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पीएम नरेंद्र मोदी ने मात्र 16 मिनट में पूरा किया राष्ट्र के नाम सातवाँ सम्बोधन, पीएम का अब तक का दूसरा सबसे छोटा राष्ट्रीय संदेश

By सतीश कुमार सिंह | Updated: October 20, 2020 18:45 IST

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने देश के नाम संबोधन में कहा कि हमें यह ध्यान में रखना चाहिए कि भले ही लॉकडाउन समाप्त हो गया हो लेकिन वायरस अभी नहीं गया है। यह समय लापरवाह होने या यह मानने का नहीं है कि कोविड-19 समाप्त हो गया है।

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ठळक मुद्देसिर्फ 16 मिनट बोले। यह कोरोना के दौर में उनका अब तक का दूसरा सबसे कम समय का राष्ट्र के नाम संदेश रहा। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने मंगलवार को कहा कि लॉकडाउन भले खत्म हो गया है, लेकिन कोरोना वायरस खत्म नहीं हुआ है। प्रधानमंत्री ने शाम छह बजे राष्ट्र के नाम अपने संबोधन में कहा कि भारत आज संभली हुई स्थिति में है और किसी भी सूरत में इसे बिगड़ने नहीं देना है।

नई दिल्लीः प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने राष्ट्र को संबोधित किया। कोविड-19 से भारत में प्रति 10 लाख जनसंख्या पर मौत का आंकड़ा 83 है जबकि अमेरिका, ब्राजील, स्पेन जैसे देशों में यह 600 से अधिक है।

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने देश के नाम संबोधन में कहा कि हमें यह ध्यान में रखना चाहिए कि भले ही लॉकडाउन समाप्त हो गया हो लेकिन वायरस अभी नहीं गया है। यह समय लापरवाह होने या यह मानने का नहीं है कि कोविड-19 समाप्त हो गया है।

वह सिर्फ 16 मिनट बोले। यह कोरोना के दौर में उनका अब तक का दूसरा सबसे कम समय का राष्ट्र के नाम संदेश रहा। उन्होंने इस दौर में सबसे छोटा 12 मिनट का संदेश 3 अप्रैल को दिया था। तब उन्होंने जनता से 5 अप्रैल को रात में 9 मिनट घरों की बिजली बंद करके दीपक, मोमबत्ती या मोबाइल का फ्लैश जलाने की अपील की थी।

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने मंगलवार को कहा कि लॉकडाउन भले खत्म हो गया है, लेकिन कोरोना वायरस खत्म नहीं हुआ है। उन्होंने कहा कि जब तक कोरोना के खिलाफ लड़ाई में देश को सफलता नहीं मिल जाती तब तक लापरवाही नहीं बरती जानी चाहिए। प्रधानमंत्री ने शाम छह बजे राष्ट्र के नाम अपने संबोधन में कहा कि भारत आज संभली हुई स्थिति में है और किसी भी सूरत में इसे बिगड़ने नहीं देना है।

कोविड-19 महामारी के बाद अपने सातवें राष्ट्र के नाम संबोधन में प्रधानमंत्री ने कहा, ‘‘समय के साथ आर्थिक गतिविधियां भी तेजी से बढ़ रही हैं। हम में से अधिकांश लोग अपनी जिम्मेदारियों को निभाने के लिए, फिर से जीवन को गति देने के लिए, रोज घरों से बाहर निकल रहे हैं।

त्योहारों के इस मौसम में बाजारों में भी रौनक धीरे-धीरे लौट रही है।’’ उन्होंने कहा, ‘‘लेकिन हमें ये भूलना नहीं है कि लॉकडाउन भले चला गया हो, वायरस नहीं गया है। बीते 7-8 महीनों में, प्रत्येक भारतीय के प्रयास से, भारत आज जिस संभली हुई स्थिति में हैं, हमें उसे बिगड़ने नहीं देना है।’’

प्रधानमंत्री ने कहा कि एक कठिन समय से निकलकर देश आगे बढ़ रहा है

प्रधानमंत्री ने कहा कि एक कठिन समय से निकलकर देश आगे बढ़ रहा है और थोड़ी सी लापरवाही इस गति को रोक सकती है। उन्होंने कहा, ‘‘थोड़ी सी लापरवाही हमारी खुशियों को धूमिल कर सकती है। जीवन की ज़िम्मेदारियों को निभाना और सतर्कता ये दोनों साथ-साथ चलेंगे तभी जीवन में खुशिया बनी रहेंगी।’’

हमने कई ऐसे वीडियो देखे हैं जिसमें दिखा है कि लोगों ने एहतियात बरतना बंद कर दिया है, यह सही नहीं है। अगर आप लापरवाही बरत रहे हैं, बिना मास्क के बाहर निकल रहे हैं, तो आप अपने आप को, अपने परिवार को, अपने परिवार के बच्चों को, बुजुर्गों को उतने ही बड़े संकट में डाल रहे हैं। सरकार यह सुनिश्चित करने के लिए सभी प्रयास कर रही है कि टीका जब भी आता है, तो यह प्रत्येक भारतीय तक पहुंचे।

मोदी ने ट्वीट कर कहा था, ‘‘आज शाम छह बजे राष्ट्र के नाम संदेश दूंगा। आप जरूर जुड़ें।’’ भारत में जब से कोरोना संक्रमण की शुरुआत हुई है तब से प्रधानमंत्री छह बार राष्ट्र के नाम संदेश जारी कर चुके हैं। आज उनका सातवां राष्ट्र के नाम संबोधन होगा। मार्च महीने में उन्होंने इसकी शुरुआत की थी और 19 मार्च को उन्होंने लोगों से जनता कर्फ्यू की अपील की थी।

इस संबोधन में प्रधानमंत्री ने “हम स्वस्थ तो जग स्वस्थ” का नारा दिया था। अपने इस संबोधन में उन्होंने 22 मार्च को सुबह 7 बजे से रात 9 बजे तक सभी देशवासियों को जनता-कर्फ्यू का पालन करने का आग्रह किया था। उन्होंने लोगों से घरों से बाहर न निकलने की अपील की थी।

देखिए कब-कब पीएम ने किया संबोधन

19 मार्च    जनता कर्फ्यू की घोषणा    29 मिनट

24 मार्च    21 दिन का लॉकडाउन    29 मिनट

3 अप्रैल    दीप जलाने की अपील    12 मिनट

14 अप्रैल    लॉकडाउन-2 की घोषणा    25 मिनट

12 मई    20 लाख करोड़ के आर्थिक पैकेज की घोषणा    33 मिनट

30 जून    अन्न योजना नवंबर तक बढ़ाने की घोषणा    16 मिनट 

प्रधानमंत्री ने सभी से कोरोना योद्धाओं के सम्मान में पांच मिनट ताली बजाकर,थाली बजाकर या फिर घंटी बजाकर हौसला बढ़ाने और सैल्यूट करने का आग्रह किया था। इसके बाद 24 मार्च को राष्ट्र के नाम अपने संबोधन में उन्होंने 21 दिन के संपूर्ण लॉकडाउन का ऐलान किया था।

उन्होंने अपने इस संबोधन में ‘‘जान है तो जहान है’’ का नारा दिया था। तीन अप्रैल को कोरोना काल में राष्ट्र के नाम अपने तीसरे संबोधन में प्रधानमंत्री ने देशवासियों से पांच अप्रैल को रात 9 बजे 9 मिनट घर की सभी लाइटें बंद करके, घर के दरवाजे पर या बालकनी में खड़े रहकर, 9 मिनट के लिए मोमबत्ती, दीया, टॉर्च या मोबाइल की फ्लैशलाइट जलाने का अनुरोध किया था।

इसके बाद 14 अप्रैल को चार हफ्तों में चौथी बार प्रधानमंत्री ने राष्ट्र को संबोधित किया। इसमें उन्होंने तीन मई तक लॉकडाउन बढ़ाए जाने की घोषणा की थी। उन्होंने लोगों से घरों से न निकलने, उचित दूरी का पालन करने समेत सात नियमों का पालन करने का सभी से आग्रह किया था। 

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