नई दिल्ली, 4 अगस्त: मुजफ्फरपुर बालिका गृह कांड के विरोध में शनिवार शाम आरजेडी नेता तेजस्वी यादव ने दिल्ली के जंतर-मंतर पर धरना दिया। तेजस्वी के इस धरना प्रदर्शन में दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी भी शामिल हुए थे।यहां एक बार फिर विपक्षी दलों का जमवाड़ा देखने को मिला। इस दौरान राहुल गांधी ने कहा 'देश में एक अजीब सा माहौल बन गया है कमजोर लोगों पर खुलेआम हमला हो रहा है। उन्होंने आगे कहा 'हम देश की महिलाओं के साथ खड़े हूं। जो लोग जिम्मेदार हैं उनपर जल्द से जल्द एक्शन लेना चाहिए। उन्होंने यहां सरकार पर निशाना साधते हुए कहा की एक तरफ बीजेपी और संघ की सोच है और दूसरी तरफ पूरा देश खड़ा है।
बता दें कि इस धरना को तेजस्वी यादव ने गैर राजनीतिक करार देते हुए सभी आम लोगों से इसमें जुड़ने की अपील की है। जदयू ने कहा कि वे 'मूल्य आधारित राजनीति' के लिए जाने जाते हैं जबकि लालू प्रसाद नीत पार्टी 'जंगलराज और अपराधों' के लिए प्रसिद्ध है। बिहार के पूर्व उपमुख्यमंत्री तेजस्वी यादव की मुजफ्फरपुर मामले के विरोध में यहां जंतर-मंतर पर धरना और कैंडल लाइट मार्च की योजना है। जिसमें राहुल गांधी और केजरीवाल को भी आमंत्रित किया गया है।
क्या है पूरा मामला?
टाटा इंस्टीट्यूट ऑफ सोशल साइंस (टीआईएसएस), मुम्बई द्वारा अप्रैल में राज्य के समाज कल्याण विभाग को सौंपी गई एक ऑडिट रिपोर्ट में यह मामला सबसे पहले सामने आया था। बालिका गृह में रहने वाली 42 में से 34 लड़कियों के चिकित्सकीय परीक्षण में उनके साथ यौन उत्पीड़न की पुष्टि हुई है। एनजीओ ‘सेवा संकल्प एवं विकास समिति’ द्वारा चलाए जा रहे बालिका गृह का मालिक बृजेश ठाकुर इस मामले में मुख्य आरोपी है। इस मामले में 31 मई को 11 लोगों के खिलाफ एक प्राथमिकी दर्ज की गई थी। ठाकुर समेत 10 लोगों को तीन जून को गिरफ्तार किया गया था। एक व्यक्ति फरार है।
बिहार पुलिस ने 26 जुलाई को इन आरोपियों के खिलाफ यौन अपराधों से बच्चों के संरक्षण (पॉक्सो) की अदालत में आरोपपत्र दाखिल किया था। राज्य सरकार ने 26 जुलाई को इसकी जांच सीबीआई से कराने की सिफारिश की थी और बाद में सीबीआई ने इसकी जांच राज्य पुलिस से अपने हाथ में ले ली थी।
यौन उत्पीड़न कांड का खुलासा होने के बाद से पहली बार प्रतिक्रिया देते हुए मुख्यमंत्री ने कहा कि उन्होंने राज्य के मुख्य सचिव से ऐसी घटनाओं की पुनरावृत्ति रोकने के लिए संबंधित विभागों के परामर्श के साथ संस्थागत प्रणालियां विकसित करने को कहा है। उन्होंने कहा, “यह जरूरी है क्योंकि समाज में सभी तरह के लोग रहते हैं और वे एक छोटा सा मौका मिलते ही गलत काम में शामिल हो सकते हैं।”
कार्यक्रम में बिहार समाज कल्याण मंत्री मंजू वर्मा भी मौजूद थीं जो मामले में अपने पति का नाम सामने आने के बाद से विवाद के केंद्र में हैं। संवाददाताओं ने जब वर्मा की टिप्पणी जाननी चाही तो उन्होंने कोई प्रतिक्रिया नहीं दी और उनके अंगरक्षक ने मीडियाकर्मियों के साथ धक्का-मुक्की की।
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