प्रधानमंत्री मोदी का लेख विदेश के 27 अखबारों ने 10 भाषाओं में छापा
By लोकमत समाचार हिंदी ब्यूरो | Updated: January 27, 2018 03:00 IST2018-01-27T02:25:16+5:302018-01-27T03:00:45+5:30
इस दौरान सभी देशों की साझा संस्कृति और सभ्यतागत संबंधों के जरिए विकसित दोस्ती का असाधारण रूप दिखाई दिया। इसमें पीएम मोदी ने इसे एक साथ 10 देशों के राष्ट्राध्यक्षों का गणतंत्र दिवस के मौके पर आना देश के लिए सम्मान की बात कही है।

प्रधानमंत्री मोदी का लेख विदेश के 27 अखबारों ने 10 भाषाओं में छापा
शुक्रवार को 69वें गणतंत्र दिवस के अवसर पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने एक आलेख लिखा है, जिसमे भारत में आए मुख्य मेहमान के तौर पर आए 10 आसियान देशों के स्थानीय अखबारों में छपा है। इन 10 देशों की 10 भाषाओं के 27 अखबारों ने इस लेख को प्रकाशित किया है।
विदेशी अखबारों में इस मौके को पीएम नरेंद्र मोदी ने एक चौथाई दुनिया की दोस्ती बताया है। इस लेख में पीएम मोदी ने भारत और आसियान देशों की दोस्ती को बेहद खास और महत्वपूर्व बताया है। इस बात की जानकारी खुद भारतीय विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता रवीश कुमार ने ट्वीट कर दी है। उन्होंने अपने ट्वीट में लिखा कि 69वां गणतंत्र दिवस यादगार मौका रहा।
27 newspapers in 10 languages in 10 ASEAN countries! Op-Ed by PM @narendramodi on the historic occasion of 69th Republic Day & Asean-India Commemorative Summit. Exceptional gesture of friendship nurtured by shared culture & civilizational linkages! List at https://t.co/gzhB5n1lIfpic.twitter.com/A4rpI0caZS
— Raveesh Kumar (@MEAIndia) January 26, 2018
इस दौरान सभी देशों की साझा संस्कृति और सभ्यतागत संबंधों के जरिए विकसित दोस्ती का असाधारण रूप दिखाई दिया। इसमें पीएम मोदी ने इसे एक साथ 10 देशों के राष्ट्राध्यक्षों का गणतंत्र दिवस के मौके पर आना देश के लिए सम्मान की बात कही है।
मोदी ने कहा कि नई दिल्ली में गणतंत्र दिवस समारोह में 10 आसियान देशों के नेताओं की मेजबानी केवल 'कोई साधारण समारोह नहीं है', बल्कि भारत और आसियान देशों को करीब लाने के लिए 'इन देशों के 190 करोड़ लोगों के बीच मजबूत साझेदारी के लिए महान वादा है।' उन्होंने कहा कि भारत अपने 10 पूर्वी पड़ोसी देशों के साथ एक दृष्टिकोण साझा करता है, जो "समावेशी और एकजुटता की वचनबद्धता पर विकसित हुआ है, यह दृष्टिकोण आकार से परे सभी देशों की संप्रभुता में विश्वास करता है, और व्यापार व आदान-प्रदान के मुक्त और खुले रास्ते का समर्थन करता है।"