न‍िजी चिकित्‍सकों ने ‘स्वास्थ्य का अधिकार’ विधेयक को वापस लेने की मांग करते हुए जयपुर में किया प्रदर्शन, सरकार ने किया इनकार, जानें पूरा मामला

By लोकमत न्यूज़ डेस्क | Updated: March 28, 2023 08:26 IST2023-03-28T08:17:31+5:302023-03-28T08:26:12+5:30

निजी अस्पताल एवं नर्सिंग होम सोसायटी के सचिव डॉ. विजय कपूर ने बताया कि आज बैठक में सर्वसम्मति से निर्णय क‍िया गया कि राज्य के सभी निजी अस्पताल भविष्य में राज्य सरकार की किसी भी योजना (आरजीएचएस एवं चिरंजीवी) में काम नहीं करेंगे।

Private doctors protest in Jaipur against Right to Health Bill know about | न‍िजी चिकित्‍सकों ने ‘स्वास्थ्य का अधिकार’ विधेयक को वापस लेने की मांग करते हुए जयपुर में किया प्रदर्शन, सरकार ने किया इनकार, जानें पूरा मामला

न‍िजी चिकित्‍सकों ने ‘स्वास्थ्य का अधिकार’ विधेयक को वापस लेने की मांग करते हुए जयपुर में किया प्रदर्शन, सरकार ने किया इनकार, जानें पूरा मामला

Highlightsविधेयक को प्रवर समिति की सिफारिशों के अनुसार पारित किया गया था।डॉक्टरों का कहना है कि उनकी एक सूत्री मांग व‍िधेयक को वापस लेना है और सरकार द्वारा मांग पूरी किए जाने के बाद ही इसके बिंदुओं पर कोई चर्चा होगी।

जयपुरः राजस्थान के निजी अस्‍पतालों एवं नर्सिंग होम के चिकित्सकों व सम्बद्ध कर्मचारियों ने राज्य सरकार के ‘स्वास्थ्य का अधिकार’ (आरटीएच) विधेयक के विरोध में सोमवार को जयपुर में विशाल रैली निकाली और अपना शक्ति प्रदर्शन किया। इन चिकित्सकों ने राजस्थान सरकार को चेतावनी दी है कि निजी अस्‍पताल भविष्य में राज्य सरकार की किसी भी चिकित्सा योजना में हिस्सेदार नहीं बनेंगे।

सरकार और निजी अस्पतालों के बीच क्या है विवाद?

वर्तमान में राज्य में आम जनता के लिए दो योजनाएं "चिरंजीवी स्वास्थ्य बीमा योजना" और राज्य के कर्मचारियों व पेंशनरों के लिए "राजस्थान सरकार स्वास्थ्य योजना" (आरजीएचएस) चल रही हैं, जिसके तहत सरकार द्वारा निजी अस्पतालों में इलाज के लिए तय नियमों के अनुसार प्रतिपूर्ति की जाती है। निजी अस्पताल एवं नर्सिंग होम सोसायटी के सचिव डॉ. विजय कपूर ने बताया कि आज बैठक में सर्वसम्मति से निर्णय क‍िया गया कि राज्य के सभी निजी अस्पताल भविष्य में राज्य सरकार की किसी भी योजना (आरजीएचएस एवं चिरंजीवी) में काम नहीं करेंगे।

न‍िजी अस्‍पताल व नर्सिंग होम के संचालकों ने यह फैसला राज्‍य व‍िधानसभा में पिछले सप्ताह पारित स्वास्थ्य का अधिकार विधेयक को वापस लेने के लिए राज्य सरकार पर दबाव बनाने के लिए क‍िया है। व‍िधेयक का विरोध कर रहे इन न‍िजी च‍िक‍ित्‍सकों व सम्‍बद्ध कर्मचारियों ने अपनी इस मांग को लेकर लेकर दबाव बनाने के लिए सोमवार को जयपुर में शक्ति प्रदर्शन करते हुए विशाल रैली निकाली। इन च‍िक‍ित्‍सकों का कहना है कि आरटीएच विधेयक से निजी अस्पताल के कामकाज में नौकरशाही का दखल बढ़ेगा।

विधेयक में क्या है?

विधेयक के अनुसार, राज्य के प्रत्येक निवासी को किसी भी "सार्वजनिक स्वास्थ्य संस्थान, स्वास्थ्य देखभाल प्रतिष्ठान और नामित स्वास्थ्य देखभाल केंद्रों" में "बिना पूर्व भुगतान" के आपातकालीन उपचार और देखभाल का अधिकार होगा।

निजी च‍िक‍ित्‍सकों की रैली एसएमएस अस्पताल के रेजिडेंट डॉक्टर छात्रावास मैदान से शुरू हुई जो सूचना केंद्र तिराहा, महारानी कॉलेज तिराहा, अशोक मार्ग और एमआई रोड पर पांच बत्ती, अजमेर गेट, न्यू गेट, अल्बर्ट हॉल होते हुए रेजिडेंट हॉस्टल मैदान पहुंची। इसमें बड़ी संख्‍या में निजी च‍िक‍ित्‍सकों, उनके परिवार के सदस्य और अन्य लोग शामिल थे। चिकित्सा व्यवसाय से जुड़े दुकानदारों व अन्‍य लोगों ने भी इसमें भाग लिया।

निजी डॉक्टरों के साथ सरकारी अस्पतालों के चिकित्सकों ने भी दो घंटे तक काम का बहिष्कार किया

निजी च‍िक‍ित्‍सकों की हड़ताल के कारण पिछले कई दिनों से राज्‍य में निजी अस्पताल और नर्सिंग होम बंद हैं। इसका असर सरकारी अस्पतालों में देखने को म‍िला है जहां बड़ी संख्या में मरीज इलाज के लिए पहुंच रहे हैं। सरकारी अस्पतालों में चिकित्सा सेवाएं भी प्रभावित हुई हैं क्योंकि राज्य भर के सरकारी डॉक्टरों ने निजी डॉक्टरों के साथ एकजुटता दिखाते हुए दो घंटे तक काम का बहिष्कार किया।

मुख्य सचिव उषा शर्मा और राज्य सरकार के अन्य वरिष्ठ अधिकारियों ने रविवार को आंदोलनरत निजी अस्पतालों के एक प्रतिनिधिमंडल के साथ बैठक की और उन्हें विधेयक के संबंध में उनके सुझावों पर चर्चा करने का आश्वासन दिया। हालांकि, न‍िजी च‍िक‍ित्‍सक इस विधेयक को वापस लेने की मांग पर अड़े हैं और कहा कि बिल वापस लेने के बाद ही कोई चर्चा संभव है।

डॉक्टर विधेयक वापस लेने पर अड़े, सरकार ने ऐसा करने से साफ इनकार किया

विधेयक को प्रवर समिति की सिफारिशों के अनुसार पारित किया गया था। डॉक्टरों का कहना है कि उनकी एक सूत्री मांग व‍िधेयक को वापस लेना है और सरकार द्वारा मांग पूरी किए जाने के बाद ही इसके बिंदुओं पर कोई चर्चा होगी। स्वास्थ्य मंत्री परसादी लाल पहले ही स्पष्ट कर चुके हैं कि व‍िधेयक वापस नहीं लिया जाएगा क्योंकि डॉक्टरों द्वारा दिए गए सभी सुझावों को पहले ही व‍िधेयक में शामिल कर लिया गया है और इसलिए यह मांग अनुचित है।

निजी अस्पताल एवं नर्सिंग होम सोसायटी के सचिव कपूर ने कहा क‍ि डॉक्टर आंदोलन कर रहे हैं और ऐसे में अगर रेजिडेंट डॉक्टरों या हड़ताल में शामिल सरकारी डॉक्टरों के खिलाफ दंडात्मक कार्रवाई की जाती है तो नाराजगी और बढ़ेगी। उन्होंने कहा कि रैली के बाद बैठक हुई जिसमें राज्य सरकार की योजनाओं के तहत काम नहीं करने का फैसला लिया गया। 

Web Title: Private doctors protest in Jaipur against Right to Health Bill know about

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