प्रधानमंत्री मोदी ने संविधान पर बहस का दिया करारा जवाब, निशाने पर नेहरू, इंदिरा और कांग्रेस, उनके भाषण की 10 अहम बातें

By रुस्तम राणा | Updated: December 14, 2024 19:19 IST2024-12-14T18:46:23+5:302024-12-14T19:19:29+5:30

महिला अधिकार का जिक्र करते हुए पीएम मोदी ने कहा, कई देश लोकतांत्रिक हो गए लेकिन महिलाओं को अधिकार नहीं दिए गए, हमारे देश ने शुरू से ही अधिकार दिए। हम देख रहे हैं कि हर सरकारी योजना के केंद्र में महिलाएं हैं।

Prime Minister Modi gave a befitting reply to the debate on the Constitution, 10 important points of his speech | प्रधानमंत्री मोदी ने संविधान पर बहस का दिया करारा जवाब, निशाने पर नेहरू, इंदिरा और कांग्रेस, उनके भाषण की 10 अहम बातें

प्रधानमंत्री मोदी ने संविधान पर बहस का दिया करारा जवाब, निशाने पर नेहरू, इंदिरा और कांग्रेस, उनके भाषण की 10 अहम बातें

नई दिल्ली: नई दिल्ली: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने संसद में संविधान पर बहस के दौरान कांग्रेस पार्टी पर बड़ा हमला बोला। उन्होंने कहा कि पूर्व प्रधानमंत्री जवाहरलाल नेहरू ने संविधान का दुरुपयोग किया। आपातकाल और शाहबानो मामले का जिक्र करते हुए पीएम मोदी ने कहा, "एक बार जब उन्होंने खून का स्वाद चखा, तो वे इसे बार-बार दोहराना चाहते थे।"

प्रधानमंत्री मोदी ने कहा, "गांधी परिवार की मौजूदा पीढ़ी बहुत पहले खून का स्वाद चखने के बाद संविधान पर हमला करने की विरासत को आगे बढ़ा रही है।" इस पर लोकसभा में विपक्षी सांसदों ने जोरदार विरोध जताया। प्रधानमंत्री मोदी ने कहा कि पूर्व प्रधानमंत्री और कांग्रेस नेता इंदिरा गांधी संविधान में विश्वास नहीं करती थीं। 

उन्होंने कहा, "यहां तक ​​कि इंदिरा गांधी के चुनाव को भी अमान्य घोषित कर दिया गया था। फिर उन्होंने अपनी कुर्सी बचाने के लिए गुस्से में आपातकाल लागू कर दिया। उन्होंने संविधान का दुरुपयोग किया।" प्रधानमंत्री मोदी ने कहा, "यह अन्याय का दौर था। सैकड़ों लोगों को जेलों में डाल दिया गया। असंवेदनशील सरकार ने लोगों की बात नहीं सुनी।"

पीएम मोदी के भाषण की अहम बातें 

1. पीएम मोदी ने कहा, यह संविधान के 75 वर्ष पूरे होने का जश्न मनाने का समय है। मुझे खुशी है कि संसद भी इसका हिस्सा है।

2. उन्होंने कहा, हम सभी के लिए, सभी नागरिकों के लिए, तथा विश्व भर के सभी लोकतंत्र-प्रेमी नागरिकों के लिए, यह बहुत गर्व का क्षण है।

3. अपने भाषण में प्रधानमंत्री ने कहा, भारत का लोकतंत्र विश्व के लिए प्रेरणादायी रहा है, इसीलिए हम लोकतंत्र की जननी हैं।

4. उन्होंने आगे कहा, हमारी संविधान सभा में 15 महिलाएँ थीं और उन्होंने वाद-विवाद के माध्यम से चर्चाओं को सशक्त बनाया, उनकी अंतर्दृष्टि प्रभावशाली थी। यह हमारे लिए गर्व की बात है।

5. महिला अधिकार का जिक्र करते हुए पीएम ने कहा, कई देश लोकतांत्रिक हो गए लेकिन महिलाओं को अधिकार नहीं दिए गए, हमारे देश ने शुरू से ही अधिकार दिए। हम देख रहे हैं कि हर सरकारी योजना के केंद्र में महिलाएं हैं।

6. उन्होंने कहा, यह दुखद है कि आज़ादी के बाद एकता के मूल मूल्यों पर हमला किया गया। विविधता का जश्न मनाने के बजाय, कुछ लोगों ने ज़हर के बीज बोने शुरू कर दिए।

7. प्रधानमंत्री ने अपने संबोधन में कहा, एक महिला राष्ट्रपति को देखना गर्व की बात है, जो आदिवासी समुदाय से हैं। महिलाएं हर क्षेत्र में भाग लेती हैं, और उनका योगदान गौरव की बात है। हर भारतीय उनके योगदान की सराहना करता है, और इसकी प्रेरणा हमारा संविधान है।

8. उन्होंने कहा, संविधान निर्माता भारत की एकता के प्रति संवेदनशील थे और इसके प्रति जागरूक थे। डॉ. बी.आर. अंबेडकर ने कहा था, 'समस्या यह है कि भारत की विविध आबादी को कैसे एकजुट किया जाए और उन्हें एकजुट होकर निर्णय लेने के लिए कैसे एक साथ लाया जाए।'

9. उन्होंने कहा, अगर आप पिछले दस साल की हमारी नीतियों को देखेंगे तो पाएंगे कि अनुच्छेद 370 भारत की एकता में बाधा बन रहा था और इसे हटाना हमारी प्राथमिकता थी। एकता हमारी प्राथमिकता थी।

10. अपने संबोधन में प्रधानमंत्री ने एक राष्ट्र एक टैक्स की भी बात कही। उन्होंने कहा, अगर हमें आगे बढ़ना है और अगर हमें FDI चाहिए तो हमें अनुकूल माहौल देना होगा। जीएसटी ने आर्थिक एकता दी और पिछली सरकार ने भी इसमें योगदान दिया। वन नेशन वन टैक्स यानी एक राष्ट्र एक कर (One Nation One Tax) हमारा लक्ष्य है।
    

Web Title: Prime Minister Modi gave a befitting reply to the debate on the Constitution, 10 important points of his speech

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