पुलवामा हमला के 2 साल बाद भी शहीदों के परिवार के जख्म हरे, अभी तक नहीं हुआ कोई सरकारी वायदा पूरा
By अनुराग आनंद | Published: February 14, 2021 02:28 PM2021-02-14T14:28:10+5:302021-02-14T14:46:10+5:30
पुलवामा में दो साल पहले आज ही के दिन आतंकियों ने 350 किलो विस्फोटक से भरी गाड़ी को जवानों के काफिले से भिड़ाकर अपने नापाक मंसूबों को अंजाम दिया था। शहीद होने वाले 40 जवानों में एक नाम अश्विन काछी का भी है। आइए दो साल बाद उनके परिवार की स्थिति को जानते हैं..
नई दिल्ली: पुलवामा हमले में शहीद होने वाले 40 जवानों में से एक मध्य प्रदेश के अश्विन कुमार काछी भी थे। इस घटना के बाद नेताओं ने जवानों को घर जाकर खूब सारे वायदे किए थे। लेकिन, अब करीब दो साल बीतने के बाद परिवार का दावा है कि नेताओं व सरकार द्वारा किए गए वायदे अब भी नहीं पूरे हुए हैं।
टीओआई की खबर मुताबिक, शहीद जवान के भाई ने कहा कि मेरे भाई ने देश के लिए अपनी शहादत दी है और मुझे मेरे परिवार को इस बात का गर्व है। लेकिन, अफसोस है कि उसकी शहादत के बाद सरकारी अधिकारी व नेताओं से सिर्फ और सिर्फ झूठे वायदे किए।
शहीद अश्विन के परिवार ने कहा कि सिर्फ झूठे वायदे करके गए नेता-
इसके आगे शहीद अश्विन के भाई सुमंत काछी ने कहा कि इस घटना के बाद परिवार से कहा गया था कि एक करोड़ रुपये परिवार को मदद के तौर पर दिया जाएगा।
इसके अलावा, शहीद जवान के नाम पर एक पार्क बनाया जाएगा। साथ ही शहीद का एक स्मारक भी बनाया जाएगा। इसके अलावा परिवार के एक लोगों को सरकारी नौकरी देने की बात भी कही गई। लेकिन, अब तक कुछ भी पूरा नहीं हुआ है।
शहीद अश्विन की याद में परिवार ने खुद का पैसा खर्च कर एक स्मारक बनवाया है-
परिवार के लोगों ने बताया कि उनके गांव के करीब 40 लोग सेना व अर्धसैनिक बल में अपनी सेवा दे रहे हैं। गांव के तीन जवानों ने देश के लिए अपनी शहादत भी दी है। साथ ही परिवार ने कहा कि शहादत के समय काफी वायदे किए जाते हैं लेकिन बाद में कोई देखने भी नहीं आता है।
शहीद अश्विन की याद में परिवार ने घर के पास एक स्मारक बनवाकर उसमें अश्विन की मूर्ति लगवाई है, लेकिन इसके लिए भी उसे कोई सरकारी मदद नहीं मिला और परिवार ने अपने बेटे व भाई की याद में अपने पैसे से इसका निर्माण करवाया है।
शहीद जवान अश्विन के पिता सुकुरू काछी और मां कौशल्या ने घर में ही बनाया मंदिर-
दैनिक भास्कर रिपोर्ट मुताबिक, शहीद जवान अश्विन के पिता सुकुरू काछी और मां कौशल्या ने बेटे की यादव में घर में एक छोटा सा मंदिर भी बना लिया है। यहां किसी देवी-देवता का नहीं, बल्कि उनके बेटे अश्विनी काछी की तस्वीर और उसके जीवन से जुड़ी तमाम यादें संजो को रखी गई है। उसके मेडल, प्रमाण पत्र से लेकर सबकुछ यहां है। वर्दी और आखिरी बार जिस तिरंगे में लिपट कर उसे लाया गया था, वो भी अब इस मंदिर में रखा गया है। रोज सुबह मां कौशल्या बाई इस मंदिर की साफ-सफाई करती है। बेटे के चित्र पर अगरबत्ती जलाती है।