इसरो ने बदला PSLV-C47 की लॉन्चिंग का समय, कार्टोसेट-3 को लेकर 25 नवंबर को जाना था अंतरिक्ष में, अब ये है नया समय
By विनीत कुमार | Published: November 21, 2019 01:13 PM2019-11-21T13:13:03+5:302019-11-21T13:13:03+5:30
कार्टोसेट-3 के बाद इसरो की रीसैट-2 बीआर1 और रीसैट 2 बीआर 2 भी अंतरिक्ष में छोड़ने की तैयारी है। इन दोनों को क्रमश: PSLV-C48 और PSLV-C49 की मदद से छोड़ा जाना है।
भारत के पोलर सेटेलाइट लॉन्च वेकिल (PSLV)- C47 के लॉन्च की तारीख को बदल दिया गया है। इसे अब 27 नवंबर को सुबह 9.28 बजे श्रीहरिकोटा के सतीश धवन स्पेश सेंटर से छोड़ा जाएगा। इससे पहले इसे 25 नवंबर को लॉन्च किया जाना था।
PSLV-C47 इसरो और भारत के लिहाज से बेहत महत्वपूर्ण कदम है। ये भारत के कार्टोसेट-3 (Cartosat-3) और 13 विदेशी नैनो-सेटेलाइट को अंतरिक्ष में ले जाएगा।
The launch of PSLV-C47 carrying Cartosat-3 scheduled on November 25 at 0928 hrs is rescheduled to launch on November 27 at 0928 hrs from Second launch pad of Satish Dhawan Space Centre SHAR, Sriharikota. pic.twitter.com/dHnXbnWvOW
— ANI (@ANI) November 21, 2019
कार्टोसेट-3 अंतरिक्ष से भारत की सीमा पर नजर रखेगा और इसलिए सुरक्षा को देखते हुए इस सेटेलाइट का महत्व बहुत अहम हो जाएगा। कार्टोसेट-3 अंतरिक्ष में 509 किलोमीटर दूर 97.5 डिग्री के झुकाव पर कक्षा में स्थापित होगा।
बता दें कि कार्टोसेट-3 के बाद इसरो की रीसैट-2 बीआर1 और रीसैट 2 बीआर 2 भी अंतरिक्ष में छोड़ने की तैयारी है। इन दोनों को क्रमश: PSLV-C48 और PSLV-C49 की मदद से छोड़ा जाना है। इन दोनों सेटेलाइट को दिसंबर में लॉन्च किया जाएगा।
उपग्रहों को एसएचएआर से प्रक्षेपित करके सूर्य समकालिक कक्षा में स्थापित किया जाएगा। कार्टोसैट..3 तीसरी पीढ़ी का दक्ष उन्नत उपग्रह है जिसमें ‘हाई रिजॉल्यूशन इमेजिंग’ क्षमता है। कार्टोसैट का समग्र वजन 1625 किलोग्राम और मिशन पांच वर्ष का है। यह व्यापक पैमाने पर शहरी योजना, ग्रामीण संसाधन और आधारभूत ढांचे का विकास, तटीय भूमि उपयोग आदि की बढ़ती मांगों को पूरा करेगा।
इसरो ने इससे पहले इसी साल मई में रीसैट-2बी और अप्रैल में ईएमआईसैट सर्विलॉन्स सेटेलाइटों की लॉन्चिंग की गई थी। इनकी लॉन्चिंग दुश्मन के रडार पर नजर रखने के लिए की गई थी।
(भाषा इनपुट)