पटनाः बिहार की पूर्व मुख्यमंत्री राबड़ी देवी का 10 सर्कुलर रोड स्थित सरकारी बंगला खाली किए जाने के बाद लगातार विवाद बना हुआ है। जदयू के मुख्य प्रवक्ता एवं विधान पार्षद नीरज कुमार ने इसको लेकर तमाम तरह की शंकाएं जाहिर करते हुए भवन निर्माण विभाग को पत्र लिखकर सियासी हलचल तेज कर दी है। नीरज कुमार ने पत्र में रात के समय सरकारी परिसर से सामान ले जाने के मामले पर गंभीर सवाल उठाते हुए इसकी पारदर्शी जांच की मांग की है। उन्होंने स्पष्ट रूप से पूछा है कि रात के अंधेरे में जिस सामान को ले जाया गया, वह क्या सरकारी संपत्ति थी और यदि ऐसा है तो उसे किस अधिकार और किस आदेश पर हटाया गया? नीरज कुमार ने पत्र में कहा कि मीडिया स्रोतों से प्राप्त जानकारी के अनुसार उक्त सरकारी आवास को राबड़ी देवी एवं उनके परिवार की अनुपस्थिति में खाली किया जा रहा है।
मीडिया में यह प्रसारित हुआ है कि रात के समय पिकअप वैन के माध्यम से उक्त आवास परिसर से गमले एवं पौधे बाहर ले जाए गए हैं। ऐसे में विभाग यह साफ करे कि आवास परिसर में लगे गमले एवं पौधे उद्यान विभाग की संपत्ति हैं अथवा निजी? यदि वे उद्यान विभाग की संपत्ति हैं, तो किसके आदेश एवं अनुमति से उन्हें पिकअप वैन द्वारा हटाया गया?
उन्होंने इस बात पर भी सवाल खड़े किए हैं कि जिस समय सामान ले जाने की गतिविधि हुई, उस दौरान लालू प्रसाद यादव और राबड़ी देवी उस आवास में मौजूद नहीं थे। ऐसे में यह गंभीर प्रश्न खड़ा होता है कि उनकी अनुपस्थिति में परिसर में गाड़ियों का प्रवेश किसके निर्देश पर कराया गया?
उन्होंने इसे नियमों और प्रक्रियाओं से जुड़ा मामला बताते हुए कहा है कि सरकारी परिसरों में किसी भी प्रकार की आवाजाही और सामग्री के स्थानांतरण के लिए स्पष्ट अनुमति और रिकॉर्ड का होना अनिवार्य है। नीरज कुमार ने भवन निर्माण विभाग से आग्रह किया है कि इस पूरे मामले की विस्तृत जांच कराई जाए और यह सुनिश्चित किया जाए कि सरकारी संपत्तियों का सही तरीके से सत्यापन किया गया हो।
उन्होंने कहा कि प्रत्येक सरकारी संपत्ति का पूरा रिकॉर्ड, सूची और दस्तावेज विभाग के पास उपलब्ध होना चाहिए, ताकि किसी भी तरह के भ्रम या विवाद की स्थिति उत्पन्न न हो। उनका कहना है कि यदि संपत्ति निजी थी, तो उसकी भी स्पष्ट जानकारी सार्वजनिक की जानी चाहिए, जिससे स्थिति पूरी तरह साफ हो सके।
नीरज कुमार ने विभाग से अपेक्षा जताई है कि वह नियमों के अनुरूप कार्रवाई करते हुए पूरे घटनाक्रम पर स्थिति साफ करे। नीरज कुमार ने चिट्ठी में आगे लिखा है कि विभाग का यह दायित्व है कि आवास खाली किए जाने के दौरान यह सुनिश्चित किया जाए कि पंखा, एसी, फर्नीचर, बाथरूम फिटिंग, टोंटी, गीजर, शौचालय में लगा कमोड, खिड़की-दरवाजों के पर्दे सहित अन्य सभी सरकारी सामग्री पूर्णतः सुरक्षित एवं यथास्थान उपलब्ध हो। पत्र के अंत में नीरज कुमार ने विभाग से आग्रह करते हुए कहा है कि भवन निर्माण विभाग द्वारा संपूर्ण प्रक्रिया की विधिवत निगरानी कराई जाए,
सभी परिसंपत्तियों का भौतिक सत्यापन कराया जाए और आवश्यकतानुसार विधिवत दस्तावेजीकरण भी सुनिश्चित किया जाए ताकि भविष्य में किसी भी प्रकार के भ्रम, आरोप या राजनीतिक दुष्प्रचार की कोई गुंजाइश न रहे। नीरज कुमार ने इस पत्र और अपना एक वीडियो सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स पर भी साझा किया है। वीडियो में उन्होंने भवन निर्माण मंत्री से अनुरोध किया है कि पूरी प्रक्रिया की विधिवत निगरानी कराई जाए और यह सुनिश्चित किया जाए कि सभी सरकारी सामान अपने मूल स्थान पर पूरी तरह सुरक्षित अवस्था में उपलब्ध हों।