'रेपिस्तान' के विवादित ट्वीट पर राहुल गांधी ने की IAS शाह फैसल की तारीफ, समर्थन में लिखा पत्र: जम्मू-कश्मीर कांग्रेस
By लोकमत समाचार हिंदी ब्यूरो | Published: July 17, 2018 08:04 PM2018-07-17T20:04:39+5:302018-07-17T20:11:13+5:30
शाह फैसल ने ट्वीट किया था कि पितृसत्ता, जनसंख्या, निरक्षरता, शराब, पोर्न, टेक्नोलॉजी और अराजकता से रेपिस्तान बन रहा है।
नई दिल्ली, 17 जुलाई: कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी ने आईएएस अफसर शाह फैसल का "रेपिस्तान" टिप्पणी मामले में बचाव किया है। कांग्रेस अध्यक्ष ने एक पत्र लिखकर शाह फैसला की टिप्पणी को साहसिक बताया है। राहुल गांधी ने अपने पत्र में कहा है कि शाह फैसला ने देश में प्लेग की तरह फैले मामले (बलात्कार) का मुद्दा उठाकर साहसिक कार्य किया है। समाचार एजेंसी एएनआई के अनुसार जम्मू-कश्मीर कांग्रेस ने इस बात की जानकारी दी है। शाह फैसल साल 2009 की लोक सेवा आयोग की परीक्षा के टॉपर रहे थे। वो यूपीएससी की परीक्षा में टॉप करने वाले पहले कश्मीरी हैं।
शाह फैसल ने 22 अप्रैल को अपने आधिकारिक ट्विटर अकाउंट से ट्वीट किया था, "पितृसत्ता+जनसंख्या+निरक्षरता+शराब+पोर्न+टेक्नोलॉजी+अराजकता=रेपिस्तान!" शाह फैसल इस ट्वीट के बाद कॉफी ट्रॉल हुए थे। कुछ लोगों ने उन पर देश विरोधी ट्ववीट करने का आरोप लगाया। वहीं कुछ लोगों ने शाह फैसल पर तथ्य विरोधी बात कहने का आरोप लगाया। शाह फैसल इस समय स्टडी लीव पर अमेरिका में पढ़ाई कर रहे हैं।
Expressing solidarity with IAS Topper Shah Faesal, All India Congress Committee President Rahul Gandhi in a letter praised him (Faesal) for courageously highlighting the issues that plague India: J&K Congress
— ANI (@ANI) July 17, 2018
शाह फैसल को विवादित ट्वीट करने के बाद उनके विभाग ने उनसे सफाई माँगी थी। शाह फैसल ने उनको मिले नोटिस को भी ट्वीट करते हुए भारतीय लोक सेवा आयोग के ब्रिटिशकालीन नियमों में बदलाव की जरूरत बतायी थी। विभाग की तरफ से मिले नोटिस के बाद शाह फैसल ने ट्वीट किया था, "दक्षिण एशिया के रेप कल्चर पर मेरे तंजिया ट्वीट के बाद मेरे बॉस की तरफ से मिला लव लेटर। विडंबना ये है कि औपनिवेशिक भारत के सेवा नियमों का प्रयोग लोकतांत्रिक भारत में आत्मा की आजादी का गला घोंटने के लिए किया जा रहा है। मैं इसे यहाँ इसलिए साझा कर रहा हूँ ताकि बदलाव की जरूरत पर जोर दिया जा सके।"
Love letter from my boss for my sarcastic tweet against rape-culture in South Asia.
— Shah Faesal (@shahfaesal) July 10, 2018
The Irony here is that service rules with a colonial spirit are invoked in a democratic India to stifle the freedom of conscience.
I'm sharing this to underscore the need for a rule change. pic.twitter.com/ssT8HIKhIK
लोकमत न्यूज के लेटेस्ट यूट्यूब वीडियो और स्पेशल पैकेज के लिए यहाँ क्लिक कर सब्सक्राइब करें।