खालिस्तान समर्थक अमृतपाल सिंह के पीछे पंजाब पुलिस, 6 समर्थक गिरफ्तार, पंजाब के कई इलाकों में मोबाइल इंटरनेट सेवाएं बंद
By शिवेंद्र कुमार राय | Published: March 18, 2023 03:08 PM2023-03-18T15:08:04+5:302023-03-18T15:43:11+5:30
अमृतपाल सिंह के खिलाफ अमृतसर के अजनाला थाना में अपहरण का एक मामला दर्ज किया गया है। हालांकि अब तक पुलिस ने यह खुलासा नहीं किया है कि 24 फरवरी को अमृतपाल सिंह के समर्थकों द्वारा अजनाला पुलिस स्टेशन पर कथित तौर पर धावा बोलने के बाद उसके खिलाफ कोई मामला दर्ज किया गया था या नहीं।

पुलिस की 50 से ज्यादा गाड़ियां अमृतपाल के पीछे
चंडीगढ़: पंजाब में वारिस पंजाब दे के मुखिया और खालिस्तान समर्थक नेता, उपदेशक अमृतपाल सिंह के खिलाफ शनिवार, 18 मार्च को कथित तौर पर कार्रवाई की है। अमृतपाल सिंह के समर्थकों के अनुसार उनके नेता को पंजाब पुलिस ने हिरासत में ले लिया है। अमृतपाल सिंह के समर्थकों ने कुछ अपुष्ट वीडियो साझा किए हैं जिसमें पुलिस मोगा जिले में उसके काफिले का पीछा कर रही थी और वाहन जालंधर के पास शाहकोट की ओर तेजी से जा रहा था। अमृतपाल के समर्थकों का कहना है कि फिलहाल वारिस पंजाब दे का मुखिया लापता है और उसका कोई अता-पता नहीं है।
इंडियन एक्सप्रेस की रिपोर्ट के अनुसार खालिस्तान समर्थक अमृतपाल सिंह बठिंडा जा रहा था, तभी पुलिस ने जालंधर के मेहताबपुर गांव के पास उसे रोकने की कोशिश की। अमृतपाल के छह समर्थकों को कथित तौर पर मेहताबपुर से हिरासत में लिया गया था। सूत्रों का कहना है कि अमृतपाल के समर्थकों के घरों पर भी छापे मारे गए हैं। बताया गया है कि अमृतपाल सिंह के करीबी सहयोगियों के सभी फोन स्विच ऑफ थे।
कुछ मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार पुलिस की 50 से ज्यादा गाड़ियां अमृतपाल और उसके साथियों का पीछा कर रही हैं। अमृतपाल सिंह के 6 समर्थक पुलिस की गिरफ्त में बताए जा रहे हैं और पता चला है कि अमृतपाल फिलहाल पुलिस से बचने के लिए लगातार भाग रहा है।
बता दें कि अमृतपाल सिंह के खिलाफ अमृतसर के अजनाला थाना में अपहरण का एक मामला दर्ज किया गया है। हालांकि अब तक पुलिस ने यह खुलासा नहीं किया है कि 24 फरवरी को अमृतपाल सिंह के समर्थकों द्वारा अजनाला पुलिस स्टेशन पर कथित तौर पर धावा बोलने के बाद उसके खिलाफ कोई मामला दर्ज किया गया था या नहीं। पिछले महीने ही अमृतपाल औऱ उनके साथियों ने पंजाब के अजनाला में हथियारों से लैस होकर थाने पर हमला कर दिया था। अमृतपाल के समर्थकों ने अपहरण और दंगों के आरोपियों में से एक तूफान की रिहाई को लेकर पुलिस स्टेशन पर यह धावा बोला था। इस दौरान छह पुलिसकर्मी घायल हो गए थे।