विज्ञापनों में प्रकाशित किए जाएं स्वच्छता पर ध्यान न देने वाले शहरों के नाम: मोदी

By भाषा | Updated: December 17, 2021 16:17 IST2021-12-17T16:17:27+5:302021-12-17T16:17:27+5:30

Publish the names of cities that do not pay attention to cleanliness in advertisements: Modi | विज्ञापनों में प्रकाशित किए जाएं स्वच्छता पर ध्यान न देने वाले शहरों के नाम: मोदी

विज्ञापनों में प्रकाशित किए जाएं स्वच्छता पर ध्यान न देने वाले शहरों के नाम: मोदी

वाराणसी, 17 दिसंबर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने शुक्रवार को कहा कि उन शहरों की सूची तैयार की जानी चाहिए जिन्होंने स्वच्छता अभियान की ओर आंखें मूंद ली हैं तथा ऐसे शहरों के नाम विज्ञापनों में प्रकाशित किए जाने चाहिए।

यहां वीडियो कॉन्फ्रेंस के माध्यम से अखिल भारतीय महापौर सम्मेलन का उद्घाटन करने के बाद प्रधानमंत्री ने केंद्रीय आवास और शहरी मामलों के मंत्री हरदीप सिंह पुरी से कहा कि 'स्वच्छता' में उत्कृष्ट शहरों को पुरस्कार देने के साथ ही स्वच्छता के क्षेत्र में ईमानदारी से प्रयास करने वालों को भी सम्मानित किया जाना चाहिए।

उन्होंने साथ ही कहा कि जिन शहरों में स्वच्छता के क्षेत्र में काम नहीं हो रहा है, उनकी सूची बनाई जाए और संबंधित राज्यों को सौंपी जाए।

मोदी ने कहा कि सवच्छता के प्रति जो शहर बिलकुल आंख बंद करके बैठ गए हैं, उनकी सूची बनाकर संबंधित राज्यों में इस संबंध में विज्ञापन जारी किए जाएं। उन्होंने कहा कि इससे जनता का दबाव इतना बढे़गा कि हर कोई काम करने के लिए बाध्य होगा।

इस सम्मेलन में विभिन्न राज्यों के 120 महापौर भाग ले रहे हैं। सम्मेलन का विषय ‘नया शहरी भारत’ है। उद्घाटन कार्यक्रम में शहरी विकास कार्यों पर एक लघु फिल्म भी दिखायी गयी। प्रधानमंत्री ने वाराणसी से लोकसभा सदस्य होने के नाते सभी महापौरों का स्वागत किया।

मोदी ने कहा, ‘‘पूरे देश में स्वच्छता अभियान चल रहा है। पूरे देश में हर वर्ष स्वच्छ शहर की घोषणा होती है। मैं देख रहा हूं कि कुछ ही शहरों ने इसमें अपनी जगह बनाई है, लेकिन बाकी शहर निराश होकर बैठ जाएं, यह मानसिकता नहीं होनी चाहिए। आप सभी महापौर संकल्प करें कि अगली बार स्वच्छता की प्रतिस्पर्धा में आपके शहर किसी से पीछे नहीं रहें।’’

मोदी ने कहा, ‘‘काशी का विकास पूरे देश के लिए विकास का रोडमैप हो सकता है। काशी की अर्थव्यवस्था में मां गंगा का बहुत बड़ा हाथ है, इसी तरह हमें अपने-अपने शहरों में नदियों को महत्व देना चाहिए और हर वर्ष 'नदी उत्सव' मनाना चाहिए। हमारा प्रयास यह होना चाहिए कि हमारा शहर स्वच्छ हो और स्वस्थ हो।’’

उन्होंने कहा, ‘‘हमारे पास कई ऐसे शहर हैं जो किसी न किसी नदी के तट पर बसे हैं। कालक्रम में ये नदियां तबाह हो गयी हैं। हमें इस ओर बहुत संवेदनशील रुख अपनाना चाहिए।’’

मोदी ने कहा, ‘‘आज जब पूरी दुनिया पानी के संकट की चर्चा करती है, आज जब पूरी दुनिया जलवायु परिवर्तन पर चर्चा करती है, तो ऐसे में अगर हम हमारे नगर की नदी की परवाह ही न करें, उसे संभालने का प्रयास न करें तो फिर हम कैसे गौरव कर सकते हैं।’’

उन्होंने कहा, ‘‘हम हर वर्ष सात दिन के लिए नदी उत्सव मनायें। नदी उत्सव मनाकर पूरे नगर को उसमें जोड़े। उसमें नदी की सफाई का काम हो, नदी के इतिहास के बारे में बातें हों, नदी का गुणगान करने वाली बातें हों, नदी के तट पर समारोह हों, नगर के विकास की यात्रा में नदी को एक बार जीवंत स्थान देने का प्रयास करें तो इससे नगर में एक नयी जान आ जाएगी।’’

मोदी ने महापौरों को स्वच्छता प्रतियोगिता, वार्ड सौंदर्य प्रतियोगिता, आजादी के अमृत महोत्सव के तहत रंगोली प्रतियोगिता आदि कार्यक्रम आयोजित कराने के सुझाव दिए।

उन्होंने एक बार इस्तेमाल होने वाले प्लास्टिक पर रोक की जरूरत पर भी जोर दिया।

प्रधानमंत्री ने कहा, ‘‘हमें शहर का जन्मदिवस पता होना चाहिए और शहर का जन्मदिवस बड़े पैमाने पर मनाया जाना चाहिए तथा अपने शहर के प्रति गौरव पैदा होना चाहिए।’’

मोदी ने अपने संबोधन में शहरी क्षेत्रों में रहने संबंधी सुविधा सुनिश्चित करने पर जोर देते हुए कहा कि सरकार ने जीर्ण-शीर्ण शहरी बुनियादी ढांचे और सुविधाओं की कमी के मुद्दों को दूर करने के लिए कई योजनाएं और कार्यक्रम शुरू किए हैं।

प्रधानमंत्री स्वनिधि योजना के बारे में मोदी ने कहा, ''हर शहर में रेहड़ी-पटरी वाले लोग होते हैं इनको कोई पूछने वाला नहीं होता है। इन लोगों ने कोरोना काल में हम लोगों की मदद की। हमारा दायित्व है कि हम इन्हें कभी अकेला नहीं छोड़ें और उन्हें डिजिटल लेनदेन के लिए प्रेरित करें। प्रधानमंत्री स्वनिधि योजना से इनके जीवन को बेहतर बनाने का प्रयास करें।''

मोदी ने महापौरों से कहा, "आप सभी राजनीति से जुड़े हैं। यह एक पद है, जो आपको राजनीतिक जीवन में आगे बढ़ने के कई अवसर देता है। आप जानते हैं कि सरदार वल्लभभाई पटेल अहमदाबाद शहर के महापौर थे। औपनिवेशिक युग... जब यह बहुत छोटा था, और एक नगरपालिका थी। सरदार साहब ने अपनी यात्रा वहीं से शुरू की थी, और आज राष्ट्र उन्हें याद करता है।"

उत्तर प्रदेश सरकार के 'एक जिला एक उत्पाद' कार्यक्रम का जिक्र करते हुए प्रधानमंत्री ने महापौरों से कहा कि वे शहर में किसी विशिष्ट उत्पाद या स्थान द्वारा प्रचारित अपने शहरों की विशिष्ट पहचान पर जोर दें। प्रधानमंत्री ने उनसे शहरी जीवन के विभिन्न पहलुओं के संबंध में लोगों के अनुकूल सोच विकसित करने को भी कहा।

उन्होंने सार्वजनिक परिवहन के उपयोग को बढ़ावा देने की आवश्यकता पर भी जोर दिया। प्रधानमंत्री ने महापौरों से कहा कि सुगम्य भारत अभियान के अनुसार शहरों में हर सुविधा दिव्यांगों के अनुकूल होनी चाहिए।

मोदी ने महापौरों से काशी के विकास के लिए अनुभवों से संबंधित सुझाव देने का अनुरोध करते हुए कहा, "मैं आपके सुझावों के लिए आभारी रहूंगा और मैं आपका पहला छात्र बनूंगा।"

कार्यक्रम में उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने कहा कि शहरी क्षेत्रों में जीवन को आसान बनाने के लिए प्रधानमंत्री का निरंतर प्रयास रहा है और सरकार ने शहरी बुनियादी ढांचे तथा सुविधाओं की कमी से संबंधित मुद्दों को हल करने के लिए कई योजनाएं और पहल शुरू की हैं।

योगी ने कहा कि प्रधानमंत्री वाराणसी के सांसद भी हैं और उन्‍होंने इस पर पूरा ध्‍यान दिया है। उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री ने काशी को दुनिया के सामने एक नए रूप और अंदाज में प्रस्‍तुत किया है तथा काशी में साफ-सफाई दुरुस्त करने के साथ ही लटकते बिजली के तारों और संकरी गलियों से संबंधित समस्याओं का समाधान भी किया है।

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