रेलवे ने स्टेशनों के पुनर्विकास के लिए निजी कंपनियों के लिए मॉडल अनुबंध दस्तावेज़ में बदलाव किया

By भाषा | Updated: September 13, 2021 20:45 IST2021-09-13T20:45:12+5:302021-09-13T20:45:12+5:30

Railways changes model contract document for private companies to redevelop stations | रेलवे ने स्टेशनों के पुनर्विकास के लिए निजी कंपनियों के लिए मॉडल अनुबंध दस्तावेज़ में बदलाव किया

रेलवे ने स्टेशनों के पुनर्विकास के लिए निजी कंपनियों के लिए मॉडल अनुबंध दस्तावेज़ में बदलाव किया

नयी दिल्ली, 13 सितंबर रेलवे ने स्टेशनों के पुनर्विकास के उद्देश्य से निजी कंपनियों के लिए अपने मॉडल अनुबंध दस्तावेज में कई बदलाव किए हैं, जिससे रियायत की अवधि पूर्व के 60 वर्षों से घटाकर 35 से 40 वर्ष कर दी गई है।

सामान्य तौर पर रियायत अवधि सरकार द्वारा निजी क्षेत्र को दी गई वह अवधि है जिसके भीतर निजी क्षेत्र बीओटी (निर्माण, संचालन और हस्तांतरण) परियोजना के वित्तपोषण, निर्माण और संचालन के लिए जिम्मेदार होता है। रेल भूमि विकास प्राधिकरण (आरएलडीए) द्वारा तैयार किए गए नए मसौदा मॉडल रियायत समझौते (एमसीए) में एकल और अच्छी तरह से परिभाषित भुगतान का प्रावधान भी किया गया है, जिसकी निगरानी निजी संस्थाओं के लिए बिना किसी अग्रिम नकदी प्रवाह के आसानी से की जा सकती है।

इसमें ऐसा भी प्रावधान है जहां रेलवे द्वारा समय सीमा के तीन दिनों के भीतर भुगतान करने पर डेवलपर्स भी छूट की पेशकश करेंगे। इसी तरह अगर स्टेशन विकास शुल्क के भुगतान में रेलवे एक सप्ताह से अधिक की देरी करता है तो स्टेशनों के पुनर्विकास के लिए बोली लगाने वाली निजी कंपनियों को मुआवजा मिलेगा।

हाल में रेल मंत्रालय, आरएलडीए और आईआरएसडीसी ने सार्वजनिक निजी भागीदारी (पीपीपी) मोड के माध्यम से स्टेशन विकास के लिए एमसीए को अंतिम रूप देने के संबंध में विभिन्न हितधारकों के साथ परामर्श किया।

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Web Title: Railways changes model contract document for private companies to redevelop stations

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