UN में प्रधानमंत्री का संबोधन, बोले- स्थायी सीट के लिए कब तक भारत करेगा इंतजार
By अनुराग आनंद | Published: September 26, 2020 06:45 PM2020-09-26T18:45:34+5:302020-09-26T19:51:19+5:30
संयुक्त राष्ट्र महासभा की 75वीं वर्षगांठ पर बोले पीएम मोदी कि आज हमारे सामने नई चुनौतियां हैं।
नई दिल्ली: पीएम नरेंद्र मोदीसंयुक्त राष्ट्र महासभा को संबोधित कर रहे हैं। भारत को इस तथ्य पर गर्व है कि यह संयुक्त राष्ट्र के संस्थापक सदस्यों में से एक है। इस ऐतिहासिक अवसर पर, मैं भारत के 1.3 बिलियन लोगों की भावनाओं को साझा करने के लिए इस वैश्विक मंच पर आया हूं।
संयुक्त राष्ट्र महासभा की 75वीं वर्षगांठ पर बोले पीएम मोदी कि आज हमारे सामने नई चुनौतियां हैं। UN में बदलाव की जरूरत है।
पीएम मोदी ने कहा कि अगर हम पिछले 75 वर्षों में संयुक्त राष्ट्र के प्रदर्शन का एक उद्देश्यपूर्ण आश्वासन देना चाहते हैं, तो हम कई शानदार उपलब्धियों को देखते हैं। लेकिन, साथ ही, ऐसे कई उदाहरण भी हैं जो संयुक्त राष्ट्र के काम के गंभीर आत्मनिरीक्षण की आवश्यकता को इंगित करते हैं।
Today, people of India are concerned whether this reform-process will ever reach its logical conclusion. For how long will India be kept out of the decision-making structures of the United Nations?: PM Modi at UNGA #ModiAtUNhttps://t.co/4UM87PyWSUpic.twitter.com/lMmp9qYo2a
— ANI (@ANI) September 26, 2020
पीएम नरेंद्र मोदी ने कहा कि आज पूरे विश्व समुदाय के सामने एक बहुत बड़ा सवाल है कि जिस संस्था का गठन तब की परिस्थितियों में हुआ था, उसका स्वरूप क्या आज भी प्रासंगिक है?
इसके साथ ही प्रधानमंत्री मोदी ने कहा कि अगर हम बीते 75 वर्षों में संयुक्त राष्ट्र की उपलब्धियों का मूल्यांकन करें, तो अनेक उपलब्धियां दिखाई देती हैं। अनेक ऐसे उदाहरण भी हैं, जो संयुक्त राष्ट्र के सामने गंभीर आत्ममंथन की आवश्यकता खड़ी करते हैं।
पीएम मोदी ने कहा कि ये बात सही है कि कहने को तो तीसरा विश्व युद्ध नहीं हुआ, लेकिन इस बात को नकार नहीं सकते कि अनेकों युद्ध हुए, अनेकों गृहयुद्ध भी हुए। कितने ही आतंकी हमलों ने खून की नदियां बहती रहीं। इन युद्धों में, इन हमलों में, जो मारे गए, वो हमारी-आपकी तरह इंसान ही थे।
प्रधानमंत्री ने कहा कि पिछले 8-9 महीने से पूरा विश्व कोरोना वैश्विक महामारी से संघर्ष कर रहा है। इस वैश्विक महामारी से निपटने के प्रयासों में संयुक्त राष्ट्र कहां है? एक प्रभावशाली रेस्पॉन्स कहां है?
पीएम मोदी ने कहा कि विश्व के सब से बड़े लोकतंत्र होने की प्रतिष्ठा और इसके अनुभव को हम विश्व हित के लिए उपयोग करेंगे। हमारा मार्ग जनकल्याण से जगकल्याण का है। भारत की आवाज़ हमेशा शांति, सुरक्षा, और समृद्धि के लिए उठेगी।
प्रधानमंत्री ने कहा कि संयुक्त राष्ट्र की प्रतिक्रियाओं में बदलाव, व्यवस्थाओं में बदलाव, स्वरूप में बदलाव, आज समय की मांग है। भारत की आवाज़ मानवता, मानव जाति और मानवीय मूल्यों के दुश्मन- आतंकवाद, अवैध हथियारों की तस्करी, ड्रग्स, मनी लॉन्डरिंग के खिलाफ उठेगी।
पीएम मोदी ने कहा कि विश्व के सब से बड़े लोकतंत्र होने की प्रतिष्ठा और इसके अनुभव को हम विश्व हित के लिए उपयोग करेंगे। हमारा मार्ग जनकल्याण से जगकल्याण का है। भारत की आवाज़ हमेशा शांति, सुरक्षा, और समृद्धि के लिए उठेगी।