नई दिल्लीः प्रधानमंत्री केयर फंड को लेकर सरकार सवालों के घेरे में फँस गयी है। सरकार पर कथित आरोप है कि वह दुनिया में फैले भारतीय दूतावासों पर इस बात के लिये दबाव बना रही है कि भारतीय दूतावास अपने देशों से इस फंड में पैसा जुटाने के लिये उस देश की बड़ी कंपनियों को तैयार करें।
इस विवाद में पाकिस्तान ,क़तर और चीन से मिला पैसा भी जुड़ गया है, नतीजा राजनीतिक दल हमलावर होकर पूछ रहे हैं कि सरकार विदेशों से मिले चंदे और उसके स्रोत का खुलासा करे। कांग्रेस महासचिव रणदीप सुरजेवाला ने मोदी सरकार पर हमला करते हुये कहा कि पीएम केयर फंड का ऑडिट सीएजी से इसी कारण सरकार नहीं करा रही है क्योंकि ऑडिट से उन कारनामों की पोल खुल जायेगी जिसे सरकार छिपा रही है।
कांग्रेस ने पूछा कि दुनिया के 27 देशों से इस फंड में कितने करोड़ का चंदा आया है ,सरकार देश को बताये।क्या सरकार विदेशी कंपनियों से चंदा लेने के बदले में उन विदेशी कंपनियों को किसी रूप में उप कृत कर रही है। सरकार ने विदेशों से प्राप्त हो रहे चंदे को एफसीआरए के दायरे से बाहर क्यों किया है।
यह जानते हुये कि यह छूट का प्रावधान कानून में केवल धर्मार्थ इकाइयों को प्राप्त है। ग़ौरतलब है कि कांग्रेस सहित समूचा विपक्ष पहले भी सरकार को इस मुद्दे पर घेर चुका है और लगातार सीएजी से ऑडिट कराने की मांग उठा चुका है।
द क्विंट में प्रकाशित रिपोर्ट के हवाले से सुरजेवाला ने कहा कि, “आरटीआई से चौंकाने वाला खुलासा हुआ है कि 27 देशों में भारतीय दुतावासों ने प्रधानमंत्री की अध्यक्षता वाले पीएम केयर्स के लिए प्रचार किया भारी भरकम दान लिया जो हजारों करोड़ में है, इसके बावजूद इस फंड को सीएजी, आरटीआई या फिर ऑडिट के दायरे से अलग रखा गया।”