कांग्रेस में राहुल गांधी के इस्तीफे के बाद पद छोड़ने वाले नेता अभी भी जमें है अपने पदों पर
By शीलेष शर्मा | Updated: August 27, 2019 06:04 IST2019-08-27T06:04:35+5:302019-08-27T06:04:35+5:30
राहुल गांधी के इस्तीफे के बाद कार्यसमिति ने अध्यक्ष पद की जिम्मेदारी भले ही सोनिया गांधी को सौंप दी हो लेकिन दूसरे इस्तीफों पर ना तो पार्टी की ओर से कोई सफाई दी गयी और ना ही इस बात की घोषणा की गयी कि इस्तीफा देने वाले नेता अपने पद पर बने रहेगें या उनको जिम्मेदारियों से मुक्त कर दिया गया है.

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कांग्रेस अध्यक्ष पद से इस्तीफा देकर राहुल गांधी ने भले ही अपनी जिम्मेदारियों से किनारा कर लिया हो, लेकिन राहुल के इस्तीफे के साथ पार्टी के दूसरे नेताओं के इस्तीफे का जो सिलसिला शुरु हुआ वे सभी इस्तीफे महज़ दिखावटी नजर आ रहे है.
गौरतलब है कि राहुल के इस्तीफे के बाद मिलिंद देवड़ा, ज्योतिरादित्य सिंधिया, नाना पटोले, हरीश रावत, पी.एल. पुनिया, राज बब्बर, सहित तमाम बड़े नेताओं ने अपने-अपने पदों से इस्तीफा देने की घोषणा कर अपने इस्तीफे राहुल गांधी को भेज दिये थे.
राहुल गांधी के इस्तीफे के बाद कार्यसमिति ने अध्यक्ष पद की जिम्मेदारी भले ही सोनिया गांधी को सौंप दी हो लेकिन दूसरे इस्तीफों पर ना तो पार्टी की ओर से कोई सफाई दी गयी और ना ही इस बात की घोषणा की गयी कि इस्तीफा देने वाले नेता अपने पद पर बने रहेगें या उनको जिम्मेदारियों से मुक्त कर दिया गया है.
पार्टी की खामोशी से इस्तीफा देने वाले इन नेताओं ने राहत की सांस ली है नतीजा कमोवेश अधिकांश नेता इस्तीफा देने के बावजूद अपने-अपने पदों पर बने हुए है.
जिन नेताओं ने इस्तीफे दिये है उनके इस्तीफे स्वीकार कर उनके स्थान पर नये नेताओं को जिम्मेदारी सौंपने के लिए पार्टी के अंदर सुगबुगाहट शुरु हो गयी है. उच्च पदस्थ सूत्रों के अनुसार पार्टी की नयी अध्यक्ष सोनिया गांधी को उनके सिपहसालारों ने सलाह दी है कि वे लंबित पड़े इस्तीफों को स्वीकार करें और जमीन से जुड़े नेताओं को उनके स्थान पर नयी जिम्मेदारी सौंप दे.
पार्टी सूत्रों ने दावा किया कि सोनिया गांधी अपने सिपहसालरों की सलाह पर गंभीरता से विचार कर रही है और जल्दी ही उन सभी नेताओं के इस्तीफों को स्वीकार किया जाएगा जो नेतृत्व के पास लंबित पड़े है. तथा जहां नयी नियुक्तियां नहीं हुई है वहां रिक्त होने वाले पदों पर नयी नियुक्तियां की जाएगी.