जामिया फायरिंग मामले पर प्रियंका गांधी ने पीएम मोदी से मांगा जवाब, कहा- आप कैसी दिल्ली बनाना चाहते हैं?
By रामदीप मिश्रा | Updated: January 30, 2020 17:38 IST2020-01-30T17:36:21+5:302020-01-30T17:38:05+5:30
कांग्रेस प्रवक्ता मनीष तिवारी ने यह आरोप भी लगाया कि अर्थव्यवस्था के मोर्चे पर विफल रहने के बाद अब यह सरकार देश को बांटने की राजनीति कर रही है। जामिया में जो हुआ है वह नफरत के माहौल का प्रकटीकरण है। दिनदहाड़े और सैकड़ों लोगों के सामने गोलीबारी यह दिखाती है कि माहौल विषैला हो गया है।

प्रियंका गांधी (फाइल फोटो)
नागरिकता संशोधन कानून (सीएए) के खिलाफ हो रहे प्रदर्शन के दौरान गुरुवार को जामिया नगर में एक युवक के द्वारा की गई फायरिंग के मामले ने तूल पकड़ लिया है। इस मामले पर राजनीति गरमा गई है। इस घटना को लेकर दिल्ली पुलिस और भारतीय जनता पार्टी (बीजेपी) के नेतृत्व वाली सरकार को कठघरे में खड़ा किया जा रहा है। कांग्रेस की महासचिव प्रियंका गांधी ने इस घटना के लिए बीजेपी सरकार और उसके मंत्रियों को जिम्मेदार ठहराया है और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से जवाब मांगा है।
प्रियंका गांधी ने ट्वीट कर लिखा, 'जब बीजेपी सरकार के मंत्री और नेता लोगों को गोली मारने के लिए उकसाएँगे, भड़काऊ भाषण देंगे तब ये सब होना मुमकिन है। प्रधानमंत्री को जवाब देना चाहिए कि वे कैसी दिल्ली बनाना चाहते हैं? वे हिंसा के साथ खड़े हैं या अहिंसा के साथ? वे विकास के साथ खड़े हैं या अराजकता के साथ?'
इसके अलावा कांग्रेस प्रवक्ता मनीष तिवारी ने यह आरोप भी लगाया कि अर्थव्यवस्था के मोर्चे पर विफल रहने के बाद अब यह सरकार देश को बांटने की राजनीति कर रही है। जामिया में जो हुआ है वह नफरत के माहौल का प्रकटीकरण है। दिनदहाड़े और सैकड़ों लोगों के सामने गोलीबारी यह दिखाती है कि माहौल विषैला हो गया है।
जब भाजपा सरकार के मंत्री और नेता लोगों को गोली मारने के लिए उकसाएँगे, भड़काऊ भाषण देंगे तब ये सब होना मुमकिन है। प्रधानमंत्री को जवाब देना चाहिए कि वे कैसी दिल्ली बनाना चाहते हैं?
— Priyanka Gandhi Vadra (@priyankagandhi) January 30, 2020
वे हिंसा के साथ खड़े हैं या अहिंसा के साथ?
वे विकास के साथ खड़े हैं या अराजकता के साथ? pic.twitter.com/jWywAqAW3G
कांग्रेस नेता ने आरोप लगाया कि जिस घृणा ने महात्मा गांधी की जान ली, आज वह घृणा भारत की सत्ता पर काबिज है। राष्ट्रीय राजधानी में जो घटनाक्रम हुआ है, वह इस बात को प्रमाणामित करता है। सुनियोजित तरीके से वही माहौल बनाया जा रहा है जिसके खिलाफ लड़ते-लड़ते महात्मा गांधी ने जान दे दी। क्या यह पूरे देश के ध्रुवीकरण का प्रयास है ? क्योंकि सरकार को समझ नहीं आ रहा है कि अर्थव्यवस्था का क्या होगा? या फिर यह दिल्ली चुनाव के लिए है?
बता दें कि जामिया मिल्लिया इस्लामिया विश्वविद्यालय में गुरुवार (30 जनवरी) को सीएए के खिलाफ प्रदर्शन कर रहे छात्रों के बीच घुसे एक युवक ने देसी तमंचे से फायरिंग कर दी। इसके बाद वह अपना तमंचा लहराता रहा। युवक को दिल्ली पुलिस ने गिफ्तार कर लिया है। उसे प्रदर्शनकारी छात्रों ने पकड़ लिया था।
यह पूरी घटना टेलीविजन कैमरों ने रिकॉर्ड हो गई, जिसमें दिखा कि हल्के रंग की पैंट और गहरे रंग की जैकेट पहना व्यक्ति पुलिस द्वारा बैरिकेड की गई खाली सड़क से निकलता है और मुड़कर प्रदर्शनकारियों पर चिल्लाता है ‘‘ये लो आजादी।’’ एक छात्र को घायल जैसी स्थिति में देखकर जामिया इलाके में तनाव उत्पन्न हो गया। घटना के समय वहां बड़ी संख्या में पुलिसकर्मी और कई मीडिया समूह के लोग मौजूद थे।
छात्र जामिया से महात्मा गांधी की समाधि राजघाट जा रहे थे। मार्च को विश्वविद्यालय के पास होली फैमिली अस्पताल के करीब रोक दिया गया। छात्र इसी क्षेत्र में बैठ गए और ‘पुलिस वापस जाओ’ के नारे लगाने लगे। जब वे नारे लगा रहे थे पुलिस अधिकारियों ने छात्रों से शांति बनाये रखने और शांतिपूर्ण तरीके से प्रदर्शन करने के लिए कहा।
डीसीपी (दक्षिण) चिन्मय बिस्वाल ने कहा कि छात्र जामिया से राजघाट तक एक मार्च निकालना चाहते थे लेकिन उन्हें अनुमति नहीं दी गई। बिस्वाल ने कहा, ‘‘उन्हें बार बार कहा जा रहा था कि प्रदर्शन शांतिपूर्ण ढंग से किया जाना चाहिए। हमने होली फैमिली अस्पताल से ठीक पहले सड़क पर बैरिकेड लगा दिये थे। इस बीच एक व्यक्ति को भीड़ में देखा गया जो कोई चीज लहरा रहा था जो एक हथियार प्रतीत हुआ।’’
जामिया नगर गोलीबारी की घटना पर डीसीपी चिन्मय बिस्वाल ने कहा कि घायल हुए छात्र का नाम शादाब फारूक है। उसके बाएं हाथ में चोट लगी है। उसे अस्पताल से ट्रॉमा सेंटर रेफर किया गया है। डॉक्टरों का कहना है कि वह खतरे से बाहर है। उससे पूछताछ की जा रही है।