रायपुर : हड़ताल पर गए मेडिकल कॉलेज के रेजीडेंट डॉक्टरों ने आपातकालीन सेवाओं का भी किया बहिष्कार

By भाषा | Updated: December 6, 2021 19:12 IST2021-12-06T19:12:58+5:302021-12-06T19:12:58+5:30

Raipur: Resident doctors of medical college who went on strike also boycotted emergency services | रायपुर : हड़ताल पर गए मेडिकल कॉलेज के रेजीडेंट डॉक्टरों ने आपातकालीन सेवाओं का भी किया बहिष्कार

रायपुर : हड़ताल पर गए मेडिकल कॉलेज के रेजीडेंट डॉक्टरों ने आपातकालीन सेवाओं का भी किया बहिष्कार

रायपुर, छह दिसंबर नीट-पीजी की काउंसलिंग स्थगित होने के विरोध में हड़ताल पर गए रायपुर स्थित मेडिकल कॉलेज अस्पताल के करीब चार सौ रेजीडेंट डॉक्टरों ने सोमवार से आपातकालीन सेवाओं का भी बहिष्कार कर दिया।

रायपुर के पंडित जवाहरलाल नेहरू स्मृति चिकित्सा महाविद्यालय और उससे संबद्ध डॉक्टर भीम राव अंबेडकर अस्पताल रायपुर के जूनियर डॉक्टर्स एसोसिएशन ने फेडरेशन ऑफ रेजीडेंट डॉक्टर्स एसोसिएशन इंडिया द्वारा बुलाई गई हड़ताल के समर्थन में 27 नवंबर से विरोध प्रदर्शन शुरू किया था। इस दौरान जूनियर डॉक्टरों ने ओपीडी सेवाएं देनी बंद कर दी थी। एसोसिएशन का कहना है कि स्नातकोत्तर पाठ्यक्रमों में प्रवेश में देरी होने के कारण रेजीडेंट डॉक्टरों पर काम का बोझ बढ़ गया है।

जूनियर डॉक्टर एसोसिएशन के प्रवक्ता डॉक्टर प्रेम चौधरी ने बताया कि मरीजों की देखभाल हमारी पहली प्राथमिकता है। इसे ध्यान में रखते हुए हमने अपने आंदोलन के दौरान केवल ओपीडी में अपनी सेवाएं नहीं दी और रविवार तक आपातकालीन सेवाओं में अपना काम जारी रखा।

चौधरी ने कहा कि देश के विभिन्न अस्पतालों में नीट-पीजी काउंसलिंग और प्रथम वर्ष के जूनियर रेजीडेंट के प्रवेश में देरी के कारण डॉक्टरों की कमी हो गई है।इससे रेजीडेंट डॉक्टरों पर काम का बोझ बढ़ गया है। डॉक्टर पहले से ही कोविड महामारी के कारण कठिन परिस्थितियों में काम कर रहे हैं।

उन्होंने कहा कि कोविड की तीसरी लहर के खतरे की आशंका के कारण हम चिंतित हैं और चाहते हैं कि देश की स्वास्थ्य प्रणाली अच्छी तरह से तैयार रहे।

चौधरी ने कहा कि केंद्र सरकार ने कुछ मामलों के कारण नीट-पीजी 2021 की काउंसलिंग अगले साल जनवरी तक रोक दी है तथा इसके बारे में उच्चतम न्यायालय को भी जानकारी दी गई है।

उन्होंने कहा कि केंद्र सरकार के अंतर्गत काउंसलिंग के मुद्दे के अलावा जूनियर डॉक्टर एसोसिएशन ने छत्तीसगढ़ सरकार से जूनियर डॉक्टरों का वजीफा बढ़ाने और बांड की अवधि कम करने की मांग की है।

अस्पताल के अधीक्षक डॉक्टर एसबीएस नेताम ने बताया कि हड़ताल के प्रभाव से मरीजों को बचाने और स्थिति को संभालने के लिए वरिष्ठ चिकित्सकों समेत अन्य डॉक्टरों की सेवाएं ली जा रही हैं। उन्होंने कहा कि स्थिति की समीक्षा की जाएगी तथा उसके अनुसार चिकित्सकों की सेवाएं ली जाएगी।

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