इंफाल से मोइरांग के लिए रवाना हुए राहुल गांधी, राहत शिविरों में शरण लिए हिंसा प्रभावितों से करेंगे मुलाकात

By अनिल शर्मा | Published: June 30, 2023 10:22 AM2023-06-30T10:22:51+5:302023-06-30T10:36:44+5:30

मणिपुर में इस साल मई में जातीय संघर्ष शुरू होने के बाद से 300 से अधिक राहत शिविरों में करीब 50,000 लोग रह रहे हैं। राज्य में मैतेई और कुकी समुदायों के बीच जातीय हिंसा में अभी तक 100 से अधिक लोगों की मौत हो चुकी है।

Rahul Gandhi leaves for Moirang from Imphal will meet violence affected people taking shelter in relief camps | इंफाल से मोइरांग के लिए रवाना हुए राहुल गांधी, राहत शिविरों में शरण लिए हिंसा प्रभावितों से करेंगे मुलाकात

तस्वीरः ANI

Highlightsराहुल गांधी शुक्रवार सुबह इंफाल से मोइरांग के लिए रवाना हुए राहुल गांधी मोइरांग दौरे के बाद इंफाल लौटेंगे राहुल गांधी गुरुवार को दो दिवसीय दौरे पर हिंसाग्रस्त मणिपुर पहुंचे थे।

इंफाल: दो दिवसीय दौरे पर मणिपुर गए कांग्रेस नेता राहुल गांधी शुक्रवार सुबह इंफाल से मोइरांग के लिए रवाना हुए। कांग्रेस के प्रदेश अध्यक्ष कीशम मेघचंद्र के मुताबिक, मोइरांग में वह राहत शिविरों का दौरा करेंगे और वहां प्रभावित लोगों से मुलाकात करेंगे। कांग्रेस प्रदेश अध्यक्ष ने बताया कि राहुल गांधी मोइरांग दौरे के बाद इंफाल लौटेंगे और समान विचारधारा वाले 10 पार्टी नेताओं, यूनाइटेड नागा काउंसिल (यूएनसी) के नेताओं और नागरिक समाज संगठन के सदस्यों से मुलाकात करेंगे। गौरतलब है कि हिंसा के बाद सैकड़ों प्रभावित लोग मोइरांग के राहत शिविर में शरण लिए हुए हैं।

राहुल गांधी गुरुवार को दो दिवसीय दौरे पर हिंसाग्रस्त मणिपुर पहुंचे थे। यहां इंफाल से चुराचांदपुर के लिए रवाना हुए थे लेकिन पुलिस ने यह कहते हुए राहुल गांधी को वहां जाने से रोक दिया कि राजमार्ग पर ग्रेनेड हमले की आशंका है। इसके बाद राहुल गांधी इंफाल हवाईअड्डे पर लौट आए और चुराचांदपुर जाने के लिए राज्य सरकार द्वारा उपलब्ध कराए गए हेलिकॉप्टर से गए जहां उन्होंने राहत शिविरों का दौरा किया।

राहुल गांधी ने इसके बाद ट्वीट किया थाः  "मैं मणिपुर के अपने सभी भाइयों और बहनों को सुनने आया हूं। सभी समुदायों के लोग बहुत स्वागत और प्यार कर रहे हैं। यह बहुत दुर्भाग्यपूर्ण है कि सरकार मुझे रोक रही है। मणिपुर को उपचार की जरूरत है। शांति हमारी एकमात्र प्राथमिकता होनी चाहिए।"

गौरतलब है कि मणिपुर में इस साल मई में जातीय संघर्ष शुरू होने के बाद से 300 से अधिक राहत शिविरों में करीब 50,000 लोग रह रहे हैं। राज्य में मैतेई और कुकी समुदायों के बीच जातीय हिंसा में अभी तक 100 से अधिक लोगों की मौत हो चुकी है। मैतेई समुदाय को अनुसूचित जनजाति (एसटी) का दर्जा दिए जाने की मांग के विरोध में तीन मई को पर्वतीय जिलों में ‘आदिवासी एकजुटता मार्च’ आयोजित किए जाने के बाद मणिपुर में हिंसक झड़पें हुई हैं। मणिपुर की 53 प्रतिशत आबादी मैतेई समुदाय की है और यह मुख्य रूप से इंफाल घाटी में रहती है। वहीं, नगा और कुकी जैसे आदिवासी समुदायों की आबादी 40 प्रतिशत है और यह मुख्यत: पर्वतीय जिलों में रहती है।

Web Title: Rahul Gandhi leaves for Moirang from Imphal will meet violence affected people taking shelter in relief camps

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