प्राचार्यों, विशेषज्ञों ने 10वीं, 12 वीं की परीक्षाएं दो हिस्सों में बांटने की योजना की सराहना की

By भाषा | Updated: July 6, 2021 16:14 IST2021-07-06T16:14:14+5:302021-07-06T16:14:14+5:30

Principals, experts appreciate the plan to divide 10th, 12th examinations into two parts | प्राचार्यों, विशेषज्ञों ने 10वीं, 12 वीं की परीक्षाएं दो हिस्सों में बांटने की योजना की सराहना की

प्राचार्यों, विशेषज्ञों ने 10वीं, 12 वीं की परीक्षाएं दो हिस्सों में बांटने की योजना की सराहना की

नयी दिल्ली, छह जुलाई स्कूलों के प्राचार्यों और शिक्षा विशेषज्ञों ने 10वीं एवं 12 वीं कक्षा की बोर्ड परीक्षाओं को दो हिस्सों में विभाजित करने केंद्रीय माध्यमिक शिक्षा बोर्ड (सीबीएसई) की योजना की सराहना की है।

उनका मानना है कि कोविड-19 महामारी के मद्देनजर लिया गया फैसला भविष्य में परीक्षा सुधारों का आधार बनेगा।

अकादमिक सत्र को विभाजित करना, टर्म के अंत में परीक्षाएं आयोजित करना और पाठ्यक्रम को युक्तिसंगत बनाना 2021-22 में 10वीं और 12 वीं कक्षाओं की परीक्षाओं के लिए सीबीएसई द्वारा घोषित विशेष मूल्यांकन योजना का हिस्सा है।

सिंधिया स्कूल के प्राचार्य माधव देव सारस्वत ने कहा, ‘‘आलोचक यह तर्क दे सकते हैं आंतरिक जांच और ‘एसाइनमेंट’ में छात्रों के प्रदर्शन में गंभीरता का अभाव है या आंतरिक मूल्यांकन किसी छात्र की क्षमता को किस तरह से प्रदर्शित कर सकता है? हालांकि, मौजूदा परिस्थितियों में यह सर्वश्रेष्ठ विकल्प है और यह पूरे साल छात्रों का अध्ययन सुनिश्चित करेगा। यदि यह फार्मूला सफल है तो बोर्ड जनजीवन सामान्य होने के बाद इसे लागू कर सकता है। ’’

डीपीएस इंदिरापुरम की प्राचार्य संगीता हजेला ने कहा कि बोर्ड परीक्षाओं का यह अब तक का पहला लचीला प्रबंधन होने जा रहा है, जो देश में परीक्षा सुधारों के एक नये युग की शुरूआत करेगा।

उन्होंने कहा, ‘‘यह योजना निश्चित तौर पर छात्रों को पूरे साल पढ़ाई करने के लिए प्रोत्साहित करेगा और वे गंभीरता से अध्ययन करना अंतिम परीक्षाओं के लिए नहीं छोड़ेंगे। ’’

डीपीएस आरएनई गाजियाबाद की प्राचार्य पल्लवी उपाध्याय का मानना है कि नयी मूल्यांकन नीति ने स्थिति से पैदा हुए सभी सवालों का हल कर दिया है और स्कूलों को निष्पक्ष तरीके से आकलन करने का विकल्प दिया है।

हालांकि, वह क्षमता आधारित प्रश्न पत्रों को लेकर सशंकित हैं और कहा कि युक्तिसंगत पाठ्यक्रम फौरन साझा किया जाना चाहिए ताकि शिक्षकों का समय पाठ्यक्रम के हटा दिये गये हिस्से पर बर्बाद नहीं हो।

उन्होंने कहा, ‘‘घटाये हुए पाठ्यक्रम के 50 प्रतिशत हिस्से के साथ दो बोर्ड परीक्षाएं आयोजित करना अच्छी योजना है और यह निश्चित तौर पर विश्वसनीय परिणाम देगा। लेकिन क्षमता आधारित कुछ सवाल भ्रामक होते हैं और ग्रामीण छात्रों को इसमें कहीं अधिक कठिनाई होगी क्योंकि इनका उत्तर पूरी तरह से अनुमान आधारित होता है। मुझे लगता है कि यह समय उन पर प्रयोग करने का नहीं है। ’’

हेरीटेज ग्रुप ऑफ स्कूल्स के निदेशक विष्णु कार्तिक ने कहा कि अंक प्रदान करने की इस योजना के कुछ अंश को कोविड के बाद के वर्षों में भी विस्तारित किया जा सकता है। लेकिन छात्रों के लिए अब भी कुछ अनिश्चिततता और अस्पष्टता है।

सेठ अनांदरम जयपुरिया ग्रुप ऑफ एजुकेशनल इंस्टीट्यूट के अध्यक्ष शिशिर जयपुरिया ने कहा कि बोर्ड परीक्षाओं को दो हिस्सों में बांटने का फैसला स्कूलों, छात्रों, शिक्षकों और यहां तक कि बोर्ड सहित सभी हितधारकों को भविष्य में अनश्चित प्रतिकूल प्रभावों के लिए तैयार करेगा।

उल्लेखनीय है कि सीबीएसई ने कोविड-19 महामारी के मद्देनजर 10वीं और 12वीं की अगले साल की बोर्ड परीक्षा के लिए विशेष मूल्यांकन योजना की सोमवार को घोषणा की थी और शिक्षण सत्र को दो हिस्सों में बांट दिया है।

बोर्ड ने 2021-22 शिक्षण सत्र के पाठ्यक्रम को युक्तिसंगत बनाने और आंतरिक मूल्यांकन और प्रोजेक्ट आदि को अधिक ‘‘विश्वसनीय’’ और ‘वैध’ बनाने संबंधी योजना की भी घोषणा की है।

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Web Title: Principals, experts appreciate the plan to divide 10th, 12th examinations into two parts

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