राजस्‍‌थानः चुनावी कार्यक्रम में आपस में भिड़े कांग्रेसी, हाथापाई के बाद कपड़े फाड़े

By लोकमत समाचार हिंदी ब्यूरो | Published: July 5, 2018 02:42 AM2018-07-05T02:42:26+5:302018-07-05T02:42:26+5:30

सवाई माधोपुर में तो राजस्थान कांग्रेस प्रभारी अविनाश पांडे की मौजूदगी में दो गुटों ने एक-दूसरे के साथ जमकर मारपीट की।

Rajasthan assembly election congress ashok gahlot mera booth mera gaurav | राजस्‍‌थानः चुनावी कार्यक्रम में आपस में भिड़े कांग्रेसी, हाथापाई के बाद कपड़े फाड़े

राजस्‍‌थानः चुनावी कार्यक्रम में आपस में भिड़े कांग्रेसी, हाथापाई के बाद कपड़े फाड़े

जयपुर, 5 जुलाई (रिपोर्ट-धीरेंद्र जैन): "मेरा बूथ मेरा गौरव" कार्यक्रम में नेताओं के बीच हाथापाई, कपड़े फाड़ने और मंच से विरोधियों के लिये विवादास्पद बयानबाजी के बावजूद चुनावी मौसम की मजबूरी ने कांग्रेस के अनुशासन के डंडे की धार को बिगाड़ दिया है।

राजस्थान प्रभारी और बड़े नेताओं की मौजूदगी में हो रही इन घटनाओं को लेकर पार्टी के बडे नेता इस डंडे को चलाना तो चाह रहे हैं लेकिन चुनाव से 5 माह पहले पार्टी के पक्ष में बन रहे माहौल को नहीं बिगाड़ दें इसलिये वे अनुशासन तोड़ने वालों पर केवल कारण बताओ नोटिस देने की हल्की सी थपकी दे रहे हैं।

मेरा बहुत मेरा गौरव कार्यक्रम में लगातार दो गुटों के बीच मारपीट और हाथापाई की घटनायें सामने आ रही हैं। शाहपुरा में दो गुटों के नेताओं ने आपस में एक दूसरे के कपड़े फाड़ दिये। सवाई माधोपुर में तो राजस्थान प्रभारी अविनाश पांडे की मौजूदगी में दो गुटों ने एक-दूसरे के साथ जमकर मारपीट की। इस तरह की घटनायें पूरे प्रदेश में होने के बाद कांग्रेस नेतृत्व सकते में है। कार्यक्रमों को संबोधित करने पहुंच रहे राजस्थान प्रभारी और सह प्रभारियों ने नेताओं और कार्यकर्ताओं के अनुषासन तोड़ने पर गहरी नाराजगी जताई है। लेकिन वे किसी भी गुट के नेता के खिलाफ कार्यवाही नहीं कर पा रहे हैं।

बताया जा रहा है कि इस तरह की कार्रवाई करने से कांग्रेस में चल रही गुटबाजी का संतुलन बिगड़ने की आशंका बन रही है। यदि एक नेता के खिलाफ कार्यवाही की जाती है तो उस गुट के सभी नेता कांग्रेस के कार्यक्रमों से दूरी बना सकते हैं। ऐसे में प्रदेश नेतृत्व कार्यकर्ताओं को संदेश देने के लिये कार्यवाही तो कर रहा है लेकिन वह महज खानापूर्ति से अधिक नहीं हो पा रही है। सवाईमाधोपुर में हुई मारपीट की घटना के बाद एक कार्यकर्ता को कारण बताओ नोटिस देकर इस पूरी घटना पर पर्दा डाल दिया गया। किशनपोल विधानसभा क्षेत्र हुई विवादास्पद बयान बाजी के बाद प्रदेश महासचिव ज्योति खंडेलवाल को कारण बताओ नोटिस दिया गया। लेकिन यह नोटिस जिला कांग्रेस की ओर से दिया गया। प्रदेष महासचिव को प्रदेश कांग्रेस की ओर से ही नोटिस दिया जा सकता है।

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कांग्रेस इस बारे में यह कहकर बचती नजर आ रही है कि राजस्थान सह प्रभारी बंसल के निर्देष पर जिला कांग्रेस ने प्रदेश कांग्रेस महासचिव को कारण बताओ नोटिस दिया है। प्रदेश के अन्य विधानसभा क्षेत्रों में भी हुई दो गुटों के बीच मारपीट की घटनाओं के बाद प्रदेश नेतृत्व की ओर से केवल हिदायत देने की खानापूर्ति की रही है।

मेरा बूथ-मेरा गौरव में टिकट के लिए ठोकी ताल 

जनता की राय और कार्यकर्ताओं के तालमेल से अबकी बार विधानसभा के चुनाव में टिकट दिया जायेगा। यह बात अखिल भारतीय कांग्रेस कमेटी महासचिव एवं राजस्थान प्रभारी अविनाष पांडे ने यहां गोविंदगढ़ में ’मेरा बूथ मेरा गौरव’ कार्यक्रम के दौरान कही। उन्होंने बूथ स्तर को मजबूत करने और शक्ति एप में नाम जोड़ने पर भी बल दिया। उन्होंने कहा कि जिसको भी पार्टी टिकट देगी उसके साथ तन, मन और धन से लगना है। इसके साथ ही सांसद डॉ. करणसिंह यादव, पूर्व मंत्री भंवरलाल मेघवाल, पूर्व केन्द्रीय मंत्री सुभाष महरिया, कोटपूतली विधायक राजेन्द्र यादव ने भी विचार व्यक्त किये। राजस्थान प्रभारी और सह प्रभारी का कैलाश राज सैनी, प्रधान लाल चंद सेरावत, सुरेश विजयवर्गीय, अभिषेक सैनी, रमेश गुलिया, रमेश चंद्र शर्मा, मुकेश शर्मा ने स्वागत किया।

भ्रष्टाचार के चलते लाखों किसान बिजली कनेक्‍शन को तरसे : गहलोत 

राजस्थान के पूर्व मुख्यमंत्री एवं कांग्रेस के राष्ट्रीय महासचिव अशोक गहलोत ने कहा है कि सरकार शिविरों में तुरंत विद्युत कनेक्‍शन जारी करने का ढकोसला कर रही है, लेकिन हकीकत यह है कि दीनदयाल ग्राम विद्युतीकरण योजना के तहत ग्रामीण क्षेत्रों में खेतों में बने आवास में घरेलू बिजली कनेक्‍शन के लिये मांग पत्र के दस-दस हजार रुपये जमा कराने के बावजूद प्रदेश के लाखों गरीब किसान एक साल से भी ज्यादा समय गुजर जाने के बावजूद कनेक्‍शन के लिये तरस रहे हैं। भारी कमीशनखोरी के चलते किसानों की कहीं कोई सुनवाई नहीं हो रही है।

श्री गहलोत ने अपने बयान में कहा है कि भाजपा सरकार की किसान विरोधी नीतियों के चलते राजस्थान में पहली बार किसानों द्वारा आत्महत्या करने का रिकॉर्ड पहले ही बन चुका है, वहीं भ्रष्टाचार के चलते लाखों किसान अपने आवास में घरेलू कनेक्षन के लिये मारे-मारे फिर रहे हैं। अधिकारियों के पास इसका कोई संतोषप्रद जवाब भी नहीं है।

पूर्व मुख्यमंत्री ने कहा कि इस सबके पीछे सरकार की गलत नीति जिम्मेदार है, जिसने भ्रष्टाचार को जन्म दिया है। विद्युतीकरण के इस कार्य को विभाग के माध्यम से कराने के बजाय सरकार ने निजी कंपनियों को यह कार्य ठेके पर दे दिया। कथित बड़ी कमीशनखोरी के कारण निजी कंपनी मांग पत्र या आवेदन की वरीयता के क्रम को छोड़ कर सुविधानुसार आवेदक किसानों से विद्युत लाइन खिंचवा कर कार्य करवा नही है। उन्होंने कहा कि सरकार के स्तर पर भ्रष्टाचार एवं लापरवाही के चलते विद्युत लाइन खींचते समय दुर्घटनायें होना, ट्रांसफार्मर्स के जलने के हादसे, लाइनों में करंट बाने की घटनायें आम हो गयी हैं। हाल ही में जालौर जिले के बिलड़ा ग्राम में लाइन खींचते समय दुर्घटनावश एक युवा किसान की जान चली गई और तीन अन्य किसान गंभीर रूप से घायल हो गये पर सरकार के कान पर जूं तक नहीं रेंगी। दबी जुबान से अधिकारी सरकार के स्तर पर कमीशन के लेनदेन की ओर इशारा करते हुये कंपनी के अधिकारियों के सामने बौने साबित हो रहे हैं।

श्री गहलोत ने कहा कि मैं आरोप लगाता रहा हूं कि यह सरकार आकंठ भ्रष्टाचार में डूबी हुई है और इसने संस्थागत भ्रष्टाचार को ही बढ़ावा दिया है, जिसके कारण प्रदेश का आमजन, विशेषकर गरीब किसान हर तरह से पिस रहा है। उन्होंने मांग की है कि सरकार योजना के तहत प्रथम फेज में मांग पत्र की राशि जमा कराने वाले लाखों गरीब किसानों के आवास में तुरंत घरेलू कनेक्षन उपलब्ध कराना सुनिनिश्चत करें।

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