नई दिल्ली, 16 फरवरी: पीएम मोदी आज दिल्ली के तालकटोरा स्टेडियम में 'परीक्षा पर चर्चा' कार्यक्रम में हिस्सा लेंगे पहुंच गए हैं। इस कार्यक्रम में देशभर के विद्यार्थी हिस्सा ले रहे हैं।
पीएम मोदी लाइव संबोधन
- पीएम मोदी ने विद्यार्थियों के सवाल के जवाब पर कहा है कि हमें अंक के हिसाब से नहीं चलना चाहिए। मेहनत करनी चाहिए। राजनीति में भी मैं इसी सिद्धांत से चलता हूं, एक बार मन में तय कर लीजिए कि जीवन में कुछ करना चाहता हूं।- समय को खराब करना आपको प्राथमिकता का न पता होना है। आपको पता होना चाहिए कि हमारा भला किन चीजों में है और हमें क्या करना चाहिए,जरूरी नहीं है कि हमेशा एक ही टाइम टेबल काम आता है। समय के साथ यह बदलता रहता है।स्वतंत्रता को एंजॉय कीजिए, वो आपको एक नहीं ताकत देगी।- सवाल का जवाब देते हुए उन्होंने कहा है कि जब मैं CM बना तो अपने टीचर्स को मंच पर बुलाकर सम्मान किया,शिक्षकों के प्रति हमारे मन में एक भाव होना चाहिए।- नींद बहुत जरूरी है लेकिन इसका मतलब यह नहीं कि सोते ही रहें। मुझे बिस्तर पर जाने के बाद सोने में 30 सेकंड से ज्यादा नहीं लगता। आप भी अपनी नींद को वेरिफाइ करिए,आपके लिए जो अनुकूल है, वही करिए। योग का मतलब बॉडी बेंडिंग नहीं होता है।- उन्होंने कहा कि हम समाज के लोगों से जितना संपर्क में आते हैं हमारा EQ मजबूत हो जाता है। आईक्यू सफलता दे सकता है लेकिन संवेदना देने में EQ का रोल होता है।ताड़ासन योग से शरीर और मन जुड़ता है।- सवाल के जवाब पर पीएम ने कहा किअगर हम रक्त दान करते हैं और पता चलता है कि मेरा खून किसी के काम आ गया तो IQ , EQ में बदल जाता है।- मनुष्य की रचना ऐसी है कि जब वह पंच महाभूत के संपर्क में आता है तो नई ऊर्जा आ जाती है। कभी खुले पैस से मिट्टी में दौड़ने का आनंद तो लीजिए। परीक्षा के दिनों में भी मैं मेरे गांव के तालाब में नहाने जाता था।- उन्होंने कहा कि जो आपको आनंद देता है वो काम करें। आप स्वयं को खुला छोड़ दें, 24 घंटे परीक्षा, भविष्य के बारे में सोचने से काम नहीं चलता। इन शब्दों के बाहर भी दुनिया है। शास्त्रों में पंचमहाभूतों की चर्चा है।- विद्यार्थियों को संबोधित करते हुए पीएम ने कहा फोकस करना है तो डिफोकस करना सीख लीजिए।अगर आपको किसी बर्तन में दूध भरना है तो पहले बर्तन खाली करना होगा।- पीएम ने कहा कि बच्चों के लिए सोशल स्टेटस ना बनाएं, उधारी चीजें अपने बच्चों पर ना थोपें। केवल अंक ही जीवन नहीं होते हैं।लेकिन अभिभावकों ने बच्चों की उपलब्धि को सोशल स्टेटस बना दिया है। किसी और की कथा सुनकर अपने बच्चों को कहते हैं कि वे बेकार हैं।- छात्राओं के सवाल पर पीएम ने कहा कि आप चाहते हैं कि मैं आज आपके पैरंट्स की क्लास लूं।भारत का बच्चा जन्मजात राजनेता होता है क्योंकि वह जॉइंट फैमिली में रहता है। क्योंकि उसको कोई काम करवाने के लिए घर में राजनीति करनी पड़ती है।- उन्होंने कहा कि पहले आप खुद को जाने की कोशिश करें और जिसमें समर्थ हैं, उसी में आगे बढ़ने की कोशिश करिए, पहले हमें खुद को जानना चाहिए। जब आप प्रतिस्पर्धा में उतरते हैं तो तनाव महसूस होता है। आप खुद के लिए काम करिए। प्रतिस्पर्धा अपने आप हो जाएगी।- पीएम ने सवाल का जवाब देते हुए कहा कि कभी दूसरों को होड़ में ना रहें। होड़ से दूर रहने के लिए आप खुद से स्पर्धा करें। तभी आप अपने पुराने रिकॉर्ड तोड़ पाएंगे।- आप जो काम करें उससे ऑनलाइन रहें। कभी जी भरकर पानी पीजिए, उसका स्वाद लीजिए। यही कॉन्संट्रेशन है।- पीएम ने कहा कि सचिन तेंडुलकर ने कहा था कि मैं यह नहीं सोचता कि आगे वाली गेंद कैसी होगी बल्कि उस समय की गेंद खेलता हूं। वर्तमान में जीने की आदत ध्यान केंद्रित करने का रास्ता खोल देती है।- अगर आप दोस्त के साथ बात कर रहे हैं और आपका प्रिय गाना चल रहा है। अब आपका ध्यान दोस्त के साथ चला गया। आप खुद पता लगाइये कि वे कौन सी बातें हैं जिनपर आप ध्यान देते हैं और पता करिए कि आप ऐसा क्यों करते हैं? अगर आप वही तरीका पढ़ाई में लगाएंगे तो ध्यान केंद्रित करने का दायरा बढ़ता जाएगा।- पीएम ने कहा कि मैं देश की सभी भाषाओं को प्रयोग ना करके बच्चों से बात नहीं कर पा रहा हूं इसके लिए सभी विद्यार्थियों से माफ मांगती हूं।- आत्मविश्वास हर पल आता है, स्कूल जाते समय ये दिमाग से निकाल दें कि कोई एग्जाम लेने वाला है, आप ये सोच के जाएं कि आप ही अपने एग्जामनर हैं।- उन्होंने कहा कि हम सरस्वती को पूजते हैं लेकिन पेपर वाले दिन हनुमान को पूजते हैं। ये आत्मविश्वास कोई जड़ी बूटी नहीं होती। हमें हर पर कसौटी पर कसने की आदत डालनी चाहिए।- छात्राओं के सवाल का जवाब देते हुए पीएम मोदी ने कहा कि मेहनत में कमी ना होने के बाद भी हम बच्चों ने अंदर के डर रहा है क्योंकि आत्मविश्वास हिला होता है। विवेकानंद कहा करते थे कि अपने आप को कभी कम ना समझों, जब तक आपके अंदर विश्वास नहीं होगा 33 करोड़ देवी देवता भी कुछ नहीं कर पाएंगे।- देशभर के 100 करोड़ छात्रों से रूबरू होने का मौका मिला है।मीडिया ने स्वच्छ भारत अभियान को ताकत दी है। आज यह अभियान हर एक की जिम्मेदारी बन गया है।- उन्होंने कहा आज मेरी परीक्षा है आप लोग मेरी परीक्षा ले रहे हैं। आप कभी अपने अंदर का विद्यार्थी मरने नहीं देना।मैं उन शिक्षकों का धन्यवाद करती हूं जिन्होंने मुझे शिक्षक बनाए रखा।- पीएम मोदी ने देश के विद्यार्थियों को संबोधित बेहद ही हल्के अंदाज में की, उन्होंने कहा कि आप भूल जाएं मैं पीएम हूं आप समझ ले कि मैं आपका दोस्त हूं।
शिक्षामंत्री का संबोधन
- पीएम ने कहा ध्यान खास विधा नहीं है, रोज हम कोई 1 काम पूरे ध्यान से जरूर करते हैं।सचिन तेंडुलकर ने कहा था कि मैं यह नहीं सोचता कि आगे वाली गेंद कैसी होगी बल्कि उस समय की गेंद खेलता हूं। वर्तमान में जीने की आदत ध्यान केंद्रित करने का रास्ता खोल देती हैः- अगर आप दोस्त के साथ बात कर रहे हैं और आपका प्रिय गाना चल रहा है। अब आपका ध्यान दोस्त के साथ चला गया। आप खुद पता लगाइये कि वे कौन सी बातें हैं जिनपर आप ध्यान देते हैं और पता करिए कि आप ऐसा क्यों करते हैं? अगर आप वही तरीका पढ़ाई में लगाएंगे तो ध्यान केंद्रित करने का दायरा बढ़ता जाएगा।- नोएडा के विद्यार्थी के सवाल पर पीएम ने कहा है कि हर व्यक्ति दिन में कोई न कोई ऐसा काम करता है जो बड़े ध्यान से करता है। खुद को जांचना परखना आप छोड़ दें।- शिक्षामंत्री वे कहा कि सर्व शिक्षा अभियान ने नक्शा बदला लेकिन अब इसमें गुणवत्ता की दरकार है। इसका नया रूप अब सामने आएगा।- उन्होंने कहा है कि परीक्षा को पर्व के रूप में कैसे मनाया जाए। इसको लेकर प्रधानमंत्री जी ने चिंतन किया। और आज यह कार्यक्रम आयोजित किया गया है।- पीएम के संबोधन से पहले शिक्षामंत्री प्रकाश जावड़ेकर ने कहा है कि इस बड़े कार्यक्रम को पूरे देश के विद्यार्थी और उनके माता-पिता देख रहे हैं।- बच्चों को संबोधन करने से पहले वह उनसे मिले हैं।
छात्र पीएम से जानेंगे कि किस तरह से बिना तनाव के परीक्षा दी जाए। पीएम मोदी ने दो हफ्ते पहले ही 'Exam Warriors' किताब का विमोचन किया है, जिसमें बिना तनाव के परीक्षा देने पर 25 बातें पेश की गई हैं। खबर के मुताबिक इस संबोधन में पीएम मोदी कक्षा 9 से कॉलेज के द्वितीय वर्ष के छात्रों को संबोधित कर उन्हें परीक्षा की तैयारियों के गुर सीखाएंगे ताकि छात्रों को तनाव से मुक्ति मिले। वहीं, इस पूरे कार्यक्रम को 'परीक्षा-एक उत्सव' नाम दिया गया है। कहा जा रहा है कि पीएम का मानना है कि परीक्षा एक उत्सव की तरह है जिसे पूरे उमंग और उल्लास के साथ मनाया जाना चाहिए।
इस कार्यक्रम का सभी स्कूलों में प्रसारण सुनिश्चत करने के लिए केंद्रीय माध्यमिक शिक्षा बोर्ड (सीबीएसई) ने तमाम स्कूलों को कार्यक्रम के सीधे प्रसारण की व्यवस्था करने और छात्रों की उपस्थिति सुनिश्चत करने का आदेश जारी किया है। सीबीएसई ने स्कूलों को एक प्रपत्र भी भेजा है, जिसे भरकर तस्वीरों और वीडियो के साथ उसे सीबीएसई के पास भेजना होगा।
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