केएसएफई में सतर्कता जांच के मद्देनजर दिये गये सार्वजनिक बयानों से बचा जाना चाहिए था: माकपा
By भाषा | Published: December 1, 2020 08:42 PM2020-12-01T20:42:45+5:302020-12-01T20:42:45+5:30
तिरुवनंतपुरम, एक दिसंबर केरल राज्य वित्त उपक्रम (केएसएफई) के अनेक दफ्तरों में सतर्कता विभाग के छापों को मुख्यमंत्री पिनराई विजयन द्वारा उचित ठहराये जाने के एक दिन बाद माकपा ने मंगलवार को कहा कि जांच के मद्देनजर दिये गये कुछ बयानों का गलत अर्थ निकाला गया और इनसे बचा जाना चाहिए था।
माकपा के प्रदेश सचिवालय की बैठक आज यहां हुई। पार्टी ने हाल ही में केएसएफई के कार्यालयों में सतर्कता जांच के खिलाफ प्रदेश के वित्त मंत्री टी एम थॉमस इसाक की कुछ कड़ी प्रतिक्रियाओं की ओर इशारा किया और कहा कि इस मामले में सार्वजनिक बयानों से बचना चाहिए।
इस कार्रवाई से राजनीतिक पारा चढ़ गया और इसाक ने इस कार्रवाई की निंदा की।
हालांकि बाद में उन्होंने अपने रुख में नरमी लाते हुए कहा कि वह केएसएफई में सतर्कता विभाग की कार्रवाई के संबंध में बहस को आगे नहीं बढ़ाना चाहते।
माकपा ने दावा किया कि केएसएफई में सतर्कता निरीक्षण को लेकर पार्टी और सरकार के बीच मतभेद होने के विपक्ष के दावे निराधार हैं और ये जनता के बीच संदेह पैदा करने की राजनीतिक प्रतिद्वंद्वियों की कोशिश है।
पार्टी द्वारा जारी एक बयान के अनुसार मुख्यमंत्री ने स्पष्ट किया था कि सतर्कता निरीक्षण एक सामान्य प्रक्रिया है।
इस बीच राज्य विधानसभा में नेता प्रतिपक्ष रमेश चेन्नितला ने इसाक के इस्तीफे की मांग करते हुए कहा कि मुख्यमंत्री ने उनके दावों को खारिज कर दिया है।
उन्होंने एक बयान में कहा, ‘‘मुख्यमंत्री और पार्टी ने इसाक का खंडन किया है। वह मंत्रिमंडल में कैसे रह सकते हैं।
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