पंजाब कांग्रेस में कलहः दिल्ली में तीन घंटे चली मीटिंग, सीएम अमरिंदर बोले-सिद्धू नहीं दलित को डिप्टी सीएम बनाया जाना चाहिए

By सतीश कुमार सिंह | Updated: June 4, 2021 20:15 IST2021-06-04T15:37:01+5:302021-06-04T20:15:27+5:30

पंजाब के मुख्यमंत्री अमरिंदर सिंह कांग्रेस की प्रदेश इकाई में चल रही कलह को दूर करने के मकसद से गठित समिति के समक्ष शुक्रवार को पहुंचे और यह मुलाकात करीब तीन घंटे तक चली।

Punjab Congress infighting Amarinder meets party panel in Delhi Dalit deputy CM but puts 'conditions' | पंजाब कांग्रेस में कलहः दिल्ली में तीन घंटे चली मीटिंग, सीएम अमरिंदर बोले-सिद्धू नहीं दलित को डिप्टी सीएम बनाया जाना चाहिए

सिंह और उनके पूर्व कैबिनेट सहयोगी नवजोत सिंह सिद्धू के बीच जुबानी जंग छिड़ी हुई है। (file photo)

Highlightsबैठक के बाद अमरिंदर सिंह ने इस इस मुलाकात का ब्यौरा देने से इनकार किया।अगले साल होने वाले विधानसभा चुनाव को मिलकर जीतना है। 2022 में विधानसभा चुनाव है।अमरिंदर सिंह से इस मुलाकात के साथ ही समिति की संवाद करने की कवायद पूरी हो गई।

नई दिल्लीः पंजाब के मुख्यमंत्री अमरिंदर सिंह कांग्रेस आलाकमान द्वारा गठित पैनल से मुलाकात की। आगामी विधानसभा चुनावों की तैयारियों से अवगत कराया।

राज्यसभा में विपक्ष के नेता मल्लिकार्जुन खड़गे की अध्यक्षता वाली समिति से यहां अकबर रोड स्थित पार्टी मुख्यालय में मुलाकात की। एआईसीसी पंजाब के प्रभारी महासचिव हरीश रावत और पूर्व सांसद जे पी अग्रवाल पैनल के सदस्य हैं।

सीएम पंजाब में 2- 3 उपमुख्यमंत्री चाहते हैं

सूत्रों ने कहा कि पंजाब के मुख्यमंत्री अमरिंदर सिंह ने कहा कि नवजोत सिंह सिद्धू को नहीं एक दलित को डिप्टी सीएम बनाया जाना चाहिए। उन्होंने कहा कि वह डिप्टी सीएम के 2-3 पद सृजित करने के पक्ष में हैं। सिंह राज्य में एक से अधिक उपमुख्यमंत्री चाहते हैं।

मुख्यमंत्री पर सार्वजनिक रूप से हमला बोला

सूत्रों ने कहा कि कांग्रेस नेता राहुल गांधी, प्रियंका गांधी वाड्रा और केसी वेणुगोपाल भी बैठक में शामिल हुए। सिंह और उनके पूर्व कैबिनेट सहयोगी नवजोत सिंह सिद्धू के बीच जुबानी जंग छिड़ी हुई है। सिद्धू ने पंजाब में बेअदबी के मुद्दे पर एसआईटी की रिपोर्ट को लेकर मुख्यमंत्री पर सार्वजनिक रूप से हमला बोला है।

पंजाब कैबिनेट और पार्टी में बदलाव होना तय

कांग्रेस पैनल पिछले चार दिनों में सिद्धू, पार्टी सांसदों, विधायकों और पूर्व पीसीसी प्रमुखों के अलावा कई अन्य नेताओं से मिल चुका है। कांग्रेस अंतरिम अध्यक्ष सोनिया गांधी द्वारा गठित पैनल के सप्ताहांत या अगले सप्ताह की शुरुआत में उन्हें अपनी रिपोर्ट पेश करने की संभावना है। सूत्रों ने कहा कि अगले साल होने वाले विधानसभा चुनाव से पहले पंजाब कैबिनेट और पार्टी में बदलाव होना तय है।

सूत्रों ने कहा कि सिद्धू को एक बार फिर पंजाब कैबिनेट में शामिल किया जा सकता है और डिप्टी सीएम के रूप में पदोन्नत किया जा सकता है। कांग्रेस नेतृत्व सुनील जाखड़ को राज्य कांग्रेस प्रमुख के रूप में बदलने के लिए भी काम कर रहा है, एक ऐसा पद जिस पर सिद्धू लंबे समय से नजर रखे हुए हैं। जाखड़ ने अपना कार्यकाल पूरा कर लिया है, लेकिन कांग्रेस आलाकमान द्वारा उन्हें राज्य इकाई के प्रमुख के रूप में बने रहने के लिए कहा गया है।

सोनिया को जल्द सौंपी जाएगी रिपोर्ट

पार्टी सूत्रों ने बताया कि अब वह जल्द ही आलाकमान को अपनी रिपोर्ट सौंपेगी। समिति की इस पूरी कवायद से अवगत एक सूत्र ने बताया, ‘‘समिति की शुक्रवार को मुख्यमंत्री के साथ मुलाकात के बाद संवाद की प्रक्रिया पूरी हो गई। इसके बाद समिति जल्द ही कांग्रेस आलाकमान को अपनी रिपोर्ट सौंपेगी।’’

राज्यसभा में नेता प्रतिपक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे की अध्यक्षता वाली समिति ने पिछले चार दिनों में, कांग्रेस के पंजाब से ताल्लुक रखने वाले 100 से अधिक नेताओं से उनकी राय ली है। इनमें अधिकतर विधायक हैं। खड़गे के अलावा कांग्रेस महासचिव और पंजाब प्रभारी हरीश रावत तथा दिल्ली प्रदेश कांग्रेस के वरिष्ठ नेता जेपी अग्रवाल इस समिति में शामिल हैं।

गौरतलब है कि हाल के कुछ सप्ताह में मुख्यमंत्री अमरिंदर सिंह और पार्टी नेता नवजोत सिंह सिद्धू के बीच तीखी बयानबाजी देखने को मिली है। विधायक परगट सिंह और प्रदेश कांग्रेस कमेटी के कुछ अन्य नेताओं ने भी मुख्यमंत्री के खिलाफ मोर्चा खोल रखा है। 

Web Title: Punjab Congress infighting Amarinder meets party panel in Delhi Dalit deputy CM but puts 'conditions'

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