पुणे: राष्ट्रीय पुरस्कार प्राप्त शिक्षक के निलंबन पर विवाद

By भाषा | Updated: December 22, 2021 21:37 IST2021-12-22T21:37:22+5:302021-12-22T21:37:22+5:30

Pune: Controversy over suspension of National Award winning teacher | पुणे: राष्ट्रीय पुरस्कार प्राप्त शिक्षक के निलंबन पर विवाद

पुणे: राष्ट्रीय पुरस्कार प्राप्त शिक्षक के निलंबन पर विवाद

पुणे, 22 दिसंबर महाराष्ट्र के पुणे जिले के एक सरकारी स्कूल के शिक्षक को निलंबित करने पर विवाद पैदा हो गया है जिन्हें कुछ साल पहले राष्ट्रीय पुरस्कार प्रदान किया गया था। शिरूर तहसील में एक मॉडल जिला परिषद स्कूल के कार्यवाहक प्रधानाध्यापक दत्तात्रेय वारे या ‘वारे गुरुजी’ को 2016 में राष्ट्रीय शिक्षक पुरस्कार दिया गया था। उन्हें हाल में पद का दुरुपयोग करने और वित्तीय अनियमितताओं के आरोप में निलंबित कर दिया गया था। वारे ने अपने ऊपर लगे आरोपों का खंडन किया है।

वारे ने 2012 में शिरूर तहसील के वाबलेवाड़ी में स्थित स्कूल का प्रभार संभाला था जिसके बाद से स्कूल की अवसंरचना में बदलाव हुआ और शिक्षण के नए तरीके अपनाये गए। वर्तमान में स्कूल में 700 से ज्यादा छात्र हैं जो मानक पाठ्यक्रम के अलावा रोबोटिक्स और विदेशी भाषा की पढ़ाई भी करते हैं।

जिला परिषद के मुख्य कार्यपालक अधिकारी आयुष प्रसाद ने मंगलवार को पीटीआई-भाषा से कहा कि कुछ शिकायत मिलने के बाद नवंबर में वारे को निलंबित कर दिया गया था और आरोपों की जांच की जा रही है। वारे पर लगे आरोपों में से एक यह भी है कि उन्होंने जिला परिषद स्कूल में एक छात्र के दाखिले के लिए 25 हजार रुपये ‘डोनेशन’ की मांग की।

प्रसाद ने कहा, “उन्हें राष्ट्रीय पुरस्कार दिया गया था और उनसे कुछ लोगों को जलन हो सकती है। इसके अलावा अतीत में उनके विरुद्ध ऐसे कोई आरोप नहीं थे इसलिए हमने एक अतिरिक्त सीईओ स्तर के अधिकारी की अध्यक्षता में एक जांच समिति का गठन किया है।” समिति ने सात आरोपों का संज्ञान लिया है। वारे ने पीटीआई-भाषा से कहा कि उन्होंने अधिकारियों द्वारा दी गई सभी नोटिस का जवाब दिया है दस्तावेज सौंपे हैं।

वारे पर गलत तरीके से जमीन खरीदने का आरोप भी लगा है। उन्होंने दावा किया कि उन्होंने अपने पैसे से 35 लाख रुपये से अधिक में जमीन खरीदी थी और इसके लिए तीन किस्तों में धन चुकाया था। उन्होंने कहा कि अपनी संपत्ति की घोषणा में उन्होंने इसका उल्लेख किया है।

डोनेशन के आरोपों पर वारे ने कहा कि गांव के निवासियों वाली एक स्कूल सुधार समिति ऐसे सभी वित्तीय मामलों के लिए जिम्मेदार है। उन्होंने कहा, “मेरे द्वारा वित्तीय गड़बड़ी करने का सवाल ही कहां पैदा होता है?” उन्होंने कहा, “मैं यहां निष्ठापूर्वक स्कूल को बदलने के दृष्टिकोण से काम करता हूं… लेकिन मुझे बलि का बकरा बनाने का प्रयास किया जा रहा है।” शिक्षाविद और लेखक हेरम्ब कुलकर्णी ने वारे का समर्थन किया है।

Disclaimer: लोकमत हिन्दी ने इस ख़बर को संपादित नहीं किया है। यह ख़बर पीटीआई-भाषा की फीड से प्रकाशित की गयी है।

Web Title: Pune: Controversy over suspension of National Award winning teacher

भारत से जुड़ीहिंदी खबरोंऔर देश दुनिया खबरोंके लिए यहाँ क्लिक करे.यूट्यूब चैनल यहाँ इब करें और देखें हमारा एक्सक्लूसिव वीडियो कंटेंट. सोशल से जुड़ने के लिए हमारा Facebook Pageलाइक करे