पेशेवर शिक्षा उपलब्ध कराना सरकार की दरियादिली नहीं : न्यायालय
By भाषा | Updated: April 14, 2021 16:50 IST2021-04-14T16:50:43+5:302021-04-14T16:50:43+5:30

पेशेवर शिक्षा उपलब्ध कराना सरकार की दरियादिली नहीं : न्यायालय
नयी दिल्ली, 14 अप्रैल उच्चतम न्यायालय ने कहा कि पेशेवर शिक्षा तक पहुंच उपलब्ध कराना “सरकार की दरियादिली” नहीं है और सभी स्तरों पर इसकी पहुंच सुविधाजनक बनाना राज्य का दायित्व है।
न्यायालय ने कहा कि यह दायित्व का उन छात्रों के लिये कहीं ज्यादा महत्व रखता है जिनकी पृष्ठभूमि गुणवत्तापूर्ण शिक्षा तक पहुंच की राह को दुर्गम बनाती हैं।
न्यायमूर्ति डी वाई चंद्रचूड़ और न्यायमूर्ति एम आर शाह की एक पीठ ने लद्दाख के दो छात्रों की अलग-अलग याचिकाओं पर फैसला देते हुए यह टिप्पणी की। इन छात्रों को मेडिकल कॉलेज में एमबीबीएस के डिग्री पाठ्यक्रम में केंद्र शासित प्रदेश द्वारा नामित किये जाने और सीटों को केंद्र द्वारा अधिसूचित किये जाने के बावजूद दाखिला नहीं मिला था।
न्यायालय ने नौ अप्रैल को दिये गए अपने फैसले में कहा, “उच्चतर (पेशेवर) शिक्षा हासिल करने को संविधान के खंड-तीन में मौलिक अधिकार के तौर पर यद्यपि परिभाषित नहीं किया गया है लेकिन इसमें इस बात पर जोर दिया गया है कि पेशेवर शिक्षा उपलब्ध कराना सरकार की दरियादिली नहीं है। इसके बजाय सभी स्तरों पर शिक्षा की पहुंच को सुगम बनाना सरकार का दायित्व है।”
दोनों छात्रों द्वारा दायर याचिका को मंजूर करते हुए शीर्ष अदालत ने निर्देश दिया कि दाखिले की औपचारिकताएं तत्काल पूरी की जाएं और हर हाल में एक हफ्ते के अंदर।
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