि राजस्थान के उम्मीदवारों को चुनाव के दौरान कोलकोता, मुंबई, असम, गुजरात सहित अनेक जगहों से प्रत्यक्ष-अप्रत्यक्ष आर्थिक सहयोग प्राप्त होता है। यदि उम्मीदवारों के नामों का एलान करने में देरी होती है तो प्रत्याशियों के लिए चुनाव के लिए धन जुटाने में इसलिए परेशानी होगी कि पर्याप्त समय नहीं मिल पाएगा।
सूत्रों पर भरोसा करें तो पहली सूची में पिछले विधानसभा चुनाव में जीते हुए तमाम एमएलए सहित जिन नेताओं के नाम शामिल हैं उनमें- पूर्व मुख्यमंत्री अशोक गहलोत, सरदारपुरा, वरिष्ठ कांग्रेस नेता गिरिजा व्यास, उदयपुर शहर, पूर्व मंत्री महेन्द्रजीत सिंह मालवीया, बागीदौरा, पूर्व मंत्री भंवरलाल शर्मा, सरदार शहर, विश्वेंद्र सिंह, डीग-कुम्हेर, नरेंद्र बुडानिया, तारानगर, जाकिर हुसैन, मकराना आदि प्रमुख हैं।
याद रहे, राजस्थान की 200 विधानसभा सीटों पर एक चरण में 7 दिसंबर 2018 को मतदान होना है जिसके परिणाम 11 दिसंबर 2018 को घोषित किए जाएंगे। पिछले विधानसभा चुनाव में भाजपा ने 200 में से 163 सीटें जीती थीं, जबकि कांग्रेस को केवल 21 सीटें मिली थी।