पुलवामा हमला: मुंबई आतंकी हमले में शहीद जवान के पिता का छलका दर्द, कह दी ये बात
By भाषा | Published: February 15, 2019 06:07 PM2019-02-15T18:07:03+5:302019-02-15T18:07:03+5:30
मुंबई में 26 नवंबर, 2008 को हुए आतंकवादी हमले के तीसरे दिन मेजर संदीप उन्नीकृष्णन शहीद हो गए थे। 14 फरवरी को जब पुलवामा में आतंकियों ने घटना को अंजाम दिया, तो शहीद के पिता का दर्द फिर से छलक पड़ा।
मुंबई में 2008 में हुए आतंकवादी हमले में शहीद हुए मेजर संदीप उन्नीकृष्णन के पिता के. उन्नीकृष्णन ने कहा कि भारत को आतंकवादी हमलों पर अंकुश लगाने के लिए खोखली बयानबाजी और ‘राजनीतिक सर्जिकल हमलों’ के बजाय कड़े कदम उठाने चाहिए। मुंबई में 26 नवंबर, 2008 को हुए आतंकवादी हमले के तीसरे दिन मेजर संदीप उन्नीकृष्णन शहीद हो गए थे।
उन्नीकृष्णन ने कहा, ‘‘आतंकवादी हमलों पर अंकुश लगाने के लिए भारत को कड़े कदम उठाने की जरूरत है ना कि सिर्फ खोखली बयानबाजी और राजनीतिक सर्जिकल हमले की। भारत अगर ऐहतियाती कदम नहीं उठा सकता है तो इसे अपने दुश्मनों को उकसाने से बचना चाहिए।"
बृहस्पतिवार को जैश-ए-मोहम्मद के एक आतंकवादी ने विस्फोटकों से लदे वाहन से सीआरपीएफ जवानों की बस को टक्कर मार दी, जिसमें 49 जवान शहीद हो गए जबकि कई गंभीर रूप से घायल हैं।
उन्होंने कहा कि ऐसे हमले कभी भी हो सकते हैं और भारत को इनका सामना करने के लिए तैयार रहना चाहिए। उन्नीकृष्णन ने कहा, ‘‘आप अपने दुश्मनों या विरोधियों का मुकाबला कर रहे हैं तो आपको शतप्रतिशत प्रतिघात के लिए तैयार रहना चाहिए। आप 2,500 कर्मियों को एक अकेले काफिले में बिना मार्ग को बंद किए नहीं ले जा सकते हैं।" एक प्रश्न के जवाब में उन्होंने कहा ‘‘टीआरपी की भूखी मीडिया’ को सुरक्षा मामलो पर संपादकीय और पैनल चर्चा आयोजित करने रोका जाना चाहिए।"