Maha Political Criss: फ्लोर टेस्ट पर बोलीं प्रियंका चतुर्वेदी- ये अदालती कार्यवाही की अवमानना होगी
By मनाली रस्तोगी | Published: June 29, 2022 11:16 AM2022-06-29T11:16:46+5:302022-06-29T11:24:41+5:30
महाराष्ट्र में सियासी संकट जारी है। इस बीच राज्य के राज्यपाल भगत सिंह कोश्यारी ने फ्लोर टेस्ट कराने को कहा है। ऐसे में शिवसेना नेता प्रियंका चतुर्वेदी ने इसे अदालती कार्यवाही की अवमानना बताया।
मुंबई: महाराष्ट्र के राज्यपाल भगत सिंह कोश्यारी ने महाराष्ट्र विधानमंडल सचिव द्वारा गुरुवार को उद्धव ठाकरे के नेतृत्व वाली सरकार का फ्लोर टेस्ट कराने को कहा है। ऐसे में शिवसेना नेता प्रियंका चतुर्वेदी ने इसे अदालती कार्यवाही की अवमानना बताया। ऐसे में उन्होंने ट्वीट करते हुए लिखा, "जब 16 विधायकों की अयोग्यता को सुप्रीम कोर्ट ने 11 जुलाई तक के लिए टाल दिया है तो फ्लोर टेस्ट कैसे मांगा जा सकता है?"
उन्होंने आगे लिखा, "ये विधायक तब तक फ्लोर टेस्ट में कैसे भाग ले सकते हैं जब तक कि उनकी अयोग्यता की स्थिति तय नहीं हो जाती और अन्य मामले जिनके लिए नोटिस भेजा गया है, वे विचाराधीन हैं? सुप्रीम कोर्ट में मामले की अंतिम सुनवाई नहीं होने के बावजूद फ्लोर टेस्ट कराने पर यह अदालती कार्यवाही की अवमानना होगी।"
This would be contempt of court proceedings if floor test conducted despite the matter not getting final hearing in the SC. https://t.co/TXYwmHS4Jd
— Priyanka Chaturvedi🇮🇳 (@priyankac19) June 29, 2022
वहीं, शिवसेना नेता संजय राउत ने कहा कि 16 विधायकों के अपात्रता के मामले में दिन की कम मोहलत दी गई इसलिए कोर्ट विधायकों को 11 जुलाई तक अपना पक्ष रखने का समय देता है और राज्य विधानसभा का सत्र एक दिन में बुलाया जाता है। यह न केवल अन्याय है, बल्कि भारतीय संविधान का उपहास भी है। शिवसेना के बागी नेता एकनाथ शिंदे ने कहा, "हम कल शक्ति परीक्षण का सामना करेंगे और मतदान से दूर नहीं रहेंगे। हम शिवसैनिक रहेंगे।"
16 विधायकों के अपात्रता के मामले में.
— Sanjay Raut (@rautsanjay61) June 29, 2022
दिन की कम मोहलत दी गई इसलिए कोर्ट विधायकों को 11 जुलाई तक अपना पक्ष रखने का समय देता है और राज्य विधानसभा का सत्र एक दिन में बुलाया जाता है। यह न केवल अन्याय है, बल्कि भारतीय संविधान का उपहास भी है।@PMOIndia@MamataOfficial@BSKoshyaripic.twitter.com/Eoloq6GzMo
इस बीच कांग्रेस के दिग्गज नेता पृथ्वीराज चव्हाण ने कहा कि महाराष्ट्र सरकार को राज्यपाल भगत सिंह कोश्यारी के पत्र के खिलाफ सुप्रीम कोर्ट का रुख करना होगा, जिसमें उद्धव ठाकरे के नेतृत्व वाली सरकार को गुरुवार को फ्लोर टेस्ट का सामना करना पड़ेगा। यह पत्र एकनाथ शिंदे द्वारा शिवसेना में विद्रोह के बीच आया है, जो पिछले हफ्ते से पार्टी के अधिकांश विधायकों और कई निर्दलीय विधायकों के साथ गुवाहाटी में डेरा डाले हुए हैं।
महाराष्ट्र विधानमंडल के प्रधान सचिव राजेंद्र भागवत, कोश्यारी को भेजे गए अपने पत्र में कहा गया है, "महाराष्ट्र विधानसभा का एक विशेष सत्र 30 जून (गुरुवार) को सुबह 11 बजे विश्वास मत के एकमात्र एजेंडे के साथ बुलाया जाएगा। मुख्यमंत्री और कार्यवाही किसी भी मामले में शाम 5 बजे तक समाप्त हो जाएगी।" पत्र में ये भी कहा गया कि सदन की कार्यवाही का सीधा प्रसारण किया जाएगा और इसके लिए उचित व्यवस्था की जाएगी।
भाजपा नेता देवेंद्र फडणवीस ने मंगलवार रात राज्यपाल से मुलाकात की थी और उनसे ठाकरे के नेतृत्व वाली सरकार से विधानसभा में बहुमत साबित करने के लिए कहने का अनुरोध किया था, जिसमें दावा किया गया था कि शिवसेना-राकांपा-कांग्रेस गठबंधन की सरकार 39 शिवसेना विधायकों के रूप में अल्पमत में थी। शिंदे गुट के लोगों ने कहा है कि वे इसका समर्थन नहीं करते हैं।