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प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने वाराणसी में कहा, "हमें अपनी सांस्कृतिक विरासत पर गर्व करना चाहिए"

By आशीष कुमार पाण्डेय | Updated: December 18, 2023 14:30 IST

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने सोमवार को वाराणसी में नवनिर्मित स्वर्वेद महामंदिर के उद्घाटन समारोह में कहा कि भारत के लिए अब समय का पहिया घूम गया है। अब वक्त आ गया है कि हमें गुलामी की मानसिकता से दूर जाने की जरूरत है।

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ठळक मुद्देपीएम मोदी ने वाराणसी के स्वर्वेद मंदिर के उद्घाटन में कहा कि भारत के लिए समय का पहिया घूम गया हैपीएम मोदी ने उद्घाटन समारोह में कहा कि भारतीयों को अपनी विरासत पर गर्व करना चाहिएउन्होंने कहा कि सोमनाथ से शुरू हुआ विरासत को संजोने का काम अब एक अभियान बन गया है

वाराणसी: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने सोमवार को वाराणसी में नवनिर्मित स्वर्वेद महामंदिर के उद्घाटन समारोह में कहा कि भारत के लिए अब समय का पहिया घूम गया है। अब वक्त आ गया है कि हमें गुलामी की मानसिकता से दूर जाने की जरूरत है।

समाचार एजेंसी एएनआई के अनुसार पीएम मोदी ने उद्घाटन समारोह में कहा कि भारतीयों को अपनी विरासत पर गर्व करना चाहिए।

उन्होंने कहा, "गुजरात के सोमनाथ से शुरू हुआ विरासत को संजोने का काम अब एक अभियान बन गया है। स्वतंत्रता के बाद भारत के पुराने सांस्कृतिक प्रतीकों का पुनर्निर्माण आवश्यक था।"

पीएम मोदी ने कहा, "गुलामी के कालखंड में भारत को कमजोर करने की कोशिश करने वाले तानाशाहों ने सबसे पहले हमारे प्रतीकों को निशाना बनाया। आजादी के बाद इन सांस्कृतिक प्रतीकों का पुनर्निर्माण जरूरी था।"

प्रधानमंत्री मोदी ने कहा, "आज काशी में विश्वनाथधाम की भव्यता भारत की अविनाशी महिमा की गाथा गा रही है। उज्जैन में महाकाल हमारी अमरता का प्रमाण दे रहा है। केदारनाथ धाम भी विकास की नई ऊंचाइयों को छू रहा है। अगर हमने अपनी सांस्कृतिक पहचान का सम्मान किया होता तो देश के भीतर एकता और स्वाभिमान की भावना मजबूत होती लेकिन दुर्भाग्य से ऐसा नहीं हुआ।"

कांग्रेस की सत्ता और शासन को निशाने पर लेते हुए उन्होंने आगे कहा कि आजादी के बाद सोमनाथ मंदिर के पुनर्निर्माण का भी विरोध हुआ और इस सोच का विरोध दशकों तक देश पर हावी रहा।''

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने अपने संसदीय क्षेत्र वाराणसी के बारे में बात करते हुए कहा कि यह वह शहर है जिसने भारत की कला को गढ़ा और इसे अकल्पनीय ऊंचाइयों पर ले गया।

उन्होंने कहा, "काशी से ज्ञान और शोध के नए रास्ते खुले। उद्यमों और उद्योगों से जुड़ी असीमित संभावनाओं का जन्म हुआ। आस्था के साथ-साथ योग जैसी विद्याएं भी फली-फूलीं और यहीं से पूरे विश्व के लिए मानवीय मूल्यों की अविरल धारा भी प्रवाहित हुई। अब बनारस का मतलब विकास है। अब बनारस का मतलब आस्था है और साथ ही आधुनिक सुविधाएं भी है। बनारस आज विकास की अनूठी राह पर आगे बढ़ रहा है।"

वाराणसी यात्रा के दूसरे दिन पीएम मोदी अपने निर्वाचन क्षेत्र के ग्रामीण क्षेत्र सेवापुरी में विकसित भारत संकल्प यात्रा में भाग लेंगे।

वह काशी संसद खेल प्रतियोगिता 2023 के प्रतिभागियों द्वारा कुछ लाइव खेल कार्यक्रम भी देखेंगे। उस दौरान विभिन्न सरकारी योजनाओं के लाभार्थियों से भी बातचीत करेंगे।

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