मनीष तिवारी का अपनी पार्टी पर कटाक्ष! कहा- भगवंत मान के शपथ ग्रहण समारोह का मिला था निमंत्रण, चन्नी के समय नहीं बुलाया गया
By लोकमत न्यूज़ डेस्क | Published: March 16, 2022 08:14 PM2022-03-16T20:14:23+5:302022-03-16T20:19:28+5:30
कांग्रेस सांसद मनीष तिवारी ने एक बार फिर अपनी ही पार्टी पर तंज कसा है। उन्होंने कहा कि उन्हें भगवंत मान क शपथ ग्रहण समारोह के लिए निमंत्रण भेजा गया था जबकि पूर्व में चरणजीत सिंह चन्नी के शपथ ग्रहण के समय उन्हें नहीं बुलाया गया था।
नयी दिल्ली: कांग्रेस नेता मनीष तिवारी ने पंजाब के मुख्यमंत्री के तौर पर भगवंत मान के शपथ ग्रहण समारोह के लिए मिले निमंत्रण का उल्लेख करते हुए बुधवार को अपनी पार्टी पर कटाक्ष करते हुए कहा कि जब चरणजीत सिंह चन्नी ने शपथ ली थी, तब उन्हें आमंत्रित नहीं किया गया था।
मनीष तिवारी ने मान के शपथ ग्रहण समारोह का एक निमंत्रण पत्र ट्विटर पर साझा करते हुए कहा कि वह इसमें शामिल नहीं हो सके, क्योंकि संसद का सत्र चल रहा है। महान स्वतंत्रता सेनानी शहीद भगत सिंह के पैतृक गांव खटकड़ कलां में एक सादे समारोह में भगवंत मान ने बुधवार को पंजाब के मुख्यमंत्री के रूप में शपथ ली।
कांग्रेस नेता ने ट्विटर पर कहा, ''मैं भगवंत मान को मुख्यमंत्री के रूप में शपथ लेने पर बधाई देता हूं, मुझे उनके शपथ ग्रहण में आमंत्रित करने के लिए मैं उन्हें धन्यवाद देता हूं। संसद सत्र होने के कारण मैं इसमें शामिल नहीं हो सका।'' मनीष तिवारी ने कहा, ''यह विडंबना है कि मुझे चरणजीत सिंह चन्नी के शपथ ग्रहण समारोह में आमंत्रित नहीं किया गया था, हालांकि वह मेरे क्षेत्र के विधायकों में से एक थे।''
I congratulate @BhagwantMann on being sworn in as Chief Minister
— Manish Tewari (@ManishTewari) March 16, 2022
I thank him for inviting me to his swearing in .
Due to Parliament being in session I will not be able to make it .
It is ironic I was not invited to @CHARANJITCHANNI ‘s swearing in though he was one of my MLA’s pic.twitter.com/AyW91uNyYE
गौरतलब है कि पिछले साल कांग्रेस नेतृत्व द्वारा अमरिंदर सिंह को मुख्यमंत्री पद से बर्खास्त करने के बाद चन्नी ने मुख्यमंत्री पद की शपथ ली थी। पंजाब के आनंदपुर साहिब से लोकसभा सांसद और पार्टी के शीर्ष नेतृत्व के आलोचक रहे जी-23 समूह के नेता मनीष तिवारी अमरिंदर सिंह के करीबी माने जाते हैं। हाल में पंजाब में हुए विधानसभा चुनाव में कांग्रेस को बुरी तरह से हार का सामना करना पड़ा और पार्टी सत्ता से बाहर हो गई। कांग्रेस को केवल चुनाव में केवल 18 सीटें मिली। वहीं 'आप' के खाते में 92 सीट आए।