राफेल को भारत लाने वाले पायलटों का एयर चीफ मार्शल भदौरिया ने किया स्वागत, जानें कौन हैं वो जाबांज जिन पर गर्व कर रहा है पूरा देश
By स्वाति सिंह | Updated: July 29, 2020 18:49 IST2020-07-29T18:45:30+5:302020-07-29T18:49:01+5:30
राफेल लाने वाले इंडियन एयरफोर्स के जाबांज पायलटों की टीम का नेतृत्व करने की जिम्मेदारी ग्रुप कैप्टन हरकीरत सिंह को मिली। उनकी टीम में दक्षिण कश्मीर से एयर कमोडोर हिलाल अहमद राथर, यूपी के बलिया से कोमोडोर मनीष सिंह, राजस्थान के जालोर से विंग कमांडर अभिषेक त्रिपाठी भी शामिल थे।

7,000 किलोमीटर की दूरी तय करके ये विमान आज दोपहर हरियाणा में स्थित अंबाला एयरबेस पर उतरे।
नई दिल्ली: राफेल विमानों को दुनिया के सबसे बेहतरीन लड़ाकू विमानों में से एक माना जाता है। नये और अत्याधुनिक पांच राफेल लड़ाकू विमानों का बेड़ा फ्रांस से आज यहां, देश के सामरिक रूप से महत्वपूर्ण अंबाला एयर बेस पर पहुंच गया। इन विमानों के, वायुसेना में शामिल होने के बाद देश को आस-पड़ोस के प्रतिद्वंद्वियों की हवाई युद्धक क्षमता पर बढ़त हासिल हो जाएगी।
निर्विवाद ट्रैक रिकॉर्ड वाले इन राफेल विमानों को दुनिया के सबसे बेहतरीन लड़ाकू विमानों में से एक माना जाता है। फ्रांस के बोरदु शहर में स्थित मेरिगनेक एयरबेस से 7,000 किलोमीटर की दूरी तय करके ये विमान आज दोपहर हरियाणा में स्थित अंबाला एयरबेस पर उतरे। भारत के फाइटर पायलट राफेल उड़ाकर देश लेकर लेकर आए हैं।
Ambala: Chief of the Air Staff Air Chief Marshal RKS Bhadauria welcomes the pilots who flew Rafale jets to India. #RafalesinIndiapic.twitter.com/Oq2xUAROYU
— ANI (@ANI) July 29, 2020
राफेल के पहले कमांडिंग ऑफिसर ग्रुप कैप्टन हरकीरत सिंह
ग्रुप कैप्टन हरकीरत सिंह 17वीं स्क्वाड्रन ‘गोल्डन एरो’ के कमांडिंग ऑफिसर हैं। हरकीरत सिंह पहले मिग-21 के पायलट थे। उन्हें एयरक्राफ्ट और खुद की जान बचाने के लिए 2009 में शौर्य चक्र से सम्मानित किया जा चुका है। साल 2008 में हरकीरत सिंह स्क्वाड्रन लीडर थे। उस साल 23 सितंबर की रात मिग-21 को दो विमानों वाली अभ्यास अवरोधन उड़ान बाइसन में भरनी थी। करीब 4 किमी की ऊंचाई पर अवरोध प्रक्रिया के दौरान अचानक इंजन में आग लग गई और तीन धमाके हुए, लेकिन हरकीरत सिंह ने तुरंत आग पर काबू पा लिया और विमान को सुरक्षित लैंड कराया।
कश्मीर के हिलाल अहमद राथर राफेल उड़ाने वाले पहले पायलट
एयर कमोडोर हिलाल अहमद राथर कश्मीर में रातों रात चर्चा का विषय बन गए हैं। हिलाल मौजूदा समय में फ्रांस में भारत के एयर अटैच हैं। भारतीय वायुसेना के इस अधिकारी के करियर विवरणों के अनुसार, दुनिया में यह सर्वश्रेष्ठ फ्लाइंग अधिकारी हैं। हिलाल की पढ़ाई जम्मू जिले के नगरोटा कस्बे में सैनिक स्कूल में हुई। वह वायुसेना में 17 दिसंबर, 1988 को एक लड़ाकू पायलट के रूप में शामिल हुए। 1993 में फ्लाइट लेफ्टिनेंट बन गए, 2004 में विंग कमांडर, 2016 में ग्रुप कैप्टन और 2019 में एयर कोमोडोर बने।
बलिया से एयर कमांडर मनीष सिंह
उत्तर प्रदेश के बलिया जनपद में बकवा गांव के रहने वाले मदन सिंह के बेटे मनीष भी राफेल विमान भारत लाने वाले पहले बैच में शामिल है। जब बलिया के लोगों ने पायलट्स की ग्रुप पिक्चर में मनीष सिंह को देखा, स्थानीय लोगों की खुशी का ठिकाना न रहा। मनीष सिंह ने बलिया में प्रारंभिक शिक्षा के बाद सैनिक स्कूल से पढ़ाई की है। मनीष साल 2002 में इंडियन एयरफोर्स में पायलट बने। अंबाला और जामनगर के बाद 2017-2018 में इनकी तैनाती गोरखपुर में थी। फ्रांस से राफेल डील के बाद मनीष को प्रशिक्षण के लिए सरकार ने फ्रांस भेजा।
विंग कमांडर अभिषेक त्रिपाठी
राजस्थान में जालोर शहर के ब्रह्मपुरी में रहने वाले अभिषेक त्रिपाठी कुश्ती के दांव-पेच के बाद अब आसमान का सिंकदर राफेल से उड़ा रहे हैं। उन्होंने 2001 में एनडीए की परीक्षा उत्तीर्ण कर अपने सपनों को उड़ान दी। इसके बाद फ्लाइंग ऑफिसर के रूप में वायुसेना में अपनी सेवाएं दी। इसके बाद फ्लाइंग लेफ्टिनेंट, स्क्वाडर्न लीडर और अब में अंबाला में विंग कमांडर के पद पर कार्यरत हैं।



