राफेल विवाद को लेकर लगातार राहुल गांधी मोदी सरकार पर हमला बोल रहे हैं। मंगलवार को आयोजिए एक प्रेस कांफ्रेंस में राहुल गांधी ने एक ईमेल का खुलासा किया है। उन्होंने ईमेल का हवाला देते हुए कहा कि राफेल डील से 10 दिन पहले फ्रांस के रक्षा मंत्री से अनिल अंबानी ने मुलाकात की थी।
प्रेस कॉन्फ्रेंस के दौरान राहुल गांधी ने एक ईमेल दिखाकर कहा कि इस ईमेल से स्पष्ट है कि नरेंद्र मोदी अनिल अंबानी के बिचौलिए के रूप में काम कर रहे हैं। उन्होंने कहा कि एयरबस कंपनी के एग्जक्यूटिव ने ईमेल में लिखा है कि फ्रांस के रक्षा मंत्री के ऑफिस में अनिल अंबानी गए थे।
राहुल गांधी ने सवाल किया कि अब पीएम को जवाब देने की जरूरत है कि अनिल अंबानी को राफेल डील से 10 दिन पहले कैसे पता चला। उन्होंने कहा कि रक्षा मंत्री, एचएएल को नहीं पता, लेकिन अनिल अंबानी को पता था। अगर यह सच है तो पीएम मोदी आधिकारिक रहस्य अधिनियम का उल्लंघन करते हैं, इस आधार पर आपराधिक कार्रवाई शुरू की जानी चाहिए।
इससे पहले इंडियन एक्सप्रेस में छपी एक रिपोर्ट के मुताबिक मार्च 2015 के चौथे सप्ताह में अनिल अंबानी पेरिस गए थे और वहां उन्होंने फ्रांसीसी फ्रांसीसी रक्षा मंत्री जीन वेस ली ड्रायन से मुलाकात की थी।
इस बैठक में ली ड्रायन के विशेष सलाहकार जीन क्लॉड मैलेट भी शामिल थे। हालांकि अंबानी की इस बैठक को सोलोमॉन ने एक यूरोपीय रक्षा कंपनी के एक शीर्ष अधिकारी को गुप्त और कल्पना के अनुसार बहुत कम समय में प्लान बताया है।