राहुल की नागरिकता पर उठा सवाल, कांग्रेस ने जारी किए दस्तावेज, कहा- पूरी तरह भारतीय
By शीलेष शर्मा | Published: April 30, 2019 11:29 PM2019-04-30T23:29:47+5:302019-04-30T23:29:47+5:30
यह नोटिस भाजपा के राज्यसभा सदस्य सुब्रमण्यम स्वामी की शिकायत पर दर्ज किया गया, जिसमें कहा गया है कि राहुल गांधी ने 2003 में लंदन में एक कंपनी बैक्पॉस लिमिटेड का गठन किया, जिसमें राहुल गांधी ने खुद को निदेशक और कंपनी का सचिव घोषित किया है और कथित रुप से अपनी नागरिकता ब्रिटेन की बताई है.
कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी की नागरिकता को लेकर उठे सवाल पर कांग्रेस और भाजपा एक दूसरे पर हमलावर है. यह विवाद उस समय शुरु हुआ जब गृह मंत्रालय ने अपनी नागरिकता सिद्ध करने के लिए राहुल गांधी को नोटिस जारी किया और 15 दिन में स्पष्टीकरण देने को कहा.
गृह मंत्रालय के अनुसार यह नोटिस भाजपा के राज्यसभा सदस्य सुब्रमण्यम स्वामी की शिकायत पर दर्ज किया गया, जिसमें कहा गया है कि राहुल गांधी ने 2003 में लंदन में एक कंपनी बैक्पॉस लिमिटेड का गठन किया, जिसमें राहुल गांधी ने खुद को निदेशक और कंपनी का सचिव घोषित किया है और कथित रुप से अपनी नागरिकता ब्रिटेन की बताई है.
स्वामी की शिकायत पर गृह मंत्रालय ने नोटिस तो जारी कर दिया लेकिन दस्तावेजों का कोई निरीक्षण नहीं किया. इधर गृह मंत्रालय के नोटिस जारी होते ही भाजपा राहुल पर टूट पड़ी, पार्टी के प्रवक्ता संबित पात्रा ने राहुल पर व्यंग्य कसा और पूछा कि यह राहुल कौन से है ब्रिटेन वाले या भारत वाले. उन्होंने मांग की कि राहुल स्पष्टीकरण दें कि उनकी नागरिकता क्या है.
भाजपा के इस हमले के जवाब में कांग्रेस खामोश नहीं बैठी और उसने वे तमाम दस्तावेज सार्वजनिक कर दिए जिनके तहत बैक्पॉस लिमिटेड का गठन लंदन में किया गया था. दस्तावेज बताते है कि राहुल ने अपना रिहायशी पता लंदन का दिया है लेकिन अपनी नागरिकता भारतीय लिखी है. जबकि स्वामी का आरोप है कि उन्होंने ब्रिटिश नागरिकता इन दस्तावेजों में दर्ज की है.
राहुल को लेकर यह विवाद कोई नया नहीं है, इससे पूर्व भी स्वामी ने संसद में इस आशय की शिकायत की थी और यह मामला संसदीय समिति के सामने गया. लेकिन राहुल को दोषी नहीं पाया गया. वर्ष 2015 में मनोहर लाल शर्मा एडवोकेट ने सर्वोच्च न्यायालय में एक वाद दायर किया जिसमें राहुल की नागरिकता को लेकर ऐसा ही सवाल उठाया गया था और उन्हें कथित रुप से ब्रिटिश नागरिक बताया गया लेकिन मुख्य न्यायाधीश की अध्यक्षता वाली पीठ ने मनोहर लाल शर्मा की याचिका को खारिज कर दिया. उल्लेखनीय है कि मनोहर लाल शर्मा ने भी उन्हीं दस्तावेजों का हवाला दिया जो सुब्रमण्यम स्वामी द्वारा दिये गये है साथ ही राहुल की संसद सदस्यता पर भी सवाल खड़ा किया. लेकिन सर्वोच्च न्यायालय ने इस बात के सिरे से खारिज कर दिया.
लोकसभा चुनाव होने के कारण यह मामला फिर उछला, पहले अमेठी में एक निर्दलीय उम्मीदवार ने इस मुद्दे को उठाकर चुनाव अधिकारी के सामने याचिका दी. लेकिन चुनाव अधिकारी ने सही तथ्य न होने पर उस आवेदन को खारिज़ कर दिया.
सूत्र बताते है कि अमेठी से खारिज़ हो जाने के बाद इस मुद्दे को भाजपा के इशारे पर पुन: उठाया गया. ताकि इसे राजनीतिक तूल देकर राहुल की छवि को खराब किया जा सके पार्टी के प्रवक्ता रणदीप सुरजेवाला ने इसे एक षडयंत्र बताते हुए दलील दी कि राहुल जन्म से भारतीय हैै. इधर प्रियंका गांधी ने तल्ख टिप्पणी की और भाजपा की इस कोशिश को बकवास करार दिया उन्होंने कहा कि कौन नहीं जानता कि राहुल यही पैदा हुए, यही पढ़े और यही बड़े हुए. भाजपा मुद्दों से भटकाने के लिए इस स्तर पर उतर आई है.