नई दिल्ली:राजस्थान के सात मंडलों में से एक उदयपुर में 10 जनवरी, 2020 से 30 सितंबर, 2021 तक कम से कम 26 बार इंटरनेट सेवाओं पर प्रतिबंध लगाने का आदेश जारी किया जा चुका है.
इंटरनेट फ्रीडम फाउंडेशन द्वारा दायर सूचना के अधिकार अधिनियम (आरटीआई) आवेदन पर उदयपुर प्रशासन के जवाब से यह जानकारी सामने आई है.
बता दें कि, 10 जनवरी, 2020 को कश्मीर टाइम्स की संपादक अनुराधा भसीन की याचिका पर सुनवाई करते हुए सुप्रीम कोर्ट ने अपने आदेश में कहा था कि दूरसंचार सेवाओं, भले ही इंटरनेट सेवा हो, को पूरी तरह निलंबित करना कठोर उपाय है और ‘आवश्यक होने’या ‘कोई अन्य उपाय नहीं होने’की स्थिति में ही इस पर विचार करना चाहिए.
हालांकि, उस आदेश के बाद भी देश में छोटी-मोटी घटनाओं पर भी इंटरनेट पर पाबंदियां लगाने का सिलसिला जारी है.
राजस्थान में तो परीक्षा में नकल रोकने, धरना प्रदर्शन के दौरान हाईवे पर जाम लगने जैसी घटनाओं से कानून-व्यवस्था के खतरा पैदा होने का हवाला देते हुए इंटरनेट पर पाबंदी लगाई गई.
इंटरनेट फ्रीडम फाउंडेशन ने राजस्थान के सात मंडलों में आरटीआई आवेदन लगाया और जिसमें से उदयपुर मंडल ने जवाब दिया.
आरटीआई से मिली जानकारी के अनुसार, उदयपुर मंडल में 10 जनवरी, 2020 के बाद से 26 बार इंटरनेट बंद करने का आदेश जारी किया गया.
हालांकि, राजस्थान सरकार के सूचना विभाग ने सितंबर, 2018 में एक आदेश जारी कर कहा था कि केवल अपरिहार्य परिस्थितियों में ही जिला प्रशासन इंटरनेट बंद करने का आदेश जारी करें.
रिपोर्ट्स के अनुसार, बीते 23 और 24 अक्टूबर को पटवारी की भर्ती परीक्षा में नकल रोकने के लिए जयपुर, बीकानेर, श्रीगंगानगर, दौसा, भरतपुर, सवाई माधोपुर सहित सभी 23 जिलों में इंटरनेट सेवा पर पूरी तरह से पाबंदी लगा दी गई थी. इस दौरान कोई भी सोशल मीडिया साइट्स भी इस्तेमाल नहीं किया जा सकता था.
इससे पहले 26 सितंबर को भी राजस्थान शिक्षक पात्रता परीक्षा (रीट) में नकल रोकने के लिए जैसलमेर को छोड़कर पूरे राज्य में इंटरनेट सेवाओं पर पाबंदी लगा दी गई थी.