राफेल विवाद: कांग्रेस के हमलों के बाद हरकत में आई मोदी सरकार, सुप्रीम कोर्ट में PAC को लेकर याचिका

By पल्लवी कुमारी | Updated: December 15, 2018 20:09 IST2018-12-15T20:09:06+5:302018-12-15T20:09:06+5:30

सुप्रीम कोर्ट ने शुक्रवार को अपने फैसले में कहा था कि कैग के साथ कीमत के ब्योरे को साझा किया गया और कैग की रिपोर्ट पर पीएसी ने गौर किया। कैग और पीएसी के मुद्दे के बारे में शीर्ष अदालत के फैसले के पैराग्राफ 25 में इसका जिक्र भी है।

Rafale verdict, Centre moves SC seeking correction over CAG, PAC reference | राफेल विवाद: कांग्रेस के हमलों के बाद हरकत में आई मोदी सरकार, सुप्रीम कोर्ट में PAC को लेकर याचिका

राफेल विवाद: कांग्रेस के हमलों के बाद हरकत में आई मोदी सरकार, सुप्रीम कोर्ट में PAC को लेकर याचिका

राफेल डील पर सुप्रीम कोर्ट के फैसले और इस घमासान के बीच नरेन्द्र मोदी सरकार हरकत में आ गई है। शनिवार को मोदी सरकार ने राफेल डील पर किए गए फैसलों में तथ्यात्मक सुधार के लिए याचिका दायर की है। असल में केन्द्र सरकार ने सुप्रीम कोर्ट के उस फैसले में संशोधन की मांग की है, जिसमें नियंत्रक एवं महालेखा परीक्षक (CAG) रिपोर्ट और संसद की लोक लेखा समिति (PAC) के बारे में लिखा गया है। 

खबरों के मुताबिक एक विधि के अधिकारी ने बताया कि कोर्ट को अवगत कराने के लिए याचिका दायर की गई है कि कैग और पीएसी से जुड़े मुहरबंद दस्तावेज के मुद्दे पर अलग-अलग व्याख्या की जा रही है।

बता दें कि सुप्रीम कोर्ट ने शुक्रवार को अपने फैसले में कहा था कि कैग के साथ कीमत के ब्योरे को साझा किया गया और कैग की रिपोर्ट पर पीएसी ने गौर किया। कैग और पीएसी के मुद्दे के बारे में शीर्ष अदालत के फैसले के पैराग्राफ 25 में इसका जिक्र भी है।

फैसले में कहा गया था कि फ्रांस से 36 राफेल लड़ाकू विमानों की खरीदारी में किसी तरह की अनियमितता नहीं हुई। फैसले में कहा गया कि उसके सामने रखे गए साक्ष्य से पता चलता है कि केंद्र ने राफेल लड़ाकू विमान पर मूल्य के विवरणों का संसद में खुलासा नहीं किया, लेकिन नियंत्रक एवं महालेखा परीक्षक के सामने इसे उजागर किया गया। 

शुक्रवार को उच्चतम न्यायालय के फैसले के बाद कांग्रेस नेता और पीएसी के अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे ने कहा कि उनके सामने इस तरह की रिपोर्ट नहीं आयी थी। 

राफेल मामले पर पीएसी सदस्यों से अटॉर्नी जनरल और कैग को बुलाने का आग्रह करूंगा: खड़गे

 कांग्रेस के वरिष्ठ नेता और संसद की लोक लेखा समिति (पीएसी) के प्रमुख मल्लिकार्जुन खड़गे ने राफेल विमान सौदे से जुड़े उच्चतम न्यायालय के फैसले की पृष्ठभूमि में शनिवार कहा कि वह पीएसी के सदस्यों से आग्रह करेंगे कि अटॉर्नी जनरल और नियंत्रक एवं महालेखा परीक्षक (कैग) को बुलाकर पूछा जाए कि राफेल मामले में कैग की रिपोर्ट कब और कहां आई है।

खड़गे ने आरोप लगाया कि सरकार ने न्यायालय के समक्ष कैग रिपोर्ट तौर पर गलत जानकारी रखी जिस वजह से इस तरह का निर्णय आया है।

लोकसभा में कांग्रेस के नेता ने संवाददाताओं से कहा, 'राफेल के बारे में न्यायालय के सामने सरकार को जिन चीजों को ठीक ढंग से रखना चाहिए था, वो नहीं रखा। अटॉर्नी जनरल ने इस तरह से पक्ष रखा कि न्यायालय को यह महसूस हुआ कि कैग रिपोर्ट संसद में पेश हो गई है और पीएसी ने रिपोर्ट ने देख ली है।' उन्होंने कहा, 'जब पीएसी जांच करती है तो साक्ष्यों को देखती है। लेकिन न्यायालय को गलत जानकारी दी गयी और जिसके आधार पर गलत निर्णय आया।' खड़गे ने कहा, 'पीएसी के सदस्यों से आग्रह करने जा रहा हूँ कि अटॉर्नी जनरल को बुलाया जाए और कैग को भी बुलाया जाए ताकि यह पूछा जाए कि यह रिपोर्ट कब आई और पीएसी को कब मिली है ।' उन्होंने कहा, 'अगर यह रिपोर्ट नहीं आई तो सरकार ने झूठ क्यों बोला? वह माफी मांगे। सरकार को कहां से क्लीन चिट मिलती है? किसी चीज को धोखे में रखकर की जाए तो वो ठीक नहीं है।' उन्होंने कहा, 'इसलिये हम जेपीसी की मांग कर रहे हैं ताकि पूरी सच्चाई सामने आ सके।
 (समाचार एजेंसी भाषा इनपुट के साथ) 

Web Title: Rafale verdict, Centre moves SC seeking correction over CAG, PAC reference

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