चंडीगढ़: पंजाब कांग्रेस में कलह अभी भी जारी है। नेतृत्व परिवर्तन के बाद भी विवाद कम नहीं हो रहा है। राज्य कांग्रेस के पूर्व प्रमुख सुनील जाखड़ के भतीजे अजय वीर जाखड़ ने पंजाब राज्य किसान आयोग (PSFC) के अध्यक्ष के रूप में पद छोड़ने की घोषणा की।
आपको बता दें कि सुनील जाखड़ सीएम के दौर में सबसे आगे चल रहे थे। अजय वीर जाखड़ के त्यागपत्र को बदलते राजनीतिक घटनाक्रम के रूप में देखा जा रहा है। अजय पूर्व लोकसभा अध्यक्ष बलराम जाखड़ के पोते हैं और पंजाब के अबोहर के रहने वाले हैं।
कांग्रेस के सत्ता में आने के तुरंत बाद अप्रैल 2017 में कैप्टन अमरिंदर सिंह द्वारा अजय को किसान आयोग का प्रमुख नियुक्त किया गया था। जबकि बलराम जाखड़ एक अनुभवी कांग्रेस नेता थे, जिन्होंने दो कार्यकाल के लिए लोकसभा अध्यक्ष के रूप में कार्य किया। उनके बेटे और अजय के पिता सज्जन कुमार जाखड़ राज्य मंत्री बने रहे।
इस बीच, पंजाब के मुख्यमंत्री के रूप में चरणजीत सिंह चन्नी के शपथ ग्रहण समारोह से पहले, कांग्रेस नेता सुनील जाखड़ ने एआईसीसी महासचिव हरीश रावत के उस कथित बयान पर सवाल उठाए, जिसमें उन्होंने आगामी राज्य विधानसभा चुनाव कांग्रेस की राज्य इकाई के प्रमुख नवजोत सिंह सिद्धू के नेतृत्व में लड़े जाने की बात कही थी।
कांग्रेस की राज्य इकाई के पूर्व प्रमुख जाखड़ ने अखिल भारतीय कांग्रेस कमेटी (एआईसीसी) के महासचिव हरीश रावत के बयान को ‘‘चौंकाने’’ वाला करार देते हुए कहा कि इससे मुख्यमंत्री के अधिकारों के ‘‘कमजोर’’ होने की आशंका है। जाखड़ ने ट्वीट किया, ‘‘ चरणचीत सिहं चन्नी के पंजाब के मुख्यमंत्री के रूप में शपथ ग्रहण करने के दिन, रावत का ‘‘ सिद्धू के नेतृत्व में चुनाव लड़ने का बयान’’ काफी चौंकाने वाला है। यह न केवल मुख्यमंत्री के अधिकारों को कमजोर कर सकता है बल्कि इस पद के लिए उनके चयन के कारणों को भी नकारेगा।’’
चन्नी आज दोपहर में पंजाब के मुख्यमंत्री के पद की शपथ लेंगे। रावत ने कथित तौर पर कहा था कि अगले साल पंजाब विधानसभा चुनाव सिद्धू के नेतृत्व में लड़ा जाएगा। सुनील जाखड़ का नाम भी नए मुख्यमंत्री के लिए प्रबल दावेदारों में शामिल था।
कांग्रेस के वरिष्ठ दलित नेता चरणजीत सिंह चन्नी को रविवार को पार्टी विधायक दल का नया नेता चुना गया था और वह आज राज्य के अगले मुख्यमंत्री के रूप में शपथ लेंगे। ऐसा कहा जा रहा है कि सिद्धू ने चन्नी के नाम का समर्थन किया था। भाजपा ने अमित मालविया ने जाखड़ के ट्वीट पर प्रतिक्रिया देते हुए इसे दलित समुदाय का एक ‘‘ बड़ा अपमान’’ बताया है।