राफेल मामला: सरकार ने सुप्रीम कोर्ट से कहा- 'प्रशांत भूषण दे रहे हैं रक्षा मंत्रालय से चोरी किए गए दस्तावेज का हवाला'

By लोकमत न्यूज़ डेस्क | Published: March 6, 2019 03:28 PM2019-03-06T15:28:42+5:302019-03-06T15:31:20+5:30

प्रशांत भूषण ने जब वरिष्ठ पत्रकार एन राम के एक लेख का हवाला दिया तो अटार्नी जनरल के के वेणुगोपाल ने इसका विरोध किया।

rafale deal centre tells supreme court documents cited by Prashant Bhushan were stolen | राफेल मामला: सरकार ने सुप्रीम कोर्ट से कहा- 'प्रशांत भूषण दे रहे हैं रक्षा मंत्रालय से चोरी किए गए दस्तावेज का हवाला'

राफेल मामला: सरकार ने सुप्रीम कोर्ट से कहा- 'प्रशांत भूषण दे रहे हैं रक्षा मंत्रालय से चोरी किए गए दस्तावेज का हवाला'

Highlightsराफेल डील विवाद पर सुप्रीम कोर्ट में पुनर्विचार याचिका पर सुनवाईप्रशांत भूषण के एन. राम का लेख पढ़ने पर अटॉर्नी जनरल ने जताया विरोध

अटॉर्नी जनरल केके वेणुगोपाल ने बुधवार को राफेल डील पर सुनवाई के दौरान सुप्रीम कोर्ट से कहा कि कुछ दस्तावेज जो फाइटर जेट की खरीद से जुड़े हैं, उन्हें रक्षा मंत्रालय से चुराया गया है। सुनवाई के दौरान वकील प्रशांत भूषण ने जब सुप्रीम कोर्ट में एक नोट पढ़ना शुरू किया तो वेणुगोपाल ने आपत्ति जताई। वेणुगोपाल ने तर्क दिया कि यह दस्तावेज चोरी किये गये दस्तावेजों पर आधारित हैं।

वेणुगोपाल ने साथ ही कहा कि जिन दस्तावेंजों के आधार पर प्रशांत भूषण बात कर रहे हैं वे रक्षा मंत्रालय के 'मौजूदा या पूर्व कर्मचारियों' द्वारा चुराया गया है। वेणुगोपाल ने सुप्रीम कोर्ट को बताया कि इस मामले की जांच जारी है।

राफेल मामला: पुर्विचार याचिका पर सुनवाई

प्रधान न्यायाधीश रंजन गोगोई, न्यायमूर्ति संजय किशन कौल और न्यायमूर्ति केएम जोसेफ की पीठ ने अपने दिसंबर, 2018 के फैसले पर पुनर्विचार के लिये पूर्व मंत्री यशवंत सिन्हा और अरूण शौरी तथा अधिवक्ता प्रशांत भूषण की याचिका पर बुधवार को सुनवाई की। पुनर्विचार याचिकाओं में आरोप लगाया गया है कि सुप्रीम कोर्ट ने जब राफेल सौदे के खिलाफ जनहित याचिकाओं पर अपना फैसला सुनाया तो केन्द्र ने महत्वपूर्ण तथ्यों को उससे छुपाया था। 

प्रशांत भूषण ने जब वरिष्ठ पत्रकार एन राम के एक लेख का हवाला दिया तो अटार्नी जनरल के के वेणुगोपाल ने इसका विरोध किया और कहा कि यह लेख चोरी किये गये दस्तावेजों पर आधारित हैं और इस मामले की जांच जारी है।

वेणुगोपाल ने कहा कि इस वरिष्ठ पत्रकार का पहला लेख छह फरवरी को ‘द हिन्दू’ में प्रकाशित हुआ और बुधवार के संस्करण में भी एक खबर है जिसका मकसद न्यायालय की कार्यवाही को प्रभावित करना है और यह न्यायालय की अवमानना के समान है।

वेणुगोपाल ने पुनर्विचार याचिकाओं को खारिज करने और ‘द हिन्दू’ में प्रकाशित लेखों के आधार पर प्रशांत भूषण द्वारा बहस करने पर आपत्ति की तो पीठ ने केन्द्र से जानना चाहा कि जब वह आरोप लगा रही है कि ये लेख चोरी की सामग्री पर आधारित हैं तो उसने इसमें क्या किया है? 

सिन्हा, शौरी और स्वंय अपनी ओर से बहस शुरू करते हुये भूषण ने कहा कि राफेल सौदे के महत्वपूर्ण तथ्यों को उस समय छुपाया गया जब इस मामले में प्राथमिकी दर्ज करने और इसकी जांच के लिये याचिका दायर की गयी थी।

उन्होंने कहा कि अगर इन तथ्यों को न्यायालय से छुपाया नहीं गया होता तो निश्चित ही शीर्ष अदालत ने प्राथमिकी दर्ज करके जांच कराने के लिये दायर याचिका रद्द नहीं की होती। हालांकि, वेणुगोपाल ने कहा कि भूषण जिन दस्तावेजों को अपना आधार बना रहे हैं, उन्हें रक्षा मंत्रालय से चोरी किया गया है और इस मामले में जांच जारी है।

इस पर प्रधान न्यायाधीश ने कहा कि भूषण को सुनने का मतलब यह नहीं है कि शीर्ष अदालत राफेल सौदे के दस्तावेजों को रिकार्ड पर ले रही है। उन्होंने वेणुगोपाल से जानना चाहा कि इस सौदे से संबंधित दस्तावेज चोरी होने के बाद सरकार ने क्या कार्रवाई की। 

अटार्नी जनरल ने यह भी कहा कि याचिकाकर्ताओं ने जिन दस्तावेजों को अपना आधार बनाया है, उन पर गोपनीय और वर्गीकृत लिखा था और इसलिए यह सरकारी गोपनीयता कानून का उल्लंघन है।

वेणुगोपाल ने पुनर्विचार याचिकाओं और गलत बयानी के लिये दायर आवेदन रद्द करने का अनुरोध किया क्योंकि इनका आधार चोरी के दस्तावेज है। उन्होंने कहा कि आज के ‘द हिन्दू’ अखबार की राफेल के बारे में खबर शीर्ष अदालत की कार्यवाही को प्रभावित करने जैसा है और यह अपने आप में न्यायालय की अवमानना है।

Web Title: rafale deal centre tells supreme court documents cited by Prashant Bhushan were stolen

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