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पुलवामा हमला: मरने वालों की संख्या हुई 44, 40 घायल, पुलिस ने जारी किया शहीदों का नाम

By सुरेश डुग्गर | Updated: February 14, 2019 21:25 IST

पाकिस्तान स्थित जैश-ए-मोहम्मद ने कश्मीरी न्यूज एजेंसी जीएनएस को मोबाइल मैसेज भेजकर हमले की जिम्मेदारी ली है। 

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ठळक मुद्देसीआरपीएफ के काफिले में करीब 70 गाड़ियां थीं जिनमें करीब 2500 जवान सवार थे।आत्मघाती हमलावर ने विस्फोटकों से भरी कार से काफिले में टक्कर मारी। मीडिया रिपोर्ट के अनुसार कार में करीब 200 किलो विस्फोटक था।

जम्मू-कश्मीर के पुलवामा जिले में गुरुवार को हुए आईईडी धमाके में मरने वाले सीआरपीएफ जवानों की संख्या 44 हो चुकी है। अन्य 40 जवान घायल हैं जिनमें से एक दर्जन से ज्यादा की हालत नाजुक है। 

सीआरपीएफ की जिस बस से आत्मघाटी हमलावर ने विस्फोटकों भरी कार से हमला किया उसमें 44 जवान सवार थे जिनमें से 42 की मौत हो चुकी है।

विस्फोटकों भरी कार के सीआरपीएफ के काफिले में टकराने के बाद आतंकवादियों ने गोलीबारी शुरू कर दी जिसमें करीब 40 जवान घायल हो गये। 

पुलवामा आतंकी हमले के बाद गृहमंत्री राजनाथ सिंह ने सीआरपीएफ के डीजी आरआर भटनागर से फोन करके बात की। आरएर भटनागर ने मीडिया को बताया कि सीआरपीएफ के वरिष्ठ अधिकारी मौका-ए-वारदात पर पहुँच गये हैं और मामले की जाँच जारी है। भटनागर के अनुसार सीआरपीएफ के काफिले में 2500 से ज्याद जवान शामिल थे।

आईजी जुल्फीकार ने कहा है कि यह आतंकवादी हमला है। टीवी रिपोर्ट के अनुसार यह हमला गुरुवार दोपहर साढ़े तीन बजे के बाद हुआ। 

समाचार एजेंसी एएनआई के अनुसार सीआरपीएफ के जिस काफिले पर आतंकवादी हमला हुआ है उसमें 70 गाड़ियाँ शामिल थीं। आतंकवादी हमले की जद में एक गाड़ी आ गयी। यह काफिल जम्मू से श्रीनगर जा रहा था।

पाकिस्तान स्थिति आतंकवादी संगठन जैश-ए-मोहम्मद ने हमले की जिम्मेदारी ली है। धमाके के बाद आतंकवादियों ने भारतीय सुरक्षाबलों के काफिले पर गोलीबारी कर दी जिसके जवाब में भारतीय जवानों ने भी जवाबी कार्रवाई की।

पाकिस्तान स्थित जैश-ए-मोहम्मद ने कश्मीरी न्यूज एजेंसी जीएनएस को मोबाइल मैसेज भेजकर हमले की जिम्मेदारी ली है। 

आईजी सीआरपीएफ (ऑपरेशन) ज़ुल्फीकार हसन ने हमले के बाद मीडिया से कहा कि जम्मू-कश्मीर पुलिस मामले की जाँच कर रही है। आईजी जुल्फीकार ने बताया कि घायलों को स्थानीय अस्पतालों में इलाज के लिए ले जाया गया है। 

जैश-ए-मोहम्मद ने कश्मीर की एक न्यूज एजेंसी को मोबाइल मैसेज भेजकर हमले की जिम्मेदारी ली है।
आईजी जुल्फीकार ने कहा कि पुलिस बम धमाके के बाद पोस्ट-ब्लास्ट जाँच कर रही है। 

कश्मीर आतंकी हमला: हमलावर की आदिल अहमद के रूप में पहचान

समाचार एजेंसी पीटीआई के अनुसार विस्फोटकों से भरे ट्रक ने सीआरपीएफ की बस को टक्कर मार दी। 

पीटीआई के अनुसार पुलिस ने आतंकवादी की पहचान पुलवामा के काकापोरा के रहने वाले आदिल अहमद के तौर पर की है। उन्होंने बताया कि अहमद 2018 में जैश-ए-मोहम्मद में शामिल हुआ था।

धमाका इतना जबरदस्त था कि बस के परखच्चे उड़ गए और आस पास बिखरे क्षत-विक्षत शवों को देखा जा सकता है।

पुलिस के एक अधिकारी ने पीटीआई को बताया कि विस्फोट की घटना श्रीनगर जम्मू राजमार्ग पर अवंतिपुरा इलाके में हुई।

पुलवामा हमला: पूर्व मुख्यमंत्री उमर अब्दुल्ला ने जताया शोक

पुलवामा आतंकी हमले के बाद जम्मू-कश्मीर की पूर्व मुख्यमंत्री महबूबा मुफ्ती ने शोक व्यक्त किया। महबूबा मुफ्ती ने हमले के बाद ट्वीट किया, "अवंतिपुरा से बेहद दुःखद खबर आ रही है. हमारे 12 सुरश्राकर्मी शहीद और कई जख्मी हुए है. कोई भी शब्द इस भीषण आतंकी हमले की निन्दा करने के लिए पर्याप्त नहीं है. यह पागलपन खत्म होने से पहले और कितने लोगो की जान लेगा?

राज्य के पूर्व मुख्यमंत्री उमर अब्दुल्ला ने भी हमले की कड़ी निंदा करते हुए मृतकों के प्रति शोक और घायलों के प्रति संवेदना व्यक्त की।

घाटी से बेहद दुःखद खबर आ रही है. IED विस्फोट मे कई CRPF जवान मारे गए और कई जख्मी हुए है. मैं इस आतंकी हमले की कड़े शब्दों में निन्दा करता हूं. मेरी प्रार्थना है हादसे मे घायल  हुए जवानो के लिए और सभी शहीदों के परिवार को मे संवेदना प्रकट करता हूं.

आतंकी संगठन जैश-ए-मोहम्मद का इतिहास

जैश-ए-मोहम्मद  (JEM) का शाब्दिक अर्थ हुआ "मोहम्मद की सेना।" जैश-ए-मोहम्मद का सरगना मसूद अजहर है। जैश-ए-मोहम्मद मुख्य रूप से भारत के कश्मीर में आतंकवादी वारदातों में शामिल रहा है। 

जैश-ए-मोहम्मद कश्मीर को भारत से अलग कराना चाहता था। जैश-ए-मोहम्मद के आतंकवादी घाटी के अंदर कई भारतीय सैन्य ठिकानों पर पहले भी हमले कर चुके हैं। 

जैश-ए-मोहम्मद को तालीबान और अल-क़ायदा का भी समर्थन प्राप्त रहा है। 

जैश-ए-मोहम्मद साल 2002 में पाकिस्तान में सक्रिय है। साल 2016 में भारत के पठानकोट में हुए आतंकवादी हमले का भी मुख्य साजिशकर्ता जैश-ए-मोहम्मद को ही माना जाता है। 

भारत सरकार आरोप लगाती रही है कि जैश-ए-मोहम्मद और उसके मुखिया मसूद अजहर को पाकिस्तान सरकार समर्थन देती रही है। पाकिस्तान इस आरोप से इनकार करता रहा है। 

 

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