हम लोग नीरव मोदी अइसन नहीं हैं, लालू परिवार को नोटिस जारी होने पर भड़कीं राबडी देवी, कहा- मोदी सरकार के इशारे पर किया जा रहा परेशान
By एस पी सिन्हा | Published: February 28, 2023 04:12 PM2023-02-28T16:12:39+5:302023-02-28T16:15:36+5:30
बजट सत्र के दूसरे दिन बिहार विधान परिषद पहुंची राबड़ी देवी ने समन भेजे के मामले पर कहा कि लालू परिवार को हमेशा से नोटिस आता रहता है। नोटिस भेजने का सिलसिला ऐसा रहा कि जो बच्चा पेट में है, उस पर भी नोटिस भेज देता है।
पटनाः दिल्ली की एक अदालत के कथित जमीन के बदले नौकरी के मामले में तत्कालीन रेल मंत्री लालू प्रसाद यादव, पत्नी राबड़ी देवी, बड़ी बेटी मीसा भारती समेत 16 आरोपितों को समन जारी किये जाने पर पूर्व मुख्यमंत्री राबड़ी देवी का बयान सामने आया है। उन्होंने कहा कि 30 साल से हमें लोग परेशान कर रहा है, झेल ही न रहे हैं, आगे भी झेलेंगें। लेकिन हम भागने वालों में से नहीं है। उन्होंने कहा कि मोदी सरकार के इशारे पर केंद्रीय एजेंसियों द्वारा उनके परिवार के लोगों को इसलिए समन जारी किया गया है क्योंकि वे लोग बिहार में लालू से डर रहे हैं। इसलिए परेशान कर रहे हैं।
बजट सत्र के दूसरे दिन बिहार विधान परिषद पहुंची राबड़ी देवी ने समन भेजे के मामले पर कहा कि लालू परिवार को हमेशा से नोटिस आता रहता है। नोटिस भेजने का सिलसिला ऐसा रहा कि जो बच्चा पेट में है, उस पर भी नोटिस भेज देता है। लेकिन, हमलोग डरने वाले लोग नहीं हैं। हम लोग भागने वाले भी नहीं है, कुछ लोग तो देश छोड़कर भाग जाते हैं। हम लोग नीरव मोदी अइसन नहीं हैं। मोदी सबके भगा रहे हैं, नीरव मोदी को भी भगाये हैं। उन्होंने कहा कि बिहार में लालू यादव से डर है। इसलिए हमलोगों को बांधना चाहता है। हम लोग बंधावे वाला आदमी थोड़े ना है और ना भागने वाला है।
उल्लेखनीय है कि लालू यादव पर आरोप है कि 2004 से 2009 की अवधि के दौरान, लालू प्रसाद यादव ने उम्मीदवारों से रेलवे के विभिन्न जोन में ग्रुप डी के पदों पर नौकरी के बदले अपने परिवार के सदस्यों के नाम पर जमीन ली थी और आर्थिक लाभ प्राप्त किया था। पटना के रहने वाले कई लोगों ने खुद या अपने परिवार के सदस्यों के माध्यम से यादव के परिवार के सदस्यों और उनके परिवार के नियंत्रित एक निजी कंपनी के पक्ष में पटना स्थित अपनी जमीन बेची थी, वे ऐसी अचल संपत्तियों के हस्तांतरण में भी शामिल थे।
रेलवे में भर्ती के लिए विज्ञापन या कोई सार्वजनिक नोटिस जारी नहीं किया गया था। फिर भी जो पटना के निवासी थे, उन्हें मुंबई, जबलपुर, कोलकाता, जयपुर और हाजीपुर में स्थित विभिन्न जोनल रेलवे में सब्स्टिटूट के रूप में नियुक्त किया गया था। सीबीआई का कहना है कि इस मामले में पटना में 1,05,292 फुट जमीन लालू प्रसाद यादव के परिवार के सदस्यों ने विक्रेताओं को नकद भुगतान कर अधिग्रहित की थी।