सरकारी पैसों पर कुरान नहीं पढ़ाई जा सकती है, सभी मदरसों को स्कूल बनाया जाएगा: असम के मंत्री हेमंत बिस्व शर्मा
By अनुराग आनंद | Updated: October 14, 2020 16:00 IST2020-10-14T16:00:57+5:302020-10-14T16:00:57+5:30
राज्य मदरसा शिक्षा बोर्ड (एसएमईबी) के अनुसार, असम में 614 मान्यता प्राप्त मदरसे हैं। जिन्हें सरकार अब नियमित स्कूल में बदलने के लिए सोच रही है।

हेमंस बिस्वा शर्मा (फाइल फोटो)
नई दिल्ली:असम सरकार के मंत्री व भारतीय जनता पार्टी के नेता हेमंत बिस्व शर्मा ने कहा है कि सरकारी पैसों पर कुरान नहीं पढ़ाई जा सकती है। उन्होंने कहा कि यदि ऐसा ही करना है तो हमें बाइबिल व भगवत गीता की भी शिक्षा देनी चाहिए।
एशियानेट रिपोर्ट मुताबिक, हेमंत बिस्व शर्मा ने कहा कि सभी राज्य संचालित मदरसों को नियमित स्कूलों में परिवर्तित किया जाएगा। यही नहीं उन्होंने यह भी कहा कि इस संबंध में असम सरकार नवंबर माह में एक अधिसूचना जारी करेगी। इसके बाद दूसरे सरकारी स्कूलों की तरह ही मदरसों को भी नियमित स्कूल में बदल दिया जाएगा।
उन्होंने कहा कि सभी राज्य संचालित मदरसों को नियमित स्कूलों में परिवर्तित किया जाएगा या कुछ मामलों में शिक्षकों को राज्य संचालित स्कूलों में स्थानांतरित किया जाएगा और मदरसों को बंद कर दिया जाएगा। इसके लिए नवंबर में एक अधिसूचना जारी की जाएगी।
बीजेपी की अगुवाई वाली असम सरकार ने धार्मिक संस्थानों पर पैसा खर्च नहीं करने के लिए, मदरसों को नियमित स्कूलों में बदलने या शिक्षकों को अन्य स्कूलों में स्थानांतरित करने और उन्हें बंद करने का निर्णय लिया है।
बता दें कि राज्य मदरसा शिक्षा बोर्ड (एसएमईबी) के अनुसार, असम में 614 मान्यता प्राप्त मदरसे हैं। एसएमईबी की वेबसाइट के अनुसार, इनमें से 400 उच्च मदरसे हैं, 112 जूनियर उच्च मदरसे हैं और शेष 102 वरिष्ठ मदरसे हैं। कुल मान्यता प्राप्त मदरसों में से 57 लड़कियों के लिए हैं, 3 लड़कों के लिए हैं और 554 सह-शैक्षिक हैं। 17 मदरसे उर्दू माध्यम से चल रहे हैं।


