सोनिया गांधी ने राहुल गांधी और मोदी पर पहली बार खुलकर बोली हैं। उन्होंने कहा "मैं राहुल को अध्यक्ष बनने की शुभकामनाएं, बधाई और आशीर्वाद देती हूं। आज मैं आखिरी बार कांग्रेस अध्यक्ष के तौर पर संबोधित कर रही हूं। आपके सामने अब एक नया दौर है। अब आप सबको एक नई शुरुआत करनी है।
उन्होंने कहा "20 साल पहले जब आपने मुझे अध्यक्ष पद के लिए चुना और मैं इसी तरह संबोधित करने के लिए खड़ी थी। मुझे घबराहट थी कि कैसे इस संगठन को संभालूंगी। तब मेरे सामने एक कठिन कर्तव्य था। तब तक मेरा राजनीति से बहुत वास्ता नहीं पड़ा था।''
इंदिरा गांधी को याद करते हुए कहा "मैं जिस परिवार में शादी होकर आई, वह क्रांतिकारी परिवार था। उस परिवार का एक-एक सदस्य जेल जा सकता था। देश ही उनका जीवन था। इंदिराजी से मैंने काफी कुछ सीखा। इंदिराजी की मौत के बाद मुझे लगा जैसे मुझसे मेरी मां छिन गई हो।''
थोड़ी देर चुप रहकर सोनिया बोलीं "मैं अपने बच्चों को राजनीति से दूर रखना चाहती थी। इंदिराजी के बाद मेरे पति राजीव ने जिम्मेदारी को समझा, प्रधानमंत्री पद संभाला। पूरे देश की समस्याओं को जाना। इंदिराजी की हत्या के 7 साल बाद फिर मेरे पति की हत्या कर दी गई और मेरा सहारा छीन लिया गया।''
सोनिया गांधी ने कहा की हमने 10 सालों तक एक जिम्मेदार सरकार दी जिसका नेतृत्व डॉ मनमोहन सिंह ने पूरी ईमानदारी से किया। उन्होंने कहा कि हम 2014 से विपक्ष में हैं। हमारे सामने चुनौती है। हमारे संवैधानिक मूल्यों पर हमला किया है। लेकिन हम डरने वाले नही हैं। हम संघर्ष जारी रहेगा। सत्ता, शोहरत और स्वार्थ हमारा मकसद नहीं है। इस देश के मूल्यों की रक्षा करना हमारा मकसद है।
राहुल को लेकर सोनिया ने कहा की यह मेरा बेटा है और इसलिए तारीफ करना उचित होगा किन्तु राजनीति में आने पर उसने एक ऐसे भयंकर शख्स का सामना किया जिससे वह निडर बन गया है।
बता दें कि सोनिया गांधी ने मार्च 1998 में पार्टी के अध्यक्ष पद को ग्रहण किया था। वह 19 साल अध्यक्ष रहीं।