'सीबीआई के पास कोई काम नहीं, जब फ्री होती है कार्ति चिदंबरम के आवास पर रेड करने चली आती है' : कांग्रेस
By रुस्तम राणा | Published: July 9, 2022 06:51 PM2022-07-09T18:51:58+5:302022-07-09T18:54:44+5:30
केएस अलागिरी ने शनिवार को कहा कि चिदंबरम के खिलाफ की जा रही छापेमारी से पता चलता है कि सीबीआई के पास करने के लिए कोई काम नहीं है।
चेन्नई: सीबीआई द्वारा चेन्नई में कांग्रेस नेता कार्ति चिदंबरम के आवास पर रेड को लेकर तमिलनाडु कांग्रेस ने केंद्रीय जांच एजेंसी पर निशाना साधा है। साथ ही कांग्रेस ने इस कार्रवाई की कड़ी निंदा की है। राज्य ईकाई के कांग्रेस अध्यक्ष केएस अलागिरी ने शनिवार को कहा कि चिदंबरम के खिलाफ की जा रही छापेमारी से पता चलता है कि सीबीआई के पास करने के लिए कोई काम नहीं है।
एक प्रेस कॉन्फ्रेंस के जरिए उन्होंने कहा कि ऐसा लगता है कि जब भी सीबीआई के पास कोई काम नहीं होता है तो वे उनके आवास पर जाते हैं। कांग्रेस नेता ने आगे कहा कि कितनी बार वे (सीबीआई) उनके घर पर छापा मारेंगे? उन्हें कुछ नहीं मिला है। कांग्रेस इसकी कड़ी निंदा करती है
TN | Raids being conducted against Chidambaram show that CBI has got no work to do. It seems whenever CBI is free they go to his residence. How many times would they raid his house? They have not found anything. Congress strongly condemns this: KS Alagiri, TN Congress President pic.twitter.com/VKUPBSHXX7
— ANI (@ANI) July 9, 2022
दरअसल, शनिवार को सीबीआई ने कांग्रेसी नेता के आवास पर छापा मारा। सीबीआई के सूत्रों के मुताबिक चेन्नई में कांग्रेस नेता कार्ति चिदंबरम के आवास पर सीबीआई की तलाशी एक कथित चीनी वीजा घोटाले के संबंध में है जो एक खोज के हिस्से के रूप में जो पहले अधूरी रह गई थी क्योंकि कुछ बायोमेट्रिक लॉकरों की तलाशी नहीं की जा सकी थी।
वहीं कार्ति चिदंबरम ने अपने खिलाफ लगे आरोपों को राजनीतिक बदले की कार्रवाई बताया है। सीबीआई ने उनके और अन्य के खिलाफ वेदांता समूह की कंपनी ‘तलवंडी साबो पावर लिमिटेड’ (टीएसपीएल) के एक शीर्ष अधिकारी द्वारा उन्हें और उनके करीबी सहयोगी एस भास्कर रमन को 50 लाख रुपये की रिश्वत देने के आरोप में 14 मई को प्राथमिकी दर्ज की थी।
कार्ति चिदंबरम पर संयुक्त प्रगतिशील गठबंधन (संप्रग) सरकार के कार्यकाल के दौरान ‘तलवंडी साबो पावर लिमिटेड’ के लिए काम कर रहे चीन के 263 नागरिकों को वीजा दिलवाने के लिए रिश्वत लेने का आरोप है।