महंगाई की मार! रेलवे पैसेंजर किराया बढ़ा सकती है नरेंद्र मोदी सरकार, बोर्ड चीफ ने दिये संकेत

By लोकमत न्यूज़ डेस्क | Updated: December 27, 2019 09:56 IST2019-12-27T09:53:50+5:302019-12-27T09:56:30+5:30

सूत्रों के अनुसार रेलवे पिछले कुछ सालों में किराये से इतर भी बहुत कोशिश के बावजूद अधिक कमाई करने में कामयाब नहीं रही है।

Railway board chief hints passenger fare may get hike before the end of this financial year | महंगाई की मार! रेलवे पैसेंजर किराया बढ़ा सकती है नरेंद्र मोदी सरकार, बोर्ड चीफ ने दिये संकेत

बढ़ेगा रेलवे पैसेंजर किराया! (फाइल फोटो)

Highlightsरेलवे बोर्ड के चेयरमैन वीके यादव ने दिये संकेत, बढ़ सकता है पैसेंजर किरायारेलवे बोर्ड के प्रवक्ता आरडी वाजपेयी ने हालांकि कहा कि अभी ऐसा कोई प्रस्ताव नहीं है

केंद्र की नरेंद्र मोदी सरकार पांच साल बाद एक बार फिर रेलवे पैसेंजर किराया एक बार फिर से बढ़ाने पर विचार कर रही है। इससे पहले साल 2014 में जब मोदी सरकार सत्ता में आई थी, तब रेलवे का किराया बढ़ाया गया था। सूत्रों के अनुसार अगर राजनीतिक समीकरण हरी झंडी देते हैं तो वित्तीय साल के आखिर तक सरकार इस किराये को बढ़ाने की कोशिश कर सकती है।

इंडियन एक्सप्रेस की एक रिपोर्ट के अनुसार गुरुवार को रेलवे बोर्ड के चेयरमैन वीके यादव ने रेलवे किराया बढ़ाने की संभावाना पर पत्रकारों से कहा, 'इस बारे में कुछ सोचा जा रहा है।'

वीके यादव ने कहा, 'हम किराया और मालभाड़ा दोनों को तर्कसंगत रखना चाहते हैं। मालभाड़ा पहले ही बहुत अधिक है। इसलिए मुझे नहीं लगता कि हम इसके रेट को बढ़ाएंगे। हमें लेकिन इसे तर्कसंगत रखने की जरूरत है ताकि लौजिस्टिक्स दाम नीचे आए।' 

वीके यादव ने हालांकि कोई स्पष्ट समय नहीं बताया। यादव ने कहा, 'ये संवेदनशील मुद्दा है, इसलिए मैं इस बारे में कोई विस्तृत जानकारी नहीं दे सकता लेकिन इस बारे नें कुछ विचार चल रहा है।' सूत्रों के अनुसार किराये को बढ़ाने का प्रस्ताव सरकार के पास महीनों से पड़ा है क्योकि रेलवे को आर्थिक तंगी का सामना करना पड़ रहा है।

वहीं, गुरुवार को ही रेलवे बोर्ड के प्रवक्ता आरडी वाजपेयी ने कहा कि फिलहाल किराये को बढ़ाने का कोई प्रस्ताव नहीं है। वाजपेयी ने कहा, 'किरायों को तर्कसंगत बनाना एक विचार है, इसका ये मतलब नहीं है कि किराये बढ़ाए जाएंगे। ये घट भी सकता है।' 

सूत्रों के अनुसार रेलवे पिछले कुछ सालों में किराये से इतर भी बहुत कोशिश के बावजूद अधिक कमाई करने में कामयाब नहीं रही है। पीएमओ की ओर से भी पिछल 6 सालों में कई निर्देश दिए गये लेकिन रेलवे की हालत बहुत नहीं सुधरी है। इस कारण किराये में बहुत हद तक बढ़ोतरी की संभावना है। 

अधिकारियों के अनुसार रेलवे की इस वित्तीय साल के आखिर तक रेवेन्यू में 20,000 करोड़ की कमी आ सकती है। इससे पहले रेलवे पैसेंजर किराये में साल 2014 में 14.2 प्रतिशत का इजाफा किया गया था। वहीं, मालढुलाई के किराये में 6.6 प्रतिशत की वृद्धि की गई थी।

Web Title: Railway board chief hints passenger fare may get hike before the end of this financial year

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